जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रमेश चंद बराड़ा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला (Disproportionate assets) दर्ज किया है. ब्यूरो ने आज गुरुवार को उनके पांच ठिकानों पर तलाशी ली तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. प्रारंभिक अनुमान के हिसाब से उन्होंने अपनी आय से 334 फीसदी संपत्ति बनाई और अपनी इस काली कमाई को क्रशर, माइनिंग और शिक्षण संस्थाओं में लगा रखा है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि एसीबी (ACB) की इंटेलिजेंस इकाई ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रमेश चंद बराड़ा के खिलाफ की गई के बारे में बताया.
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सोनी ने बताया कि अनुसंधान अधिकारी नारायण सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में पांच अलग-अलग टीमों ने यह कार्रवाई की. प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि रमेशचंद बरवाड़ा ने करीब 10.42 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियां अर्जित कर रखी है. जो वैध आय से करीब 334 फीसदी ज्यादा है. अवैध रूप से अर्जित आय को क्रशर माइनिंग और शिक्षण संस्थाओं के संचालन में निवेश करने की जानकारी मिली है.
उन्होंने बताया कि अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के नेतृत्व में आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई जारी है और अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है. बता दें कि रमेश चंद बराड़ा पहले सार्वजनिक निर्माण विभाग आबूरोड में अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत थे और हाल ही में उनका तबादला डूंगरपुर हुआ है.