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ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों का क्या होगा भविष्य? क्या पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को मिलेगा बढ़ावा ? - ENERGY EMERGENCY IN AMERICA

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद तेल उत्पादन और इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.

electric vehicle
इलेक्ट्रिक वाहन (Concept Photo) (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 21, 2025, 6:37 PM IST

Updated : Jan 21, 2025, 7:38 PM IST

हैदराबाद: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली. भारतीय समय के अनुसार सोमवार रात राष्ट्रपति पद की शपथ ली. शपथ लेने के फ़ौरन बाद उन्होंने अपने भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की भी घोषणा की है, ताकि अपने रणनीतिक तेल भंडार को भरा जा सके. अमेरिका में एनर्जी इमरजेंसी, ईवी पर सब्सिडी खत्म करने और पेट्रोल- डीजल वाली गाड़ियों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की. ट्रंप के इस कदम से ऑटोमोबइल इंडस्ट्री पुनर्जीवित होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

नेशनल एनर्जी इमरजेंसी घोषित करेंगेः ट्रंप ने अमेरिका में तेल और गैस के खनन को तेज करने का वादा दोहराया. उन्होंने कहा, अमेरिका फिर से एक 'मैन्युफ़ेक्चरिंग नेशन' बनेगा. ट्रंप ने कहा कि हमारे पास दुनिया में सबसे ज्यादा तेल और प्राकृतिक गैस है, और हम इसका पूरा इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने "ड्रिल बेबी ड्रिल" का नारा भी दिया. ट्रंप की इस घोषणा का असर आने वाले समय में भारत पर भी पड़ेगा. तेल खपत में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है.

यूरोपीय संघ पर टैक्स बढ़ाने की धमकीः डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के लोगों के लिए कम कर की व्यवस्था करने पर भी जोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका के लोग कम टैक्स भरें. वो अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने यूरोपीय संघ (ईयू) को चेतावनी दी कि वह अमेरिका से तेल और गैस खरीदकर अमेरिका के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करे. अगर यूरोपीय संघ ऐसा नहीं करता है तो उसके ऊपर टैरिफ यानी ज्यादा टैक्स लगा दिया जाएगा.

यूरोपीय संघ का अमेरिका से व्यापारः यूरोपीय संघ यानी ईयू 27 यूरोपीय देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक संगठन है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसका गठन हुआ था. इसमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, स्पेन, स्वीडन शामिल हैं. यूरोपीय संघ अपने निर्यात का लगभग 5वां हिस्सा अमेरिका को भेजता है. अगर ईयू पर टैरिफ लगा दिया जाएगा तो यूरोपीय संघ के देशों की कंपनियों को अमेरिका में चीजें बेचने के लिए ज्यादा टैक्स देना होगा. ऐसा होने पर ये चीजें अमेरिका में महंगी बिकेंगी जिससे उनकी बिक्री पर असर पड़ेगा.

तेल पर क्यों फोकस कर रहा अमेरिकाः अमेरिका तेल उत्पादन में विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. साल 2023 में दुनिया भर में आपूर्ति का 22% हिस्सा अमेरिका से हुआ. ईआईए ने 2024 में रेकॉर्ड कच्चे तेल के उत्पादन का अनुमान लगाया है.

इसे भी पढ़ेंः शपथ लेते ही एक्शन मोड में आए ट्रंप, 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति की 10 बड़ी घोषणाएं - DONALD TRUMP TOP DECISIONS

इसे भी पढ़ेंः ट्रंप का बड़ा फैसला, पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को किया अलग

हैदराबाद: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली. भारतीय समय के अनुसार सोमवार रात राष्ट्रपति पद की शपथ ली. शपथ लेने के फ़ौरन बाद उन्होंने अपने भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की भी घोषणा की है, ताकि अपने रणनीतिक तेल भंडार को भरा जा सके. अमेरिका में एनर्जी इमरजेंसी, ईवी पर सब्सिडी खत्म करने और पेट्रोल- डीजल वाली गाड़ियों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की. ट्रंप के इस कदम से ऑटोमोबइल इंडस्ट्री पुनर्जीवित होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

नेशनल एनर्जी इमरजेंसी घोषित करेंगेः ट्रंप ने अमेरिका में तेल और गैस के खनन को तेज करने का वादा दोहराया. उन्होंने कहा, अमेरिका फिर से एक 'मैन्युफ़ेक्चरिंग नेशन' बनेगा. ट्रंप ने कहा कि हमारे पास दुनिया में सबसे ज्यादा तेल और प्राकृतिक गैस है, और हम इसका पूरा इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने "ड्रिल बेबी ड्रिल" का नारा भी दिया. ट्रंप की इस घोषणा का असर आने वाले समय में भारत पर भी पड़ेगा. तेल खपत में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है.

यूरोपीय संघ पर टैक्स बढ़ाने की धमकीः डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के लोगों के लिए कम कर की व्यवस्था करने पर भी जोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका के लोग कम टैक्स भरें. वो अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने यूरोपीय संघ (ईयू) को चेतावनी दी कि वह अमेरिका से तेल और गैस खरीदकर अमेरिका के साथ अपने व्यापार घाटे को कम करे. अगर यूरोपीय संघ ऐसा नहीं करता है तो उसके ऊपर टैरिफ यानी ज्यादा टैक्स लगा दिया जाएगा.

यूरोपीय संघ का अमेरिका से व्यापारः यूरोपीय संघ यानी ईयू 27 यूरोपीय देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक संगठन है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसका गठन हुआ था. इसमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, स्पेन, स्वीडन शामिल हैं. यूरोपीय संघ अपने निर्यात का लगभग 5वां हिस्सा अमेरिका को भेजता है. अगर ईयू पर टैरिफ लगा दिया जाएगा तो यूरोपीय संघ के देशों की कंपनियों को अमेरिका में चीजें बेचने के लिए ज्यादा टैक्स देना होगा. ऐसा होने पर ये चीजें अमेरिका में महंगी बिकेंगी जिससे उनकी बिक्री पर असर पड़ेगा.

तेल पर क्यों फोकस कर रहा अमेरिकाः अमेरिका तेल उत्पादन में विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. साल 2023 में दुनिया भर में आपूर्ति का 22% हिस्सा अमेरिका से हुआ. ईआईए ने 2024 में रेकॉर्ड कच्चे तेल के उत्पादन का अनुमान लगाया है.

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इसे भी पढ़ेंः ट्रंप का बड़ा फैसला, पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को किया अलग

Last Updated : Jan 21, 2025, 7:38 PM IST
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