जयपुर. देशभर में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध किया जा रहा है. प्रदेश में भी सत्ताधारी कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां भी इस योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रही है. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी भी सोमवार को भाजपा मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करना चाह रही थी, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को आप पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर ही रोक दिया. इस दौरान उनकी काफी देर तक पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की और हल्की झड़प भी हुई.
आम आदमी पार्टी ने सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय के बाहर अग्निपथ योजना का विरोध करने का (Agnipath Scheme Agitation) निर्णय किया था. लेकिन पुलिस पहले ही आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर पहुंचकर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पाबंद कर दिया. साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया. पुलिस के रोकने के बावजूद भी आप के कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रदेश कार्यालय जाने की जबरदस्ती कोशिश की.
पुलिस कार्रवाई के विरोध में कार्यकर्ता अपने पार्टी के कार्यालय के बाहर सड़क पर बैठ गए और केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी के खिलाफ अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए नारेबाजी भी की. विरोध के दौरान कई बार आप पार्टी के कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की भी देखने को मिली. नाराज आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को गिरफ्तारियां दी. पुलिस पार्टी के कार्यकर्ताओं को बस में भरकर ले गई.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भी नारेबाजी: केंद्र सरकार सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू कर रही है, जिसके तहत सेना में 4 साल के लिए संविदा पर भर्ती की जाएगी. इस योजना का देश भर में विरोध किया जा रहा है. इस बीच आप के कार्यकर्ता भी केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई से नाराज होकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भी नारेबाजी की.
भीलवाड़ा में प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन: अग्निपथ योजनाओं को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है. वहीं आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने सोमवार को भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन सौंपने के दौरान उन्होंने मांग की कि अग्निपथ जैसी योजना उपयोगी नहीं है. योजना को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए. अगर सरकार योजना वापस नहीं लेती है तो 4 वर्ष बाद सेना से प्रशिक्षित युवा अपराध की तरफ नहीं बढ़ेंगे इसकी क्या गारंटी है?
अजमेर में बंद बेअसर- भारतीय सेना में अग्निपथ नीति लागू करने के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ भारत बंद का आह्वान का असर अजमेर में पूरी तरह विफल रहा है. मुख्य बाजारों में सभी दुकानें और प्रतिष्ठान खुले रहे और परिवहन के साधन पर भी बंद का कोई असर नहीं दिखाई दिया. रोजमर्रा की तरह अजमेर में लोग कामकाज के लिए निकले. इधर, युवाओं के जुटने और प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पुलिस भी सड़कों पर अलर्ट नजर आई. पुलिस ने शहर के सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाला. पुलिस ने लोगों के साथ समझाइश कर उन्हें सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया. वहीं युवाओं को भी पुलिस ने हिदायत दी है कि वह हिंसा करेंगे तो पुलिस भी अपना काम करेगी.