जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि कोरोना के दूसरे फेज में जयपुर मे स्थिति नियंत्रण के बाहर हो रही है और संक्रमण की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. कोरोना के इलाज के लिए मरीज दर-दर भटक रहे हैं और राज्य सरकार गड़बड़ी करने वाले निजी अस्पतालों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है.
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कालीचरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि अब कोरोना संकट को देखते हुऐ गड़बड़ी करने वाले निजी अस्पतालों की पोल खुल गई है. कुछ निजी अस्पताल अपनी मनमानी चला रहे हैं जो आम जनता के हित में नहीं है. कुछ निजी अस्पताल मनमाने ढंग से आईसीयू बेड की अनुपलब्धता बताकर रोगियों को चलता कर देते हैं, जिससे आज सरकार की ढिलाई के कारण रोगियों की जान संकट में है. उन्होंने जयपुर में चिकित्सा विभाग को तुरंत आमजन को राहत पहुंचाने का काम कर निजी अस्पतालों पर लगाम लगाते हुए अंकुश लगाने की मांग की.
कालीचरण सराफ ने कोरोना पीड़ितों के हित को ध्यान में रखते हुए कहा कि जयपुर शहर में तेजी से कोरोना दोबारा अपने हाथ फैला रहा है. कोरोना रोगियों को आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की आवश्यकता भी हो सकती है. 50 फीसदी बेड कोरोना पीड़ितों के लिऐ सुनिश्चित किए जाएं, ऐसा निजी अस्पतालों को बाध्य करना चाहिए. प्रतिदिन अस्पतालों के बाहर आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता और अनुपलब्धता का साइन बोर्ड लगाने की बाध्यता भी सरकार को लगानी चाहिए. इस बात के लिए चिकित्सा विभाग रोज बुलेटिन भी जारी करें, जिससे आमजनता को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़. मरीज की शिकायत पर सरकार अस्पताल पर कार्रवाई करें.
सराफ ने कहा कि केन्द्र सरकार की पहल पर जीवन रक्षक दवाइयों जैसे रेमडेसेविर आदि की दर कम कर दी गई है, लेकिन ये दवाएं रोगियों की पहुंच में भी हो ऐसा सुनिश्चित किया जाना चाहिए. शिकायत आ रही है कि दवाइयों की कालाबाजारी हो रही है. जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी और अनाधिकृत स्टॉक पर सरकार को नियंत्रण करना चाहिए. सराफ ने कहा कि कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, इसलिए सरकार को ऑक्सीजन की सप्लाई पर भी ध्यान देना चाहिए.