जयपुर. प्रदेश में शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत पर बहस चल रही है. बहस में हिस्सा लेते हुए जब राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने यह कहा कि दो खेमें बनाने का काम राजस्थान में कांग्रेस ने किया. विधायक दल की बैठक में कभी शत प्रतिशत उपस्थिति नहीं रहती है. चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस, लेकिन उसे आधार बनाकर रात को 10:00 बजे विधानसभा सचिवालय में आकर रात को कागज निकलवाकर रात को 2:00 बजे लोगों के घरों में नोटिस चस्पा करने का काम किया, क्या यह लोकतांत्रिक था.
जैसे ही उन्होंने विधानसभा के नोटिस की बात कही, वैसे ही स्पीकर सीपी जोशी बीच में खड़े हो गए. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि यह काम असेंबली सेक्रेटेरिएट का था. रूल सेवन में लिखा हुआ है कि स्पीकर लिखित टिप्पणी मांगते हैं. मेरे पास कोई एक कंप्लेंन आई, एक अध्यक्ष के तौर पर उस कंप्लेंन को डिस्पोज करने के लिए जो उसमें नियम में लिखा हुआ है कि दूसरे नेता की क्या लिखित टिप्पणी है. यह काम विधानसभा ने किया है.
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सीपी जोशी ने कहा कि लिखित टिप्पणी और कारण बताओ नोटिस में डिफरेंस है. लिखित टिप्पणी मैंने मांगी थी, जिसका मतलब था कि केवल ये जांच करनी थी कि वह सदस्य क्या कहना चाहता है और मेरा यह अधिकार था. इस अधिकार को अगर कटारिया जी और माननीय सदस्य कंफ्यूज करते हैं तो फिर इस सदन की कोई आवश्यकता नहीं है. फिर तो हर चीज को ज्यूडिशरी ही तय करे. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि मैंने लिखित टिप्पणी मांगी थी, जिसका 7 दिन में जवाब मांगा था.
उन्होंने कहा कि जिस सदन को मैं चला रहा हूं उन्हें मुझ पर विश्वास नहीं था. अगर वो सदस्य कहते कि आप से जो समय मांगा है मुझे आगे और समय दिया जाए और अगर मैं उसे समय नहीं देता तो फिर अलग बात थी.