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Rajasthan budget 2022 : कृषि विद्युत वितरण कंपनी का खाका तैयार, बिलिंग सब्सिडी कम करने पर रहेगा फोकस

गहलोत सरकार के पिछले बजट घोषणा में शामिल नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी (Agricultural Electricity Distribution Company) का खाका तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जा सकता है. प्रदेश में बनने वाली कृषि विद्युत वितरण कंपनी का नाम 'एग्रीकॉम' (उपनाम) सुझाया गया है.

Rajasthan budget 2022
कृषि विद्युत वितरण कंपनी
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Published : Feb 10, 2022, 7:13 AM IST

जयपुर. गहलोत सरकार के पिछले बजट घोषणा में शामिल नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी (Agricultural Electricity Distribution Company) का खाका तैयार कर लिया गया है. जिसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जा सकता है. प्रदेश में बनने वाली कृषि विद्युत वितरण कंपनी का नाम 'एग्रीकॉम' (उपनाम) (Agricom) सुझाया गया है. इस कंपनी के जरिए सरकार का फोकस 15 लाख किसानों (Farmers Will Get Electricity From Solar Energy In Rajasthan) को सौर उर्जा के जरिए दिन में बिजली उपलब्ध कराना और सालाना 16,500 करोड़ रुपए के सब्सिडी बोझ 70 फीसदी तक कम करना होगा.

सरकार की ओर से कंपनी गठन को लेकर तैयार किए गए कंसेप्ट नोट में यह सामने आया है. सरकार आगामी बजट से पहले कंपनी गठन की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि इसके लिए केन्द्र सरकार की कुसुम योजना (Kusum Yojana) (कंपोनेंट A और C) को पूरी तरह लागू कराने पर रहेगा. इसकी जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को देना प्रस्तावित किया गया है. हालांकि पिछले बजट की घोषणा को अब तक मूर्त रूप नहीं दिए जाने से सीएम अशोक गहलोत भी विभाग से जुड़े अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज है और इस संबंध में पिछले दिनों अपनी नाराजगी जता भी चुके हैं. जिसके बाद अधिकारियों ने इस दिशा में काम तेज कर दिया है.

पढ़ें : Rajasthan budget 2022 : नया बजट दहलीज पर...लेकिन पिछले बजट में ऊर्जा विभाग से किए गए वादे ही अधूरे

बिलिंग सब्सिडी कम करने पर फोकस : कंसेप्ट नोट में बताया गया है कि किसानों को बिजली बिल में दी जा रही सब्सिडी राशि पिछले दस साल में 31 प्रतिशत तक बढ़ गई है. वर्ष 2010-11 में सब्सिडी राशि 548 करोड़ रुपए थी, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 16545 करोड़ रुपए तक पहुंच गई.

पढ़ें : Rajasthan Agriculture Budget 2022 : प्रदेश में पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट से किसानों को खासी उम्मीद, सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज माफी

ज्यादातर कृषि कनेक्शनधारियों को अभी ग्रिड के जरिए ही बिजली सप्लाई की जा रही है. कुसुम ए में किसानों की बंजर भूमि पर सोलर प्लांट लगाना और कुसुम सी योजना में उनके 7.5 हॉर्सपावर के पंप सेट को संचालन सौर उर्जा से करना है. सरकार की सभी कृषि कनेक्शनधारियों को अब रात की बजाय दिन में ही बिजली सप्लाई देने की घोषणा है. और 15 जिलों में यह काम शुरू हो चुका है. जब दिन में ही सौर उर्जा से बिजली मिलेगी तो सरकार स्तर पर दी जा रही सब्सिडी की जरूरत कम होती जाएगी.

