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देखिए जयपुर में सूर्य ग्रहण का अद्भुत दृश्य - Scientists saw solar eclipse

पूरे देश में रविवार को साल का पहला कंकड़ सूर्य ग्रहण देखा गया. राजधानी जयपुर के बिड़ला तारामंडल में वैज्ञानिकों ने अद्भुत तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की. हालांकि कोरोना के चलते शहरवासियों की नो एंट्री रही.

सूरज की मुद्रिका का दिखा अद्भुत दृश्य, Amazing view of sun sign
जयपुर में दिखा सूर्यग्रहण का अद्भुत दृश्य
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Published : Jun 21, 2020, 5:01 PM IST

जयपुर. साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को देखा गया. इस दौरान आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आया. राजधानी जयपुर के बिरला तारामंडल में वैज्ञानिकों ने अद्भुत तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की. हालांकि कोरोना के चलते शहरवासियों की नो एंट्री रही.

जयपुर में आंशिक सूर्य ग्रहण के चलते शहर में दिन में ही एकबारगी अंधेरा छा गया. पक्षियों की चहचहाहट के बीच हवा एकदम शीतल हो गई. चांद की ओट से निकली सूरज की मुद्रिका को देखना एक अद्भुत दृश्य रहा. जब 11 बजकर 56 मिनट पर जयपुर में करीब 88 प्रतिशत सूर्य ग्रहण दिखाई दिया.

जयपुर में दिखा सूर्यग्रहण का अद्भुत दृश्य

पढ़ें- सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

हालांकि जयपुर में सूर्य ग्रहण 10 बजकर 12 मिनट से शुरू हो गया था. अमावस्या की काली चांद सूर्य के चमकदार डिस्को को पश्चिमी दिशा से पहले ढकना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे पूरब की तरफ निकलते हुए नजर आया. क्योंकि चंद्रमा नजदीकी पिंड है, तो आसमान में तेज गति से चलते हुए नजर आता है. बजाएं सूर्य के क्योंकि सूर्य दूर पिंड है, तो इसलिए आसमान में धीरे चलते हुए नजर आता है. इसलिए चंद्रमा अमावस्या सूर्य को पार करते हुए चंद घंटों में निकल जाता है.

वहीं ऐसा नजारा किसी चीज को हानि पहुंचा सकता है, तो वो केवल और केवल आंखें है. इसलिए ऐहतिहात के तौर पर आंखों पर चश्मा लगाना ठीक रहता है. चंद्र ग्रहण को जहां खुली आंखों से देखना सुरक्षित होता है, वहीं सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखने की सलाह दी जाती है. यही वजह है कि स्पेशल उपकरणों की सहायता से शहरवासियों ने सूर्य ग्रहण का दीदार किया.

सूरज की मुद्रिका का दिखा अद्भुत दृश्य, Amazing view of sun sign
दिन में छाया अंधेरा

बता दें कि राहु-केतु और सूर्य का एक जगह इकट्ठे होना यह एक महज इत्तेफाक है. यही वजह है कि सूर्य ग्रहण पर जयपुर में अद्भुत नजारा देखने को मिला. जयपुर भाग्यशाली इसलिए भी है कि दिन के बिल्कुल मध्यम भाग में जब सूर्यग्रहण अपने चरम पर था, तब भी शहरवासी अपने कैमरों में साफ तस्वीरें कैद करते दिखे.

ये नजारा ठीक 25 साल पहले 24 अक्टूबर 1995 को हुए सूर्य ग्रहण की याद ताजा कर रहा था. वहीं रविवार से 18 साल 6 माह के बाद एक बार फिर ऐसा मौका आएगा, जब सबसे बड़े दिन पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.

पढ़ें- कैसे होता है सूर्य ग्रहण, जानें ग्रहण से जुड़े तथ्य

रविवार को साल का सबसे बड़ा दिन 13.38 घंटे का और रात सबसे छोटी है. जब सूर्य क्रांति से सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन ओर गया, तब यात्रा में दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर ऐसी स्थिति आई, जब किरणें एकदम लंबवत होने से किसी भी चीज की परछाई क्वेश्चन के लिए ओझल हो गई. सूर्य की दक्षिणायन यात्रा शुरू हो जाने से 22 जून से दिन छोटे होते जाएंगे और रात बड़ी होगी. वहीं 23 सितंबर वह दिन होगा, जब दिन और रात बराबर अवधि के होंगे.

