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Aaj Ka Panchang 15 जून : जानें आज का शुभ मुहूर्त, तिथि और ग्रह-नक्षत्र की चाल... - शुभ चौघड़िये

आज का पंचांग 15 जून 2021 (aaj ka panchang 15 june) : मंगलवार, शुभ मास- ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष. कोई भी कार्य करने से पहले जानें आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त (shubh muhurat) और अशुभ समय (rahu kaal)...

Online Panchang, Aaj Ka Panchang 15 June
जानें आज का शुभ मुहूर्त
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Published : Jun 15, 2021, 7:42 AM IST

जयपुर. शुभ तिथि पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि रात्रि 10 बजकर 57 मिनट तक तत्पश्चात षष्ठी तिथि रहेगी. पंचमी तिथि में सभी शुभ और मांगलिक कार्य विवाह, उपनयन, वास्तु, प्रतिष्ठा इत्यादि कार्य शुभ होते हैं, किन्तु ऋण देना शुभ नहीं माना जाता है. पंचमी तिथि में जन्मे जातक धनी, शौकीन, साहसी, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.

पढ़ें- Horoscope today 15 june 2021 राशिफल : वृषभ, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए अच्छा समय

शुभ नक्षत्र अश्लेषा नामक 'तीक्ष्ण' संज्ञक नक्षत्र रात्रि 9 बज कर 42 मिनट तक तत्पश्चात मघा नक्षत्र रहेगा. अश्लेषा में शत्रु, कोर्ट कचहरी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित है. अश्लेषा नक्षत्र गंड मूल नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र में जन्मे जातक की गंड मूल शांति हवन 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन करा लेनी चाहिए. अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, धनवान, बुद्धिमान होता है. चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन कर्क राशि में संचार करेगा.

व्रतोत्सव- श्रुति पंचमी

राहुकाल- दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक

दिशाशूल- मंगलवार को उत्त्तर दिशा में दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से गुड़ खा कर निकलें.

आज के शुभ चौघड़िये- प्रातः 9.02 मिनट से दोपहर 02.10 मिनट तक चर, लाभ, अमृत का और दोपहर 3.52 मिनट से सायं 5.35 तक शुभ का चौघड़िया

जयपुर. शुभ तिथि पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि रात्रि 10 बजकर 57 मिनट तक तत्पश्चात षष्ठी तिथि रहेगी. पंचमी तिथि में सभी शुभ और मांगलिक कार्य विवाह, उपनयन, वास्तु, प्रतिष्ठा इत्यादि कार्य शुभ होते हैं, किन्तु ऋण देना शुभ नहीं माना जाता है. पंचमी तिथि में जन्मे जातक धनी, शौकीन, साहसी, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.

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शुभ नक्षत्र अश्लेषा नामक 'तीक्ष्ण' संज्ञक नक्षत्र रात्रि 9 बज कर 42 मिनट तक तत्पश्चात मघा नक्षत्र रहेगा. अश्लेषा में शत्रु, कोर्ट कचहरी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित है. अश्लेषा नक्षत्र गंड मूल नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र में जन्मे जातक की गंड मूल शांति हवन 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन करा लेनी चाहिए. अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, धनवान, बुद्धिमान होता है. चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन कर्क राशि में संचार करेगा.

व्रतोत्सव- श्रुति पंचमी

राहुकाल- दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक

दिशाशूल- मंगलवार को उत्त्तर दिशा में दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से गुड़ खा कर निकलें.

आज के शुभ चौघड़िये- प्रातः 9.02 मिनट से दोपहर 02.10 मिनट तक चर, लाभ, अमृत का और दोपहर 3.52 मिनट से सायं 5.35 तक शुभ का चौघड़िया

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