जयपुर. राजस्थान सरकार ने जेल विभाग और आईओसीएल के साथ मिलकर शुरू किए पायलट प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही प्रदेश के 10 जिलों की 10 सेंट्रल जेल में 10 पेट्रोल पंपों का संचालन किया जाएगा. हालांकि, प्रथम फेज में 4 जिलों की सेंट्रल जेल में पेट्रोल पंप की शुरुआत की जाएगी.
बता दें कि, इन पेट्रोल पंपों के शुरू होने से कैदियों को काम मिल जाएगा. जेल में बंद कैदी ही इन पंपों पर वाहनों में ईंधन भरने का काम करेंगे. यहां काम कर के वो पब्लिक डीलिंग करना भी सीख सकेंगे. हालांकि, अभी इस प्रोजेक्ट पर काम पूरा नहीं हुआ है और सरकार की तरफ से दिया जाने वाला 2 करोड़ रुपए का बजट भी अटका हुआ है. जिसके चलते काम धीमी गति से चल रहा है.
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वहीं, इस योजना के तहत पहला पेट्रोल पंप जयपुर सेंट्रल जेल में खुल गया है. जिसका वर्तमान में संचालन आईओसीएल कंपनी कर रही है. हालांकि, अभी इस पेट्रोल पंप का काम पूरा नहीं हुआ है. जिसके चलते पेट्रोल पंप अभी जेल प्रशासन को हैंडोवर नहीं किया गया है. पेट्रोल पंप का काम पूरा हो जाने पर जयपुर सेंट्रल जेल पेट्रोल पंप की बागडोर अपने हाथों में ले लेगी. जिसके बाद कैदियों से वाहनों में ईंधन भरवाने का काम किया जाएगा. प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में अलवर, कोटा, भरतपुर और जयपुर सेंट्रल जेल में इन पेट्रोल पंपों की शुरुआत की जाएगी.
10 साल से जेल में बंद कैदी करेंगे पेट्रोल पंप पर काम..
प्रोजेक्ट के तहत 10 साल या उससे अधिक समय से जेल में बंद कैदियों को ही पेट्रोल पंप पर काम करने की इजाजत दी जाएगी. पेट्रोल पंप पर 24 घंटे ईंधन उपलब्ध रहेगा. जहां पर चार शिफ्ट में कैदी काम करेंगे. अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रतिमाह प्रत्येक पेट्रोल पंप से जेल विभाग को 5 लाख रुपए की आमदनी होगी. पूरे प्रदेश में इस तरह के 10 पेट्रोल पंप खोले जाएंगे.