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'इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए हल्दी और केसर युक्त दूध बनाया जा रहा है'

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Published : Jul 4, 2020, 2:05 PM IST

Updated : Jul 4, 2020, 2:10 PM IST

भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डेयरी की ओर से भीलवाड़ा वासियों को इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए हल्दी और केसर युक्त दूध का निर्माण किया जा रहा है. जिससे लोग स्वस्थ रह सकेंगे.

rajasthan news, भीलवाड़ा न्यूज
पूर्व मंत्री रामलाल जाट से ईटीवी भारत की खास बातचीत

भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ को 38 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. जो धीरे-धीरे अब कम हो रहा है. वहीं, भीलवाड़ा डेयरी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार भी दूसरे देशों से दूध का पाउडर मंगवा रही है जबकि एक ओर चाइनीस चीजों के ब्रैण्ड की बात कर रही है, ये सरकार की दोगली नीति है. जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना नहीं फैले और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े उसके लिए हल्दी का दूध बनाया जा रहा है. वहीं, प्रदेश में पहला और देश में तीसरा ऑनलाइन भीलवाड़ा दूध उत्पादक सहकारी संघ होगा जिसकी समस्त कार्य प्रणाली ऑनलाइन होगी.

पूर्व मंत्री रामलाल जाट से ईटीवी भारत की खास बातचीत (part 1)

भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री वर्तमान में मांडल से कांग्रेस विधायक और भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के समय लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भीलवाड़ा जिले के पशुपालकों को कोई समस्या नही हुई. रामलाल ने कहा कि राजस्थान में को-ऑपरेटिव मूवमेंट में भीलवाड़ा दुग्ध संघ अहम स्थान रखता है. फिर भी लॉकडाउन में यहां के उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी. यहां की पुलिस, मेडिकल, प्रशासन सब के सहयोग और मुख्यमंत्री की ओर से दी गई गाइडलाइन के अनुसार यहां घर- घर दूध पहुंचाया गया था. जिसकी अच्छी व्यवस्था की गई थी, लेकिन 2 लाख लोगों के यहां से पलायन करने के कारण दूध की बिक्री पर फर्क पड़ा है. खासतौर पर भारत सरकार की डीएमएस डेरी उसने 10 - 11 रूपए प्रति लीटर दूध खरीद कम किया, वो प्रभाव भी यहां के पशुपालकों पर पड़ा.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 रूपए प्रति लीटर की सब्सिडी दी वो एक संबल के रूप में पशुपालकों को मिली. हमनें 2 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से मई तक का पेमेंट कर दिया है. इसके साथ जो प्राइवेट वैंडर जैसे अमूल, मदर, पायस और कृष्णा डेरिया है वो लॉकडाउन के दौरान बंद रही. हमनें राज्य सरकार से कहकर जो कंपनी एक्ट के तहत डेरिया है उन दूध खरीद केंद्र को पाबंद करवाया.

उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा जिले में 20 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था और कर्फ्यू लगा था, लेकिन 14 मार्च तक समिति में जिस भी पशुपालक ने दूध दिया उनसे हमनें लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन दूध लिया. जिससे मार्केट में हमारे दूध बिक्री में काफी दिक्कत आई. संघ का दूध मार्केट में कम बिकने से पाउडर बनाना पड़ा और इनका भी स्टॉक हो गया.

18 प्रतिशत नुकसान की हुई रिकवरी

पशुपालकों को प्रदेश के बाकी संघ की तरह हमने 1 और 2 दिन दुग्ध का खरीद बंद भी नहीं किया, जबकि राजस्थान में अन्य संघों ने 2-2 दिन दूध बंद रखा. हमनें अनवरत दूध लिया और लॉकडाउन के दौरान हर 15 दिन के अंतराल में उनको पेमेंट किया. इन सब चीजों के बावजूद भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक संघ को 38 प्रतिशत का नुकसान हुआ. धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने के बाद इसमें सुधार हो रहा है. पहले महीने में 18 प्रतिशत नुकसान की रिकवरी हुई, अब 20 प्रतिशत नुकसान चल रहा है.

सबसे बड़ी बात ये हैं कि भारत सरकार ने 10 हजार मैट्रिक टन दूध पाउडर आयात करने का काम किया, लेकिन हिंदुस्तान में प्राइवेट और को-ऑपरेटिव मूवमेंट में ढेर सारा दूध का पाउडर पड़ा हुआ है. एक तरफ तो देश में पाउडर है दूसरी ओर चाइना की चीजों पर सरकार बैन लगाने की सोच रही है, वहीं दूसरी तरफ बाहर से माल को मंगवा रही है, जिससे पशुपालकों की कमर टूट जाएगी. हमनें इसे लेकर लिखित में यहां के सांसद, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात की. जिसमें प्रदेश के सभी अध्यक्ष शामिल थे.