जयपुर. साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को देखा गया. इस दौरान आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आया. राजधानी जयपुर के बिरला तारामंडल में वैज्ञानिकों ने अद्भुत तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की. हालांकि कोरोना के चलते शहरवासियों की नो एंट्री रही.

जयपुर में आंशिक सूर्य ग्रहण के चलते शहर में दिन में ही एकबारगी अंधेरा छा गया. पक्षियों की चहचहाहट के बीच हवा एकदम शीतल हो गई. चांद की ओट से निकली सूरज की मुद्रिका को देखना एक अद्भुत दृश्य रहा. जब 11 बजकर 56 मिनट पर जयपुर में करीब 88 प्रतिशत सूर्य ग्रहण दिखाई दिया.

जयपुर में दिखा सूर्यग्रहण का अद्भुत दृश्य

पढ़ें- सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

हालांकि जयपुर में सूर्य ग्रहण 10 बजकर 12 मिनट से शुरू हो गया था. अमावस्या की काली चांद सूर्य के चमकदार डिस्को को पश्चिमी दिशा से पहले ढकना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे पूरब की तरफ निकलते हुए नजर आया. क्योंकि चंद्रमा नजदीकी पिंड है, तो आसमान में तेज गति से चलते हुए नजर आता है. बजाएं सूर्य के क्योंकि सूर्य दूर पिंड है, तो इसलिए आसमान में धीरे चलते हुए नजर आता है. इसलिए चंद्रमा अमावस्या सूर्य को पार करते हुए चंद घंटों में निकल जाता है.

वहीं ऐसा नजारा किसी चीज को हानि पहुंचा सकता है, तो वो केवल और केवल आंखें है. इसलिए ऐहतिहात के तौर पर आंखों पर चश्मा लगाना ठीक रहता है. चंद्र ग्रहण को जहां खुली आंखों से देखना सुरक्षित होता है, वहीं सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखने की सलाह दी जाती है. यही वजह है कि स्पेशल उपकरणों की सहायता से शहरवासियों ने सूर्य ग्रहण का दीदार किया.

सूरज की मुद्रिका का दिखा अद्भुत दृश्य, Amazing view of sun sign
दिन में छाया अंधेरा

बता दें कि राहु-केतु और सूर्य का एक जगह इकट्ठे होना यह एक महज इत्तेफाक है. यही वजह है कि सूर्य ग्रहण पर जयपुर में अद्भुत नजारा देखने को मिला. जयपुर भाग्यशाली इसलिए भी है कि दिन के बिल्कुल मध्यम भाग में जब सूर्यग्रहण अपने चरम पर था, तब भी शहरवासी अपने कैमरों में साफ तस्वीरें कैद करते दिखे.

ये नजारा ठीक 25 साल पहले 24 अक्टूबर 1995 को हुए सूर्य ग्रहण की याद ताजा कर रहा था. वहीं रविवार से 18 साल 6 माह के बाद एक बार फिर ऐसा मौका आएगा, जब सबसे बड़े दिन पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.

पढ़ें- कैसे होता है सूर्य ग्रहण, जानें ग्रहण से जुड़े तथ्य

रविवार को साल का सबसे बड़ा दिन 13.38 घंटे का और रात सबसे छोटी है. जब सूर्य क्रांति से सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन ओर गया, तब यात्रा में दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर ऐसी स्थिति आई, जब किरणें एकदम लंबवत होने से किसी भी चीज की परछाई क्वेश्चन के लिए ओझल हो गई. सूर्य की दक्षिणायन यात्रा शुरू हो जाने से 22 जून से दिन छोटे होते जाएंगे और रात बड़ी होगी. वहीं 23 सितंबर वह दिन होगा, जब दिन और रात बराबर अवधि के होंगे.

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