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एयरपोर्ट में चलने वाली बसों की टैक्स वसूली पर रोक

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Published : Jul 10, 2020, 8:20 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट में चलने वाली बसों की टैक्स वसूली पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त और डीटीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं.

Rajasthan High Court issued order, एयरपोर्ट बसों की टैक्स वसूली पर रोक
एयरपोर्ट बसों की टैक्स वसूली पर रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट के भीतर चलने वाली बसों पर परिवहन विभाग की ओर से की जा रही टैक्स वसूली की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त और डीटीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश इंडो थाई की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने वर्ष 1992 में एक अधिसूचना जारी कर एयरपोर्ट के अंदर चलने वाली बस और ट्रैक्टर को छूट की श्रेणी में माना था. जिसके चलते इन वाहनों के ना तो पंजीकरण की जरूरत है और ना ही इन पर टैक्स लगाया जा सकता हैं.

पढ़ेंः यातायात नियम तोड़ने वालों की जेब होगी ढीली, प्रदेश में 10 महीने बाद लागू हुआ नया मोटर व्हीकल एक्ट

उसके बावजूद परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर कानून में संशोधन करते हुए गत दिनों याचिकाकर्ता की बसों पर कुल करीब ढाई करोड़ रुपए का टैक्स वसूलने के आदेश जारी कर दिए. याचिका में कहा गया कि एक बस की कीमत करीब 25 लाख रुपए है, लेकिन विभाग इस पर 73 लाख रुपए तक का टैक्स वसूलने की कार्रवाई कर रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने टैक्स वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट के भीतर चलने वाली बसों पर परिवहन विभाग की ओर से की जा रही टैक्स वसूली की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त और डीटीओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश इंडो थाई की ओर से दायर याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने वर्ष 1992 में एक अधिसूचना जारी कर एयरपोर्ट के अंदर चलने वाली बस और ट्रैक्टर को छूट की श्रेणी में माना था. जिसके चलते इन वाहनों के ना तो पंजीकरण की जरूरत है और ना ही इन पर टैक्स लगाया जा सकता हैं.

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उसके बावजूद परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर कानून में संशोधन करते हुए गत दिनों याचिकाकर्ता की बसों पर कुल करीब ढाई करोड़ रुपए का टैक्स वसूलने के आदेश जारी कर दिए. याचिका में कहा गया कि एक बस की कीमत करीब 25 लाख रुपए है, लेकिन विभाग इस पर 73 लाख रुपए तक का टैक्स वसूलने की कार्रवाई कर रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने टैक्स वसूली पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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