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12 घंटे बाद भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरने पर डटे एएनएम और जेएनएम

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Published : Nov 25, 2019, 10:38 PM IST

जयपुर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लंबित 2013 की नियमित एएनएम, जीएनएम की नौकरी से वंचित महिलाएं कांग्रेस मुख्यालय के बाहर रात में भी डटी हैं. महिलाओं की मांग है कि पहले उनके नेता उपेन यादव को जेल से रिहा किया जाए. साथ ही उनकी भर्ती की मांग मानी जाए.

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जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जीएनएम, एएनएम 2013 की नौकरी से वंचित अभ्यर्थी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. एएनएम और जेएनएम अभ्यर्थी अपने नेता उपेंद्र यादव की रिहाई और अपनी नियुक्ति की मांग पर अड़ी हैं. अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, वे धरने से नहीं उठेंगी. गहलोत सरकार बनने के बाद राजधानी में पहला इतना लंबा प्रदर्शन है. जिसमें पूरे प्रदेश से आई महिलाएं सड़क पर बैठी हैं.

जयपुर में धरने पर डटे एएनएम और जेएनएम

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लंबित 2013 की नियमित एएनएम, जीएनएम और नर्सिंग भर्ती में पदों की कटौती करने को लेकर इन पदों से वंचित महिलाएं, कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं. यह प्रदर्शन सुबह करीब 8:30 बजे शुरू हुआ था, जो अब रात को भी जारी है. दरअसल, साल 2013 में एएनएम और जीएनएम नर्सिंग भर्ती में गहलोत सरकार ने 12 हजार 278 और 15 हजार 773 पदों में भर्ती निकाली थी. जिनमें पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने 6 हजार 719 और 4 हजार 514 पदों पर ही भर्ती की.

यह भी पढ़ें. वन मंत्री विश्नोई ने की टाइगर फाउंडेशन की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

ऐसे में नौकरी से वंचित महिलांए, सोमवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय पहुंची और यहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस मामले में दोपहर में एक बार पुलिस और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच में आपस में भिड़ंत भी हुई. जिसमें कुछ महिलाओं को चोट भी लगी. लेकिन ये महिलाएं डटी हैं और जीएनएम पदों पर नियुक्ति की मांग कर रही हैं. जिन्हें करीब 12 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं. हालांकि, अब इन एएनएम महिलाओं की मांग है कि उनके नेता उपेन यादव को जेल से रिहा किया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात करवा कर उनकी नियुक्तियों का रास्ता साफ किया जाए.

यह भी पढ़ें. कृषि भूमि पर बने मैरिज गार्डन के खिलाफ होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने कहा- पंजीकृत नहीं होने से निगम-JDA का नहीं है नियंत्रण

लेकिन जिस तरीके से सुबह बेरोजगार हकीकत महासंघ के उपेन यादव समेत 11 नेताओं को जेल भेज दिया गया है. जिसके बाद अब इन महिलाओं की पहली मांग है कि पहले उनके नेताओं की रिहाई हो. उसके बाद उनकी नौकरी का रास्ता साफ किया जाए. खास बात यह है कि यह महिलाएं राजस्थान के विभिन्न इलाकों से आई हैं और सर्दी के मौसम में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही अभी रुकी हुई हैं. ये महिलाएं साफ कह रही हैं कि वे यहां से तब तक नहीं उठेगी, जब तक कि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हो जाती है.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जीएनएम, एएनएम 2013 की नौकरी से वंचित अभ्यर्थी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. एएनएम और जेएनएम अभ्यर्थी अपने नेता उपेंद्र यादव की रिहाई और अपनी नियुक्ति की मांग पर अड़ी हैं. अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, वे धरने से नहीं उठेंगी. गहलोत सरकार बनने के बाद राजधानी में पहला इतना लंबा प्रदर्शन है. जिसमें पूरे प्रदेश से आई महिलाएं सड़क पर बैठी हैं.

