ETV Bharat / city

आरबीएम जिला अस्पताल में अब बिना चीरा फाड़ी के हो सकेंगे हड्डी के जटिल ऑपरेशन, दानदाताओं ने दी सी-आर्म मशीन

भरतपुर के मेडिकल कॉलेज के आरबीएम जिला अस्पताल में लंबे समय से हड्डी रोग विभाग के लिए सी-आर्म मशीन की मांग चल रही थी. जिस पर दानदाताओं ने अस्पताल को सी-आर्म मशीन दान की है. जिससे अब अस्पताल में बिना चीरा-फाड़ी के हड्डी के जटिल ऑपरेशन भी हो सकेंगे.

RBM District Hospital, भरतपुर न्यूज
दानदाताओं ने आरबीएम जिला अस्पताल को सी-आर्म मशीन दान की
author img

By

Published : Jan 23, 2020, 7:06 PM IST

भरतपुर. मेडिकल कॉलेज के आरबीएम जिला अस्पताल में अब बिना चीरा फाड़ी के हड्डी के जटिल ऑपरेशन भी हो सकेंगे. इसके लिए दानदाताओं ने हड्डी रोग विभाग को सी-आर्म मशीन दान की है. अब जल्द ही इंजीनियर बुलाकर इस को इंस्टॉल कराया जाएगा, जिसके बाद अस्पताल में ही हड्डी रोगियों के जटिल ऑपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे. इससे मरीजों को हड्डी से संबंधित जटिल ऑपरेशन के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. साथ ही चिकित्सकों को भी ऑपरेशन करने में आसानी होगी.

दानदाताओं ने आरबीएम जिला अस्पताल को सी-आर्म मशीन दान की

पढ़ें- दौसा के 470 गांवों को मिलेगा अटल जल संरक्षण योजना का लाभः सांसद जसकौर मीणा

हड्डी रोग विभाग के डॉ. धर्मेश ने बताया कि सी-आर्म मशीन के जरिए हड्डी के अंदर की स्थिति आसानी से पता चल जाती है. इससे फ्रैक्चर होने पर हड्डी के अंदर रॉड डालते समय एक छोटे से छेद या चीरा लगाकर आसानी से ऑपरेशन हो सकेगा. मशीन के अभाव में बड़ा चीरा लगाकर ऑपरेशन करने पड़ते थे कई बार ऑपरेशन के दौरान कई प्रकार की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था.

घुटना और कूल्हा जोड़ के ऑपरेशन भी हो सकेंगे

विभाग के डॉक्टर धर्मेश ने बताया कि विभाग को ओटी टेबल भी मिल चुकी है. इससे अब अस्पताल में घुटना और कूल्हा जोड़ के ऑपरेशन भी आसानी से हो सकेंगे. यह सुविधा भी अब तक अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी.

इन दानदाताओं ने सुनी मरीजों की परेशानी

असल में आरबीएम जिला अस्पताल की ओर से लंबे समय से हड्डी रोग विभाग के लिए सी-आर्म मशीन की मांग चल रही थी. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से चिकित्सा राज्यमंत्री और अन्य जिम्मेदारों को भी कई बार अवगत कराया गया, लेकिन मशीन उपलब्ध नहीं हो पाई. आखिर में भामाशाह किरण नर्सिंग होम के संचालक डॉ. अशोक गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग और हुंडई मोटर्स के अनिल अग्रवाल ने 3-3 लाख रुपये दान में दिए और 9 लाख रुपए कीमत की मशीन उपलब्ध हो सकी.

अस्पताल में 4 साल पहले कंडम हो चुकी थी मशीन

जिला अस्पताल में वर्ष 2005 में सी-आर्म मशीन लगाई गई थी. इस मशीन से वर्ष 2016 तक कई सफल ऑपरेशन किए गए. लेकिन बार-बार खराब होने की वजह से इस मशीन को 2016 में कंडम घोषित कर दिया गया, जिसके बाद से अस्पताल में इस मशीन की सुविधा का लाभ मिलना बंद हो गया.

भरतपुर. मेडिकल कॉलेज के आरबीएम जिला अस्पताल में अब बिना चीरा फाड़ी के हड्डी के जटिल ऑपरेशन भी हो सकेंगे. इसके लिए दानदाताओं ने हड्डी रोग विभाग को सी-आर्म मशीन दान की है. अब जल्द ही इंजीनियर बुलाकर इस को इंस्टॉल कराया जाएगा, जिसके बाद अस्पताल में ही हड्डी रोगियों के जटिल ऑपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे. इससे मरीजों को हड्डी से संबंधित जटिल ऑपरेशन के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. साथ ही चिकित्सकों को भी ऑपरेशन करने में आसानी होगी.

दानदाताओं ने आरबीएम जिला अस्पताल को सी-आर्म मशीन दान की

पढ़ें- दौसा के 470 गांवों को मिलेगा अटल जल संरक्षण योजना का लाभः सांसद जसकौर मीणा

हड्डी रोग विभाग के डॉ. धर्मेश ने बताया कि सी-आर्म मशीन के जरिए हड्डी के अंदर की स्थिति आसानी से पता चल जाती है. इससे फ्रैक्चर होने पर हड्डी के अंदर रॉड डालते समय एक छोटे से छेद या चीरा लगाकर आसानी से ऑपरेशन हो सकेगा. मशीन के अभाव में बड़ा चीरा लगाकर ऑपरेशन करने पड़ते थे कई बार ऑपरेशन के दौरान कई प्रकार की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था.

