जयपुर. प्रदेश भर में चलने वाले 15 साल पुराने डीजल के वाहन (diesel vehicles) 30 सितंबर के बाद बंद हो जाएंगे. जयपुर सहित प्रदेश के कोटा, जोधपुर, अलवर और उदयपुर में 30 सितंबर के बाद 15 साल पुराने कमर्शियल डीजल वाहन नहीं चल सकेंगे. इतना ही नहीं 30 सितंबर के बाद इन वाहनों की कैटेगरी भी चेंज नहीं हो सकेगी.
21वीं सदी के अंतर्गत वायु प्रदूषण (air pollution) एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्रीय सड़क व परिवहन राजमार्ग मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है. इसी के तहत केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से स्क्रैप पॉलिसी भी लाई गई है.
30 सितंबर से 15 साल पुराने डीजल कॉमर्शियल वाहन नहीं चल सकेंगे. इसके बाद एनओसी भी जारी नहीं की जाएगी. निर्धारित तारीख के बाद इन वाहनों के परमिट फिटनेस आरसी विभाग की ओर से जारी नहीं किए जाएंगे. पेट्रोल (Petrol), सीएनजी (CNG) और एलपीजी (LPG) से चलने वाले 15 साल पुरानी कमर्शियल वाहन यथावत रहेंगे.
जयपुर में 40000 से अधिक 15 साल से पुराने डीजल वाहन हैं. फिलहाल, पुराने प्राइवेट नंबर में डीजल, पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी में चल रही जीप और अन्य वाहन को आरसी रिन्यूअल कराने में किसी भी तरह की रोक नहीं है. दूसरी तरफ विभाग 15 साल पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए आरसी रिनुअल की फीस भी महंगी कर सकता है.
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परिवहन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आदेशों के अनुसार 15 साल पुरानी डीजल के कमर्शियल वाहन नहीं चल सकेंगे. ऐसे वाहनों को 31 मार्च 2020 तक बंद करना था लेकिन कोरोना को देखते हुए इसे 30 सितंबर 2021 किया गया है. 5 शहरों को छोड़कर यदि वाहन मालिक दूसरे शहर में जाकर इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाता है तो परिवहन विभाग की ओर से उसका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.
इसके साथ ही एनजीटी (NGT) के आदेशों के अनुसार इसमें दो तरीके की कंडीशन भी रखी गई है. जिसमें एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अलवर, भरतपुर जिले में 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहन उधर नहीं चल सकेंगे. साथ ही 10 साल पुरानी डीजल के वाहन एनसीआर क्षेत्र में नहीं चल सकेंगे. इन लोगों के वाहनों की रजिस्ट्रेशन भी दूसरे शहरों में नहीं हो पाएंगे.