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आज होगा 20 जिलों के 87 निकाय प्रमुखों का चुनाव, दांव पर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों की साख - local boby election

प्रदेश में 20 जिलों के 87 निकायों के प्रमुख का चुनाव रविवार शाम तक हो जाएगा. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है. बता दें कि इन 90 निकायों में 60 निकायों में भाजपा का बोर्ड और निकाय प्रमुख था. ऐसे में भाजपा के सामने एक बड़ी चुनौती ये रहेगी कि वो अपने कब्जे में रहे पुराने निकायों में वापस परचम लहराए.

निकाय प्रमुख चुनाव, rajasthan news
राजस्थान में होगा निकाय प्रमुखों का चुनाव
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Published : Feb 7, 2021, 10:12 AM IST

जयपुर. प्रदेश में 20 जिलों के 87 निकायों के प्रमुख का फैसला रविवार शाम तक हो जाएगा. बताया जा रहा है कि परिणाम दोपहर बाद आना शुरू हो जाएंगे. बता दें कि पिछले दिनों 90 निकायों के चुनाव हुए थे, जिनमें से 3 निकायों में निर्विरोध निकाय प्रमुख चुन लिए गए, इनमें 1 निकाय में भाजपा का निर्विरोध निकाय प्रमुख चुन लिया गया है.

पढ़ें: राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे राहुल गांधी, किसानों के साथ महापंचायत का कार्यक्रम

इन 90 निकायों में 60 निकायों में भाजपा का बोर्ड और निकाय प्रमुख था, जबकि 25 में कांग्रेस और 5 में निर्दलीय का बोर्ड व निकाय प्रमुख था. ऐसे में भाजपा के सामने एक बड़ी चुनौती ये रहेगी कि वो अपने कब्जे में रहे पुराने निकायों में वापस परचम लहराए. वहीं, निकायों के जो रिजल्ट आए हैं, उसमें यह साफ हो चुका है कि 60 निकायों में बीजेपी का कमल खिलना मुश्किल है. कांग्रेस सत्ता में है, जिसका फायदा निश्चित तौर पर निकाय प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा. लेकिन, पिछली बार की तुलना में इस बार कई निकायों में निर्दलीयों का ही बोलबाला रहने वाला है.

पढ़ें: राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 46 निकायों में निर्दलीय के हाथ में कांग्रेस-भाजपा का भविष्य

इनकी प्रतिष्ठा का है सवाल
प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है. ऐसे में कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों की विधानसभा में नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में कांग्रेस का वोट बनता है या नहीं. इस पर भी हर किसी की नजर रहेगी. राजस्थान में इन्हें निकाय चुनाव में 7 मंत्रियों और बालवीर विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में निकाय चुनाव है. हालांकि, जिन 7 मंत्रियों की बात हो रही है, उनमें से 2 मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने वार्डों मेंबर यानी पार्षदों के चुनाव में अपनी जीत दर्ज की है. लेकिन, शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा समेत पांच मंत्री ऐसे हैं, जहां निर्दलीय ही तय करेंगे की बोर्ड और निकाय प्रमुख किसका बनेगा. हालांकि, कांग्रेस के 22 विधायकों में से 12 विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले निकायों में पार्षदों के लिहाज से कांग्रेस को बहुमत नहीं दिला सके. इनमें से भी पांच विधायक राकेश पारीक गणेश घोघरा रामनिवास गावड़िया सुदर्शन सिंह और प्रशांत बैरवा पूरी तरीके से फेल हुए, क्योंकि इनके यहां हुए निकाय में भाजपा का बोर्ड बनना तय है. वहीं, 7 कांग्रेस विधायक ऐसे हैं, जिन्हें अपने क्षेत्र के निकायों में निर्दलीयों के सहारे रहना होगा. इसमें हरीश मीणा, हाकम अली, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, मुकेश भाकर, डॉ जितेंद्र सिंह, राजेंद्र गुड्डा के नाम शामिल है. अगर निर्दलीय कांग्रेस के साथ आए तो यहां कांग्रेस का बोर्ड बनेगा.

6 कांग्रेस विधायक अपने क्षेत्र में दिलवा चुके हैं बहुमत
इन चुनाव में कांग्रेस के छह विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में आने वाले निकायों में कांग्रेस को पार्षदों के लिहाज से पूर्ण बहुमत दिलवाया है. इनमें डेगाना से विजयपाल मिर्धा, सरदारशहर से भंवर लाल शर्मा, तारानगर से नरेंद्र बुढ़ानिया. डेंगू से राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, नोहर से अमित शासन और मंडावा से रीटा चौधरी के साथ ही राजकुमार शर्मा ने अपने क्षेत्र में पार्टी को बहुमत दिलवाया है. इसी तरह कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा ऐसे विधायक के जिनके विधानसभा क्षेत्र में पार्षद चुनाव में 50-50 रहा.

