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सीएस और एसीएस होम की जानकारी के बगैर मुख्यमंत्री निवास पर हो रहे फोन टेप: बीजेपी

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Published : Jul 18, 2020, 6:15 PM IST

फोन टेपिंग को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब विपक्ष में बैठे बीजेपी आक्रामक हो गई है. बीजेपी इसलिए आक्रामक है क्योंकि प्रदेश के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने फोन टेपिंग की जानकारी से इनकार कर दिया है. ऐसे में बीजेपी मुख्यमंत्री निवास से विधायकों के फोन टेप करने का आरोप लगा रही है.

Phone tapping case, etv bharat hindi news
फोन टेप मामला...

जयपुर. राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक के बीच एक बार फिर नया विवाद सामने आ गया है. इस बार विपक्ष गहलोत सरकार पर इसलिए ज्यादा आक्रामक है क्योंकि एक वायरल ऑडियो के जरिए कांग्रेस बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही थी. बीजेपी का आरोप है कि प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने किसी भी तरह की फोन टेपिंग की जानकारी से इनकार कर दिया है.

राजेंद्र राठौड़ का बयान...

अधिकारियों की तरफ से आए इस बयान के बाद बीजेपी के सभी नेता अब मौजूदा सरकार पर एक साथ आक्रामक हमले के अंदाज में आ गए हैं .उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने सरकार पर आरोप लगाया कि इन अधिकारियों के बयान के बाद में सरकार पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की प्रदेश की हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एचडी लोकेश शर्मा के द्वारा लंबे समय से जनप्रतिनिधियों का फोन रिकॉर्ड करने का सिलसिला जारी था और वह आज भी जारी है.

पढ़ेंः राजस्थान में सियासी घमासान के बीच पहली बार सामने आईं पूर्व सीएम राजे, कहा- कांग्रेस की आंतरिक कलह का नुकसान सीधा जनता को

मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के बयान के बाद भी किसी भी तरह से कोई फोन टेपिंग नहीं कराई जा रही है. किसी भी एजेंसी को फोन टेप करने की अधिकृत स्वीकृति नहीं दी गई है. इससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस के इस टूटे हुए दौर में जो आपाधापी मची है, उसमें जनप्रतिनिधियों के फर्जी फोन टेप ऑडियो जारी करके भ्रमित करने की कोशिश की गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि जब गृह सचिव और मुख्य सचिव इस बात को लेकर इनकार करते हैं कि फोन टेपिंग की इजाजत नहीं दी गई है. उससे साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री निवास से इस सारे षड्यंत्र का ताना-बाना बुना जा रहा है.

पढ़ेंः जो विधायक होटल फेयरमाउंट से बाहर है, वो वापस आने के लिए छटपटा रहे हैं: मंत्री रघु शर्मा

पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि इतिहास बताता है कि कांग्रेस ने अपने हित के लिए संविधान और कानून का इस्तेमाल करने का काम किया है. आज उसी चीज को राजस्थान की सरकार के दौरान यह काम कर रही है. जिस प्रकार से फोन टेपिंग के मामले में स्टैंडर्ड कानून बना हुआ है. उस सीमा को लांघते हुए किस तरीके से फोन टेपिंग का मामला किस कानून के दायरे में लाया जा रहा है. इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए. उन्होंने कहा इन सब चीजों से साफ हो गया है कि किस तरीके से राजस्थान सरकार अपनी सत्ता को बचाने के लिए अपने षड्यंत्र को अंजाम दे रही है. जिस तरीके से मुख्य सचिव और अतरिक्त मुख्य सचिव ने फोन टेपिंग की किसी भी जानकारी से इनकार किया. उससे साफ हो गया कि सरकार अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके झूठा षड्यंत्र रच रही है.

जयपुर. राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक के बीच एक बार फिर नया विवाद सामने आ गया है. इस बार विपक्ष गहलोत सरकार पर इसलिए ज्यादा आक्रामक है क्योंकि एक वायरल ऑडियो के जरिए कांग्रेस बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही थी. बीजेपी का आरोप है कि प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने किसी भी तरह की फोन टेपिंग की जानकारी से इनकार कर दिया है.

राजेंद्र राठौड़ का बयान...

अधिकारियों की तरफ से आए इस बयान के बाद बीजेपी के सभी नेता अब मौजूदा सरकार पर एक साथ आक्रामक हमले के अंदाज में आ गए हैं .उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने सरकार पर आरोप लगाया कि इन अधिकारियों के बयान के बाद में सरकार पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की प्रदेश की हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एचडी लोकेश शर्मा के द्वारा लंबे समय से जनप्रतिनिधियों का फोन रिकॉर्ड करने का सिलसिला जारी था और वह आज भी जारी है.

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मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के बयान के बाद भी किसी भी तरह से कोई फोन टेपिंग नहीं कराई जा रही है. किसी भी एजेंसी को फोन टेप करने की अधिकृत स्वीकृति नहीं दी गई है. इससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस के इस टूटे हुए दौर में जो आपाधापी मची है, उसमें जनप्रतिनिधियों के फर्जी फोन टेप ऑडियो जारी करके भ्रमित करने की कोशिश की गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि जब गृह सचिव और मुख्य सचिव इस बात को लेकर इनकार करते हैं कि फोन टेपिंग की इजाजत नहीं दी गई है. उससे साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री निवास से इस सारे षड्यंत्र का ताना-बाना बुना जा रहा है.

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पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि इतिहास बताता है कि कांग्रेस ने अपने हित के लिए संविधान और कानून का इस्तेमाल करने का काम किया है. आज उसी चीज को राजस्थान की सरकार के दौरान यह काम कर रही है. जिस प्रकार से फोन टेपिंग के मामले में स्टैंडर्ड कानून बना हुआ है. उस सीमा को लांघते हुए किस तरीके से फोन टेपिंग का मामला किस कानून के दायरे में लाया जा रहा है. इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए. उन्होंने कहा इन सब चीजों से साफ हो गया है कि किस तरीके से राजस्थान सरकार अपनी सत्ता को बचाने के लिए अपने षड्यंत्र को अंजाम दे रही है. जिस तरीके से मुख्य सचिव और अतरिक्त मुख्य सचिव ने फोन टेपिंग की किसी भी जानकारी से इनकार किया. उससे साफ हो गया कि सरकार अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके झूठा षड्यंत्र रच रही है.

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