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बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों ने एकलपीठ के आदेश के विरुद्ध पेश की अपील

बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों ने एकलपीठ के आदेश के विरुद्ध अपील पेश की है. एकलपीठ ने मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को मदन दिलावर का पक्ष सुनते हुए 3 महीने में दल बदल के मामले को निस्तारित करने को कहा था.

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Published : Oct 29, 2020, 3:47 PM IST

Case of merger with BSP in Congress, Rajasthan High Court News
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा, दीपचंद, जोगिंदर सिंह अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील कर दी है. जिस पर खंडपीठ आगामी दिनों में सुनवाई करेगी. एकलपीठ ने मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को मदन दिलावर का पक्ष सुनते हुए 3 महीने में दलबदल के मामले को निस्तारित करने को कहा था.

अपील में कहा गया कि विधायकों के विलय का आदेश सितंबर 2019 में आ गया था, जिसे मदन दिलावर की ओर से मार्च 2020 को चुनौती देने के कारण पर एकलपीठ ने अपने आदेश में कुछ नहीं बताया. इसके अलावा एकलपीठ के समक्ष पेश याचिका में यह नहीं बताया गया कि विधानसभा स्पीकर का दल बदल का आदेश गलत कैसे था?

पढ़ें- INC के पूर्व सदस्य सहित अन्य के खिलाफ ED ने पेश किया परिवाद

वहीं, एकलपीठ के समक्ष स्पीकर की ओर से याचिकाकर्ता की याचिका खारिज करने के विरोध में तर्क पेश नहीं किए गए. इसके बावजूद भी एकलपीठ ने गत 24 अगस्त को मदन दिलावर की याचिका को आंशिक स्वीकार करते हुए विधानसभा स्पीकर को दिलावर का पक्ष सुनकर आदेश पारित करने को कहा गया. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए.

गौरतलब है कि मदन दिलावर ने एकलपीठ के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि उसने विधायकों के दल बदल को स्पीकर के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन स्पीकर ने उनका पक्ष सुने बिना ही तकनीकी आधार पर याचिका को खारिज कर दिया. ऐसे में दलबदल करने वाले विधायकों पर कार्रवाई की जाए.

इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने गत 24 अगस्त को स्पीकर के आदेश को प्रशासनिक आदेश की श्रेणी में मानते हुए निरस्त करने से इंकार कर दिया था. हालांकि अदालत ने विधानसभा स्पीकर की ओर से मदन दिलावर की याचिका को खारिज करने के 22 जुलाई के आदेश को रद्द करते हुए स्पीकर को दिलावर की याचिका को 3 महीने में तय करने के लिए कहा था.

जयपुर. बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा, दीपचंद, जोगिंदर सिंह अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील कर दी है. जिस पर खंडपीठ आगामी दिनों में सुनवाई करेगी. एकलपीठ ने मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को मदन दिलावर का पक्ष सुनते हुए 3 महीने में दलबदल के मामले को निस्तारित करने को कहा था.

अपील में कहा गया कि विधायकों के विलय का आदेश सितंबर 2019 में आ गया था, जिसे मदन दिलावर की ओर से मार्च 2020 को चुनौती देने के कारण पर एकलपीठ ने अपने आदेश में कुछ नहीं बताया. इसके अलावा एकलपीठ के समक्ष पेश याचिका में यह नहीं बताया गया कि विधानसभा स्पीकर का दल बदल का आदेश गलत कैसे था?

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वहीं, एकलपीठ के समक्ष स्पीकर की ओर से याचिकाकर्ता की याचिका खारिज करने के विरोध में तर्क पेश नहीं किए गए. इसके बावजूद भी एकलपीठ ने गत 24 अगस्त को मदन दिलावर की याचिका को आंशिक स्वीकार करते हुए विधानसभा स्पीकर को दिलावर का पक्ष सुनकर आदेश पारित करने को कहा गया. इसलिए एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए.

गौरतलब है कि मदन दिलावर ने एकलपीठ के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि उसने विधायकों के दल बदल को स्पीकर के समक्ष चुनौती दी थी, लेकिन स्पीकर ने उनका पक्ष सुने बिना ही तकनीकी आधार पर याचिका को खारिज कर दिया. ऐसे में दलबदल करने वाले विधायकों पर कार्रवाई की जाए.

इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने गत 24 अगस्त को स्पीकर के आदेश को प्रशासनिक आदेश की श्रेणी में मानते हुए निरस्त करने से इंकार कर दिया था. हालांकि अदालत ने विधानसभा स्पीकर की ओर से मदन दिलावर की याचिका को खारिज करने के 22 जुलाई के आदेश को रद्द करते हुए स्पीकर को दिलावर की याचिका को 3 महीने में तय करने के लिए कहा था.

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