घुटना और कूल्हा जोड़ के ऑपरेशन भी हो सकेंगे

विभाग के डॉक्टर धर्मेश ने बताया कि विभाग को ओटी टेबल भी मिल चुकी है. इससे अब अस्पताल में घुटना और कूल्हा जोड़ के ऑपरेशन भी आसानी से हो सकेंगे. यह सुविधा भी अब तक अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी.

इन दानदाताओं ने सुनी मरीजों की परेशानी

असल में आरबीएम जिला अस्पताल की ओर से लंबे समय से हड्डी रोग विभाग के लिए सी-आर्म मशीन की मांग चल रही थी. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से चिकित्सा राज्यमंत्री और अन्य जिम्मेदारों को भी कई बार अवगत कराया गया, लेकिन मशीन उपलब्ध नहीं हो पाई. आखिर में भामाशाह किरण नर्सिंग होम के संचालक डॉ. अशोक गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग और हुंडई मोटर्स के अनिल अग्रवाल ने 3-3 लाख रुपये दान में दिए और 9 लाख रुपए कीमत की मशीन उपलब्ध हो सकी.

अस्पताल में 4 साल पहले कंडम हो चुकी थी मशीन

जिला अस्पताल में वर्ष 2005 में सी-आर्म मशीन लगाई गई थी. इस मशीन से वर्ष 2016 तक कई सफल ऑपरेशन किए गए. लेकिन बार-बार खराब होने की वजह से इस मशीन को 2016 में कंडम घोषित कर दिया गया, जिसके बाद से अस्पताल में इस मशीन की सुविधा का लाभ मिलना बंद हो गया.

Intro:भरतपुर.
मेडिकल कॉलेज भरतपुर के आरबीएम जिला अस्पताल में अब बिना चीरा फाड़ी के हड्डी के जटिल ऑपरेशन भी हो सकेंगे। इसके लिए दानदाताओं ने हड्डी रोग विभाग को सी - आर्म मशीन दान की है। मशीन अस्पताल को उपलब्ध कराई जा चुकी है। अब जल्द ही इंजीनियर बुलाकर इस को इंस्टॉल कराया जाएगा, जिसके बाद अस्पताल में ही हड्डी रोगियों के जटिल ऑपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे। इससे जहां मरीजों को हड्डी से संबंधित जटिल ऑपरेशन के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा, वही चिकित्सकों को भी ऑपरेशन करने में आसानी होगी।



Body:ऐसी है सी - आर्म मशीन
हड्डी रोग विभाग के डॉ धर्मेश ने बताया कि सी - आर्म मशीन के जरिए हड्डी के अंदर की स्थिति आसानी से पता चल जाती है। इससे फ्रैक्चर होने पर हड्डी के अंदर रॉड डालते समय एक छोटे से छेद या चीरा लगाकर आसानी से ऑपरेशन हो सकेगा। मशीन के अभाव में बड़ा चीरा लगाकर ऑपरेशन करने पड़ते थे कई बार ऑपरेशन के दौरान कई प्रकार की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था।

घुटना और कूल्हा जोड़ के ऑपरेशन भी हो सकेंगे
विभाग के डॉक्टर धर्मेश ने बताया कि विभाग को ओटी टेबल भी मिल चुकी है। इससे अब अस्पताल में घुटना और कुल्हा जोड़कर ऑपरेशन भी आसानी से हो सकेंगे। यह सुविधा भी अब तक अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी।

इन दानदाताओं ने सुनी मरीजों की परेशानी
असल में आरबीएम जिला अस्पताल की ओर से लंबे समय से हड्डी रोग विभाग के लिए सी - आर्म मशीन की मांग चल रही थी। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से चिकित्सा राज्यमंत्री व अन्य जिम्मेदारों को भी कई बार अवगत कराया गया लेकिन मशीन उपलब्ध नहीं हो पाई। आखिर में भामाशाह किरण नर्सिंग होम के संचालक डॉ अशोक गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक गर्ग एवं हुंडई मोटर्स के अनिल अग्रवाल ने 3-3 लाख रुपए दान में दिए और 9 लाख रुपए कीमत की मशीन उपलब्ध हो सकी।

अस्पताल में 4 साल पहले कंडम हो चुकी थी मशीन
जिला अस्पताल में वर्ष 2005 में सी आर्म मशीन लगाई गई थी। इस मशीन से वर्ष 2016 तक कई सफल ऑपरेशन किए गए। लेकिन बार-बार खराब होने की वजह से इस मशीन को 2016 में कंडम घोषित कर दिया गया, जिसके बाद से अस्पताल में इस मशीन की सुविधा का लाभ मिलना बंद हो गया।



Conclusion:गौरतलब है कि आरबीएम जिला अस्पताल में हड्डी रोगियों के कई जटिल ऑपरेशन नहीं हो पाते थे। ऐसे में मरीजों को अन्य शहरों के लिए रेफर करना पड़ता था। लेकिन अब सी - आर्म मशीन की सुविधा मिलने से मरीजों को अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा।

बाईट - डॉ नवदीप सैनी, पीएमओ, आरबीएम जिला अस्पताल, भरतपुर ( ब्लैक ब्लेज़र)

बाईट 2 - डॉ धर्मेश, अस्थि रोग विशेषज्ञ, आरबीएम जिला अस्पताल भरतपुर। ( ब्लैक एंड रेड स्वेटर )
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.