सौर ऊर्जा से मिलेगी राहत, होगा यह फायदा : किसान के खेत में सोलर प्लांट और सोलर युक्त पंप सेट लगेंगे तो उनसे किसान की भी कमाई होगी. कुसुम ए योजना में किसान सोलर के जरिए बिजली बनाकर ग्रिड में सप्लाई करता है तो उसे 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान मिलता है. ग्रिड से बिजली सप्लाई कम होगी तो डिस्ट्रीब्यूशन लॉस भी घटेगा. इससे बिजली चोरी और छीजत दोनों में कमी आएगी. सौर उर्जा मिलेगी तो डिस्कॉम्स को इनके लिए ज्यादा बिजली खरीदने की जरूरत नहीं होगी. इससे बिजली खरीद दर कम देनी होगी.

जयपुर. गहलोत सरकार के पिछले बजट घोषणा में शामिल नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी (Agricultural Electricity Distribution Company) का खाका तैयार कर लिया गया है. जिसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जा सकता है. प्रदेश में बनने वाली कृषि विद्युत वितरण कंपनी का नाम 'एग्रीकॉम' (उपनाम) (Agricom) सुझाया गया है. इस कंपनी के जरिए सरकार का फोकस 15 लाख किसानों (Farmers Will Get Electricity From Solar Energy In Rajasthan) को सौर उर्जा के जरिए दिन में बिजली उपलब्ध कराना और सालाना 16,500 करोड़ रुपए के सब्सिडी बोझ 70 फीसदी तक कम करना होगा.

सरकार की ओर से कंपनी गठन को लेकर तैयार किए गए कंसेप्ट नोट में यह सामने आया है. सरकार आगामी बजट से पहले कंपनी गठन की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि इसके लिए केन्द्र सरकार की कुसुम योजना (Kusum Yojana) (कंपोनेंट A और C) को पूरी तरह लागू कराने पर रहेगा. इसकी जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को देना प्रस्तावित किया गया है. हालांकि पिछले बजट की घोषणा को अब तक मूर्त रूप नहीं दिए जाने से सीएम अशोक गहलोत भी विभाग से जुड़े अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज है और इस संबंध में पिछले दिनों अपनी नाराजगी जता भी चुके हैं. जिसके बाद अधिकारियों ने इस दिशा में काम तेज कर दिया है.

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बिलिंग सब्सिडी कम करने पर फोकस : कंसेप्ट नोट में बताया गया है कि किसानों को बिजली बिल में दी जा रही सब्सिडी राशि पिछले दस साल में 31 प्रतिशत तक बढ़ गई है. वर्ष 2010-11 में सब्सिडी राशि 548 करोड़ रुपए थी, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 16545 करोड़ रुपए तक पहुंच गई.

पढ़ें : Rajasthan Agriculture Budget 2022 : प्रदेश में पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट से किसानों को खासी उम्मीद, सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज माफी

ज्यादातर कृषि कनेक्शनधारियों को अभी ग्रिड के जरिए ही बिजली सप्लाई की जा रही है. कुसुम ए में किसानों की बंजर भूमि पर सोलर प्लांट लगाना और कुसुम सी योजना में उनके 7.5 हॉर्सपावर के पंप सेट को संचालन सौर उर्जा से करना है. सरकार की सभी कृषि कनेक्शनधारियों को अब रात की बजाय दिन में ही बिजली सप्लाई देने की घोषणा है. और 15 जिलों में यह काम शुरू हो चुका है. जब दिन में ही सौर उर्जा से बिजली मिलेगी तो सरकार स्तर पर दी जा रही सब्सिडी की जरूरत कम होती जाएगी.

सौर ऊर्जा से मिलेगी राहत, होगा यह फायदा : किसान के खेत में सोलर प्लांट और सोलर युक्त पंप सेट लगेंगे तो उनसे किसान की भी कमाई होगी. कुसुम ए योजना में किसान सोलर के जरिए बिजली बनाकर ग्रिड में सप्लाई करता है तो उसे 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान मिलता है. ग्रिड से बिजली सप्लाई कम होगी तो डिस्ट्रीब्यूशन लॉस भी घटेगा. इससे बिजली चोरी और छीजत दोनों में कमी आएगी. सौर उर्जा मिलेगी तो डिस्कॉम्स को इनके लिए ज्यादा बिजली खरीदने की जरूरत नहीं होगी. इससे बिजली खरीद दर कम देनी होगी.

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