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क्या है 'Mule Account'? जिसके जरिए आपके अकाउंट का हो सकता है गलत इस्तेमाल? ऐसे करें बचाव - Scam

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

What Is Mule Account? म्‍यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं, जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा हासिल करके, उन्हें इन खातों में ट्रांसफर कर देते हैं.इनका इस्तेमाल RBI के लिए एक बड़ा सिरदर्द भी बन गया है.

क्या है 'Mule Account'?
क्या है 'Mule Account'? (Getty Images)

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में बैंकों से 'म्‍यूल अकाउंट' पर जल्द से जल्द लगाम लगाने को कहा है. दरअसल, म्‍यूल अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. साथ ही इनका इस्तेमाल RBI के लिए एक बड़ा सिरदर्द भी बन गया है.

म्‍यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट हैं, जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा हासिल करके, उन्हें इन खातों में ट्रांसफर कर देते हैं. इस यह पैसा अवैध तरीके से फॉडस्टर को मिल जाता है. इस तरह के अकाउंट अक्सर ऐसे लोग ओपन करते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरों को अपने अकाउंट के जरिये पैसों का ट्रांजेक्‍शन करने की इजाजत देते हैं.

अपराधियों को ढूंढना मुश्किल
इनका इस्तेमाल लोग या तो जानबूझकर या अनजाने में चोरी या अवैध धन को छिपाने और ट्ंरासफर करने के लिए अपराधियों को करने देते हैं. इस अवैध धन को जब अलग-अलग अकाउंट के माध्यम से अलग-अलग देशों में ट्ंरासफर किया जाता है. इसके चलते पुलिस के लिए अपराधियों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, अकाउंट से होने वाले लेन-देन की निगरानी करके बैंक इन खातों की पहचान कर सकते हैं. संदेह होने पर इन अकाउंट को फ्रीज या बंद भी किया जा सकता है.

फर्जी कामों के बड़ा इस्तेमाल
हाल ही में, कुछ बैंकों में म्‍यूल अकाउंट्स को लेकर में चिंता जताई गई थी. फ्रॉड ट्रांजेक्शन और लोन बहार जैसे फर्जी कामों के लिए इन अकाउंट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. इसे देखते हुए RBI ने बैंकों से इस तरह के अकाउंट पर नकेल कसने और डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने को कहा है.

म्यूल अकाउंट को मोटे तौर पर 5 हिस्सो में बांटा जा सकता है
म्यूल अकाउंट पहला प्रकार विक्टम म्यूल है. इसमें अकाउंट होल्डर्स इस बात से अनजान होते हैं कि उसके अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है. दूसरा मिसलेड पार्टी अकाउंट होता है. इसमें लोग अनजाने में अपने खाते से धोखेबाजों को पैसे भेजते और प्राप्त करते हैं. तीसरे प्रकार के अकाउंट में पैसे को रखने के लिए चोरी किए गए डाक्यूमेंट्स या फर्जी पहचान पत्र के जरिए अकाउंट खोलते हैं.

चौथा प्रकार के म्यूल अकाउंट में पेडलर अवैध लेनदेन के लिए अपने असली अकाउंट को जालसाजों को बेच देता है. वहीं, पांचवे प्रकार के खाते में कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से एक नया अकाउंट ओपन करता है और जालसाजों के कहे मुताबिक पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है.

खुद को कैसे रखें सेफ?
खुद को सुरक्षित रखने के लिए आकर्षक ऑफरों, इजी मनी और नौकरियों के ऑफर वाले मैसेज आदि को लेकर सतर्कता बरतें. आसान से काम के बदले ज्यादा सैलरी जैसे ऑफर से बचें. नौकरी के अस्‍पष्‍ट ऑफरों खास कर जिनमें मनी ट्रांसफर की बात जुड़ी हो उनमें खासतौर पर सतर्कता बरतें.

इतना ही नहीं ग्राहकों को दूसरी ओर से दबाव बनाने की रणनीति से भी सतर्क रहना चाहिए. इस तरह की रणनीति के तहत लोगों से तुरंत निर्णय लेने को कहा जाता. साथ गिफ्ट कार्ड या वर्चुअल करेंसी के जरिए पेमेंट करते समय भी सावधान रहना बेहद जरूरी है.

म्‍यूल अकाउंट्स को लेकर दिशा-निर्देश
RBI के मुताबिक बैंकों और रेग्‍युलेटेड इंटिटीज से नो योर कस्टमर (KYC) डेटा के समय-समय पर अपडेट करने को कहा है. रिजर्व बैंक ने गाइडलाइंस म्‍यूल अकाउंट्स के संचालन को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी, अखाउंट ओपन करने और ट्रांजेक्‍शन की सख्ती से निगरानी करने पर जोर दे रहा है. इसके अलावा बैंकों से ऐसे उपायों को लागू करने को कहा गया है, जिससे वे म्‍यूल अकाउंट्स की पहचान करके उचित कार्रवाई की जा सके.

