जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 महानगर प्रथम ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान (Second Wave of Corona in Jaipur) कोरोना की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर क्लेम (Claim on the basis of Corna Fake Report) लेने के मामले में चार लोगों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. अदालत मोहित, महिपाल यादव, मनोज और कमल कांत की अर्जी को खारिज दिया है.
मामले में फंसाने की कही बात : अग्रिम जमानत अर्जी में कहा गया कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद वे क्वारंटाइन भी रहे थे. उनके फरार होने का खतरा भी नहीं है. ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. बीमा कंपनी की ओर से बताया गया कि कंपनी ने 738 रुपए के प्रीमियम पर विशेष बीमा पॉलिसी जारी की थी. इसमें बीमित व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होने पर कंपनी की ओर से 50 हजार रुपए तत्काल सहायता दिए जाने का प्रावधान था.
झूठे दावों के चलते बीमा कंपनी को हुआ नुकसान : कंपनी ने कोविड रिपोर्ट के आधार पर कई लोगों को बीमा राशि का भुगतान किया. वहीं किए गए भुगतान की जांच में आया कि चारों आरोपियों के बीमा दावे झूठे पाए गए. इस पर चारों के खिलाफ अशोक नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि चारों ने मालवीय नगर स्थित डायग्नोस्टिक लैब से कोरोना पॉजिटिव की झूठी रिपोर्ट तैयार करवाई. इस तरह से झूठे दावों की वजह से बीमा कंपनी को नुकसान हुआ है और अन्य सही दावे भी संदेह में आने से भुगतान में देरी की संभावना रहती है.