जयपुर में धरने पर डटे एएनएम और जेएनएम

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लंबित 2013 की नियमित एएनएम, जीएनएम और नर्सिंग भर्ती में पदों की कटौती करने को लेकर इन पदों से वंचित महिलाएं, कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं. यह प्रदर्शन सुबह करीब 8:30 बजे शुरू हुआ था, जो अब रात को भी जारी है. दरअसल, साल 2013 में एएनएम और जीएनएम नर्सिंग भर्ती में गहलोत सरकार ने 12 हजार 278 और 15 हजार 773 पदों में भर्ती निकाली थी. जिनमें पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने 6 हजार 719 और 4 हजार 514 पदों पर ही भर्ती की.

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ऐसे में नौकरी से वंचित महिलांए, सोमवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय पहुंची और यहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस मामले में दोपहर में एक बार पुलिस और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच में आपस में भिड़ंत भी हुई. जिसमें कुछ महिलाओं को चोट भी लगी. लेकिन ये महिलाएं डटी हैं और जीएनएम पदों पर नियुक्ति की मांग कर रही हैं. जिन्हें करीब 12 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं. हालांकि, अब इन एएनएम महिलाओं की मांग है कि उनके नेता उपेन यादव को जेल से रिहा किया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात करवा कर उनकी नियुक्तियों का रास्ता साफ किया जाए.

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लेकिन जिस तरीके से सुबह बेरोजगार हकीकत महासंघ के उपेन यादव समेत 11 नेताओं को जेल भेज दिया गया है. जिसके बाद अब इन महिलाओं की पहली मांग है कि पहले उनके नेताओं की रिहाई हो. उसके बाद उनकी नौकरी का रास्ता साफ किया जाए. खास बात यह है कि यह महिलाएं राजस्थान के विभिन्न इलाकों से आई हैं और सर्दी के मौसम में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही अभी रुकी हुई हैं. ये महिलाएं साफ कह रही हैं कि वे यहां से तब तक नहीं उठेगी, जब तक कि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हो जाती है.

Intro:राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जीएनएम एएनएम 2013 की नौकरी से वंचित अभ्यर्थी अभी जमी है प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरने पर अपने नेता उपेंद्र यादव की रिहाई और अपनी नियुक्ति की मांग पर अड़ी, बोली नियुक्ति नही तो नही उठेंगी,गहलोत सरकार बनने के बाद राजधानी में इतना लंबा पहला प्रदर्शन, पूरे प्रदेश से आई महिलाएं बैठी सड़क पर


Body:पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लंबित 2013 की नियमित एएनएम जीएनएम नर्सिंग भर्ती में पदों की कटौती करने को लेकर आज सुबह से बड़ी तादाद में इन पदों से महरूम रही महिलाएं कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं यह प्रदर्शन सुबह करीब 8:30 बजे शुरू हुआ था जो अब रात को भी जारी है दरअसल साल 2013 में एएनएम एवं जीएनएम नर्सिंग भर्ती में गहलोत सरकार ने 12278 एवं 15773 पदों में भर्ती निकाली थी जिनमें पूर्वर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने 6719 एवं 4514 पदों पर भर्ती की बाकी की महिलाएं अभी नौकरी से मेहरू में ऐसे में आज सुबह के तमाम महिलाएं कांग्रेस मुख्यालय पहुंची और यहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया इस मामले में दोपहर में एक बार पुलिस और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच में आपस में भिड़ंत भी हुई जिसमें कुछ महिलाओं को चोट भी लगी लेकिन यह एएनएम और जीएनएम पदों पर नियुक्ति की मांग कर रही महिलाएं अब भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन में डटी है जिन्हें करीब 12 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं हालांकि अब इन एएनएम जैन महिलाओं की मांग है कि उनके नेता उपेन यादव को जेल से रिहा किया जाए और मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात करवा कर उनकी नियुक्तियों का रास्ता साफ किया जाए लेकिन जिस तरीके से सुबह बेरोजगार हकीकत महासंघ के उपेन यादव समेत 11 नेताओं को जेल भेज दिया गया है जिसके बाद अब इन महिलाओं की मांग है कि पहले उनके नेताओं की रिहाई हो उसके बाद उनकी नौकरी का रास्ता साफ किया जाए खास बात यह है कि यह महिलाएं राजस्थान के विभिन्न इलाकों से आई है और सर्दी के मौसम में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही अभी रुकी हुई हैं और साफ कह रही हैं कि वह यहां से जब तक नहीं उठेगी जब तक कि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हो जाती है
वॉक थ्रू अजीत


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