जयपुर. प्रदेश में 20 जिलों के 87 निकायों के प्रमुख का फैसला रविवार शाम तक हो जाएगा. बताया जा रहा है कि परिणाम दोपहर बाद आना शुरू हो जाएंगे. बता दें कि पिछले दिनों 90 निकायों के चुनाव हुए थे, जिनमें से 3 निकायों में निर्विरोध निकाय प्रमुख चुन लिए गए, इनमें 1 निकाय में भाजपा का निर्विरोध निकाय प्रमुख चुन लिया गया है.

पढ़ें: राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे राहुल गांधी, किसानों के साथ महापंचायत का कार्यक्रम

इन 90 निकायों में 60 निकायों में भाजपा का बोर्ड और निकाय प्रमुख था, जबकि 25 में कांग्रेस और 5 में निर्दलीय का बोर्ड व निकाय प्रमुख था. ऐसे में भाजपा के सामने एक बड़ी चुनौती ये रहेगी कि वो अपने कब्जे में रहे पुराने निकायों में वापस परचम लहराए. वहीं, निकायों के जो रिजल्ट आए हैं, उसमें यह साफ हो चुका है कि 60 निकायों में बीजेपी का कमल खिलना मुश्किल है. कांग्रेस सत्ता में है, जिसका फायदा निश्चित तौर पर निकाय प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा. लेकिन, पिछली बार की तुलना में इस बार कई निकायों में निर्दलीयों का ही बोलबाला रहने वाला है.

पढ़ें: राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 46 निकायों में निर्दलीय के हाथ में कांग्रेस-भाजपा का भविष्य

इनकी प्रतिष्ठा का है सवाल
प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है. ऐसे में कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों की विधानसभा में नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में कांग्रेस का वोट बनता है या नहीं. इस पर भी हर किसी की नजर रहेगी. राजस्थान में इन्हें निकाय चुनाव में 7 मंत्रियों और बालवीर विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में निकाय चुनाव है. हालांकि, जिन 7 मंत्रियों की बात हो रही है, उनमें से 2 मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने वार्डों मेंबर यानी पार्षदों के चुनाव में अपनी जीत दर्ज की है. लेकिन, शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा समेत पांच मंत्री ऐसे हैं, जहां निर्दलीय ही तय करेंगे की बोर्ड और निकाय प्रमुख किसका बनेगा. हालांकि, कांग्रेस के 22 विधायकों में से 12 विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले निकायों में पार्षदों के लिहाज से कांग्रेस को बहुमत नहीं दिला सके. इनमें से भी पांच विधायक राकेश पारीक गणेश घोघरा रामनिवास गावड़िया सुदर्शन सिंह और प्रशांत बैरवा पूरी तरीके से फेल हुए, क्योंकि इनके यहां हुए निकाय में भाजपा का बोर्ड बनना तय है. वहीं, 7 कांग्रेस विधायक ऐसे हैं, जिन्हें अपने क्षेत्र के निकायों में निर्दलीयों के सहारे रहना होगा. इसमें हरीश मीणा, हाकम अली, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, मुकेश भाकर, डॉ जितेंद्र सिंह, राजेंद्र गुड्डा के नाम शामिल है. अगर निर्दलीय कांग्रेस के साथ आए तो यहां कांग्रेस का बोर्ड बनेगा.

6 कांग्रेस विधायक अपने क्षेत्र में दिलवा चुके हैं बहुमत
इन चुनाव में कांग्रेस के छह विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में आने वाले निकायों में कांग्रेस को पार्षदों के लिहाज से पूर्ण बहुमत दिलवाया है. इनमें डेगाना से विजयपाल मिर्धा, सरदारशहर से भंवर लाल शर्मा, तारानगर से नरेंद्र बुढ़ानिया. डेंगू से राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, नोहर से अमित शासन और मंडावा से रीटा चौधरी के साथ ही राजकुमार शर्मा ने अपने क्षेत्र में पार्टी को बहुमत दिलवाया है. इसी तरह कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा ऐसे विधायक के जिनके विधानसभा क्षेत्र में पार्षद चुनाव में 50-50 रहा.

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