यह भी पढ़ें- क्या है ब्लू आधार और किसका बनता है यह? रेगुलर आधार से कितना होता है अलग? जानें

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में बैंकों से 'म्‍यूल अकाउंट' पर जल्द से जल्द लगाम लगाने को कहा है. दरअसल, म्‍यूल अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. साथ ही इनका इस्तेमाल RBI के लिए एक बड़ा सिरदर्द भी बन गया है.

म्‍यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट हैं, जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा हासिल करके, उन्हें इन खातों में ट्रांसफर कर देते हैं. इस यह पैसा अवैध तरीके से फॉडस्टर को मिल जाता है. इस तरह के अकाउंट अक्सर ऐसे लोग ओपन करते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरों को अपने अकाउंट के जरिये पैसों का ट्रांजेक्‍शन करने की इजाजत देते हैं.

अपराधियों को ढूंढना मुश्किल
इनका इस्तेमाल लोग या तो जानबूझकर या अनजाने में चोरी या अवैध धन को छिपाने और ट्ंरासफर करने के लिए अपराधियों को करने देते हैं. इस अवैध धन को जब अलग-अलग अकाउंट के माध्यम से अलग-अलग देशों में ट्ंरासफर किया जाता है. इसके चलते पुलिस के लिए अपराधियों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, अकाउंट से होने वाले लेन-देन की निगरानी करके बैंक इन खातों की पहचान कर सकते हैं. संदेह होने पर इन अकाउंट को फ्रीज या बंद भी किया जा सकता है.

फर्जी कामों के बड़ा इस्तेमाल
हाल ही में, कुछ बैंकों में म्‍यूल अकाउंट्स को लेकर में चिंता जताई गई थी. फ्रॉड ट्रांजेक्शन और लोन बहार जैसे फर्जी कामों के लिए इन अकाउंट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. इसे देखते हुए RBI ने बैंकों से इस तरह के अकाउंट पर नकेल कसने और डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने को कहा है.

म्यूल अकाउंट को मोटे तौर पर 5 हिस्सो में बांटा जा सकता है
म्यूल अकाउंट पहला प्रकार विक्टम म्यूल है. इसमें अकाउंट होल्डर्स इस बात से अनजान होते हैं कि उसके अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है. दूसरा मिसलेड पार्टी अकाउंट होता है. इसमें लोग अनजाने में अपने खाते से धोखेबाजों को पैसे भेजते और प्राप्त करते हैं. तीसरे प्रकार के अकाउंट में पैसे को रखने के लिए चोरी किए गए डाक्यूमेंट्स या फर्जी पहचान पत्र के जरिए अकाउंट खोलते हैं.

चौथा प्रकार के म्यूल अकाउंट में पेडलर अवैध लेनदेन के लिए अपने असली अकाउंट को जालसाजों को बेच देता है. वहीं, पांचवे प्रकार के खाते में कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से एक नया अकाउंट ओपन करता है और जालसाजों के कहे मुताबिक पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है.

खुद को कैसे रखें सेफ?
खुद को सुरक्षित रखने के लिए आकर्षक ऑफरों, इजी मनी और नौकरियों के ऑफर वाले मैसेज आदि को लेकर सतर्कता बरतें. आसान से काम के बदले ज्यादा सैलरी जैसे ऑफर से बचें. नौकरी के अस्‍पष्‍ट ऑफरों खास कर जिनमें मनी ट्रांसफर की बात जुड़ी हो उनमें खासतौर पर सतर्कता बरतें.

इतना ही नहीं ग्राहकों को दूसरी ओर से दबाव बनाने की रणनीति से भी सतर्क रहना चाहिए. इस तरह की रणनीति के तहत लोगों से तुरंत निर्णय लेने को कहा जाता. साथ गिफ्ट कार्ड या वर्चुअल करेंसी के जरिए पेमेंट करते समय भी सावधान रहना बेहद जरूरी है.

म्‍यूल अकाउंट्स को लेकर दिशा-निर्देश
RBI के मुताबिक बैंकों और रेग्‍युलेटेड इंटिटीज से नो योर कस्टमर (KYC) डेटा के समय-समय पर अपडेट करने को कहा है. रिजर्व बैंक ने गाइडलाइंस म्‍यूल अकाउंट्स के संचालन को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक निगरानी, अखाउंट ओपन करने और ट्रांजेक्‍शन की सख्ती से निगरानी करने पर जोर दे रहा है. इसके अलावा बैंकों से ऐसे उपायों को लागू करने को कहा गया है, जिससे वे म्‍यूल अकाउंट्स की पहचान करके उचित कार्रवाई की जा सके.

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