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JEE के सभी अभ्यर्थियों की होगी वन टू वन मॉनिटरिंग, कलेक्टर ने स्टूडेंट्स से की ये अपील - SELF KILLING CASES IN KOTA

कोटा में कोचिंग छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन की हॉस्टल व कोचिंग संचालकों के साथ मीटिंग हुई.

Self killing Cases in Kota
जिला प्रशासन की हॉस्टल व कोचिंग संचालकों के साथ मीटिंग (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 9 hours ago

कोटा: कोटा में छात्रों की आत्महत्या के दो मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन एक बार फिर सक्रिय हो गया है. इस संबंध में गुरुवार को हॉस्टल एसोसिएशन और कोचिंग संस्थान के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक के बाद जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE mains )की परीक्षा दे रहे बच्चों की सीधी मॉनिटरिंग होगी. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में कोटा में 15 हजार बच्चे शामिल होंगे. ऐसे में 24 जनवरी से शुरू हो रहे एग्जाम के पहले सभी बच्चों की वन टू वन मॉनिटरिंग की जाएगी.

जिला कलेक्टर ने कहा कि पीजी भी एक बड़ा एरिया है. उनके लिए सर्वे में काफी समय लगता है. हमने कोशिश की है कि राजीव गांधी नगर और वे इलाके जहां पर ज्यादा पीजी हैं, वहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एक साथ पहुंचें. कलेक्टर डॉ गोस्वामी ने बच्चों से यह भी अपील की है कि किसी एग्जाम में पास या फेल होना कई फैक्टरर्स पर निर्भर करता है. इसके लिए खुद को जिम्मेदार नहीं समझें. उन्होंने सरकार की दी गई गाइडलाइन की पालना नहीं करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की बात भी कही.

पढ़ें: सुसाइड्स पर कोटा कलेक्टर ने लिखा पत्र, कहा- लाख आंधियां उठें, वो फूल खिल के रहेंगे, जो खिलने वाले हैं

एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि कोटा में अच्छा माहौल रहे, इसके लिए सभी प्रयासरत हैं. कोचिंग और हॉस्टल एसोसिएशन सभी को गाइडलाइन की पालना के लिए कहा गया है.कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा कि हॉस्टल्स के संगठन सरकार के निर्देश की पालना करवा देते हैं, लेकिन पीजी का एरिया अलग-अलग व काफी बड़ा है. उन लोगों को भी इस तरह की पालना करनी चाहिए. पंखों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाना चाहिए.

कोरल पार्क हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा कि शहर में 50 हजार पीजी है. कोचिंग संस्थानों ने कई बार इनकी जिम्मेदारी ली थी. हमने सभी पीजी में फ्री ऑफ कॉस्ट कोचिंग की तरफ से एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने को कहा है. हमने कोरल पार्क के आसपास के एरिया में फ्री डिवाइस लगाने का अभियान भी छेड़ा था, लेकिन लोगों ने बाद में रुझान नहीं दिखाया.

कोटा: कोटा में छात्रों की आत्महत्या के दो मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन एक बार फिर सक्रिय हो गया है. इस संबंध में गुरुवार को हॉस्टल एसोसिएशन और कोचिंग संस्थान के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक के बाद जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE mains )की परीक्षा दे रहे बच्चों की सीधी मॉनिटरिंग होगी. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में कोटा में 15 हजार बच्चे शामिल होंगे. ऐसे में 24 जनवरी से शुरू हो रहे एग्जाम के पहले सभी बच्चों की वन टू वन मॉनिटरिंग की जाएगी.

जिला कलेक्टर ने कहा कि पीजी भी एक बड़ा एरिया है. उनके लिए सर्वे में काफी समय लगता है. हमने कोशिश की है कि राजीव गांधी नगर और वे इलाके जहां पर ज्यादा पीजी हैं, वहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एक साथ पहुंचें. कलेक्टर डॉ गोस्वामी ने बच्चों से यह भी अपील की है कि किसी एग्जाम में पास या फेल होना कई फैक्टरर्स पर निर्भर करता है. इसके लिए खुद को जिम्मेदार नहीं समझें. उन्होंने सरकार की दी गई गाइडलाइन की पालना नहीं करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की बात भी कही.

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एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि कोटा में अच्छा माहौल रहे, इसके लिए सभी प्रयासरत हैं. कोचिंग और हॉस्टल एसोसिएशन सभी को गाइडलाइन की पालना के लिए कहा गया है.कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा कि हॉस्टल्स के संगठन सरकार के निर्देश की पालना करवा देते हैं, लेकिन पीजी का एरिया अलग-अलग व काफी बड़ा है. उन लोगों को भी इस तरह की पालना करनी चाहिए. पंखों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाना चाहिए.

कोरल पार्क हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा कि शहर में 50 हजार पीजी है. कोचिंग संस्थानों ने कई बार इनकी जिम्मेदारी ली थी. हमने सभी पीजी में फ्री ऑफ कॉस्ट कोचिंग की तरफ से एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने को कहा है. हमने कोरल पार्क के आसपास के एरिया में फ्री डिवाइस लगाने का अभियान भी छेड़ा था, लेकिन लोगों ने बाद में रुझान नहीं दिखाया.

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