पूर्व मंत्री रामलाल जाट ईटीवी भारत की खास बातचीत (part 2)

भीलवाड़ा में मौजूद 300 दुग्ध उत्पादक खरीद केंद्र

वहीं, भीलवाड़ा जिले में 300 दुग्ध उत्पादक खरीद केंद्र है. भीलवाड़ा पूरे देश में तीसरा ऐसा जिला होगा जहां ऑनलाइन सभी काम होंगे. देश में कर्नाटक और केरल के बाद भीलवाड़ा जिले की 300 समितियों का ऑनलाइन का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही ये शुरू भी हो जाएगा.

वहीं, भीलवाड़ा मॉडल के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल यहां के जनप्रतिनिधि, प्रशासन, मेडिकल टीम के अथक प्रयास से बनाया गया है. कोरोना के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना पर रोकथाम के लिए यहां टीम भेजी और हमेशा मॉनिटरिंग करते थे. लॉकडाउन के दौरान हमनें घर- घर दूध पहुंचाया. पशुपालकों और उपभोक्ताओं की मदद ही हमारा उद्देश्य है. जिससे उत्पादक और उपभोक्ताओं को लाभ मिले और शुद्ध चीज मिले.

भीलवाड़ा वासियों के लिए बनाया जा रहा हल्दी का दूध

वहीं, हल्दी के दूध बनाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सवाल पर पूर्व मंत्री और डेयरी अध्यक्ष रामलाल जाट ने कहा कि आज के दौर में आयुर्वेद जरूरी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पहला सुख निरोगी काया का नारा दिया, उसी के अनुरूप भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ हल्दी और केसर युक्त दूध बना रहा है. इस दूध को पीने से यहां के उपभोक्ता की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. इस दुग्ध को लंबे समय तक पीने से कोरोना हमारे पास नहीं आएगा.

भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने हमारी टीम की राय लेने के बाद 200 ग्राम प्रति पैक में केसर और हल्दी युक्त दूध का फ्लेवर मिल्क तैयार किया है जो चाहे बच्चे हो, चाहे बुजुर्ग या कोई भी हो उस दूध को पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. अब देखना ये होगा कि कोरोना के समय लगे लॉकडाउन से भीलवाड़ा डेयरी को जो नुकसान हुआ है वो नुकसान अब धीरे-धीरे कम होता है.

भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ को 38 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. जो धीरे-धीरे अब कम हो रहा है. वहीं, भीलवाड़ा डेयरी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार भी दूसरे देशों से दूध का पाउडर मंगवा रही है जबकि एक ओर चाइनीस चीजों के ब्रैण्ड की बात कर रही है, ये सरकार की दोगली नीति है. जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना नहीं फैले और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े उसके लिए हल्दी का दूध बनाया जा रहा है. वहीं, प्रदेश में पहला और देश में तीसरा ऑनलाइन भीलवाड़ा दूध उत्पादक सहकारी संघ होगा जिसकी समस्त कार्य प्रणाली ऑनलाइन होगी.

पूर्व मंत्री रामलाल जाट से ईटीवी भारत की खास बातचीत (part 1)

भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री वर्तमान में मांडल से कांग्रेस विधायक और भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के समय लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भीलवाड़ा जिले के पशुपालकों को कोई समस्या नही हुई. रामलाल ने कहा कि राजस्थान में को-ऑपरेटिव मूवमेंट में भीलवाड़ा दुग्ध संघ अहम स्थान रखता है. फिर भी लॉकडाउन में यहां के उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी. यहां की पुलिस, मेडिकल, प्रशासन सब के सहयोग और मुख्यमंत्री की ओर से दी गई गाइडलाइन के अनुसार यहां घर- घर दूध पहुंचाया गया था. जिसकी अच्छी व्यवस्था की गई थी, लेकिन 2 लाख लोगों के यहां से पलायन करने के कारण दूध की बिक्री पर फर्क पड़ा है. खासतौर पर भारत सरकार की डीएमएस डेरी उसने 10 - 11 रूपए प्रति लीटर दूध खरीद कम किया, वो प्रभाव भी यहां के पशुपालकों पर पड़ा.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 रूपए प्रति लीटर की सब्सिडी दी वो एक संबल के रूप में पशुपालकों को मिली. हमनें 2 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से मई तक का पेमेंट कर दिया है. इसके साथ जो प्राइवेट वैंडर जैसे अमूल, मदर, पायस और कृष्णा डेरिया है वो लॉकडाउन के दौरान बंद रही. हमनें राज्य सरकार से कहकर जो कंपनी एक्ट के तहत डेरिया है उन दूध खरीद केंद्र को पाबंद करवाया.

उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा जिले में 20 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था और कर्फ्यू लगा था, लेकिन 14 मार्च तक समिति में जिस भी पशुपालक ने दूध दिया उनसे हमनें लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन दूध लिया. जिससे मार्केट में हमारे दूध बिक्री में काफी दिक्कत आई. संघ का दूध मार्केट में कम बिकने से पाउडर बनाना पड़ा और इनका भी स्टॉक हो गया.

18 प्रतिशत नुकसान की हुई रिकवरी

पशुपालकों को प्रदेश के बाकी संघ की तरह हमने 1 और 2 दिन दुग्ध का खरीद बंद भी नहीं किया, जबकि राजस्थान में अन्य संघों ने 2-2 दिन दूध बंद रखा. हमनें अनवरत दूध लिया और लॉकडाउन के दौरान हर 15 दिन के अंतराल में उनको पेमेंट किया. इन सब चीजों के बावजूद भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक संघ को 38 प्रतिशत का नुकसान हुआ. धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने के बाद इसमें सुधार हो रहा है. पहले महीने में 18 प्रतिशत नुकसान की रिकवरी हुई, अब 20 प्रतिशत नुकसान चल रहा है.

सबसे बड़ी बात ये हैं कि भारत सरकार ने 10 हजार मैट्रिक टन दूध पाउडर आयात करने का काम किया, लेकिन हिंदुस्तान में प्राइवेट और को-ऑपरेटिव मूवमेंट में ढेर सारा दूध का पाउडर पड़ा हुआ है. एक तरफ तो देश में पाउडर है दूसरी ओर चाइना की चीजों पर सरकार बैन लगाने की सोच रही है, वहीं दूसरी तरफ बाहर से माल को मंगवा रही है, जिससे पशुपालकों की कमर टूट जाएगी. हमनें इसे लेकर लिखित में यहां के सांसद, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात की. जिसमें प्रदेश के सभी अध्यक्ष शामिल थे.

पूर्व मंत्री रामलाल जाट ईटीवी भारत की खास बातचीत (part 2)

भीलवाड़ा में मौजूद 300 दुग्ध उत्पादक खरीद केंद्र

वहीं, भीलवाड़ा जिले में 300 दुग्ध उत्पादक खरीद केंद्र है. भीलवाड़ा पूरे देश में तीसरा ऐसा जिला होगा जहां ऑनलाइन सभी काम होंगे. देश में कर्नाटक और केरल के बाद भीलवाड़ा जिले की 300 समितियों का ऑनलाइन का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही ये शुरू भी हो जाएगा.

वहीं, भीलवाड़ा मॉडल के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल यहां के जनप्रतिनिधि, प्रशासन, मेडिकल टीम के अथक प्रयास से बनाया गया है. कोरोना के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना पर रोकथाम के लिए यहां टीम भेजी और हमेशा मॉनिटरिंग करते थे. लॉकडाउन के दौरान हमनें घर- घर दूध पहुंचाया. पशुपालकों और उपभोक्ताओं की मदद ही हमारा उद्देश्य है. जिससे उत्पादक और उपभोक्ताओं को लाभ मिले और शुद्ध चीज मिले.

भीलवाड़ा वासियों के लिए बनाया जा रहा हल्दी का दूध

वहीं, हल्दी के दूध बनाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सवाल पर पूर्व मंत्री और डेयरी अध्यक्ष रामलाल जाट ने कहा कि आज के दौर में आयुर्वेद जरूरी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पहला सुख निरोगी काया का नारा दिया, उसी के अनुरूप भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ हल्दी और केसर युक्त दूध बना रहा है. इस दूध को पीने से यहां के उपभोक्ता की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. इस दुग्ध को लंबे समय तक पीने से कोरोना हमारे पास नहीं आएगा.

भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने हमारी टीम की राय लेने के बाद 200 ग्राम प्रति पैक में केसर और हल्दी युक्त दूध का फ्लेवर मिल्क तैयार किया है जो चाहे बच्चे हो, चाहे बुजुर्ग या कोई भी हो उस दूध को पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. अब देखना ये होगा कि कोरोना के समय लगे लॉकडाउन से भीलवाड़ा डेयरी को जो नुकसान हुआ है वो नुकसान अब धीरे-धीरे कम होता है.

Last Updated : Jul 4, 2020, 2:10 PM IST
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