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SPECIAL: भरतपुर से कोरोना को भगाने के लिए मेडिकल डिपार्टमेंट का टारगेट, अब से रोजाना होंगे 700 से 900 टेस्ट

भरतपुर जिला कोरोना को हराने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार करने में जुटा हुआ है. जिले में 1920 मरीज कोरोना की जंग जीत कर घर लौट चुके हैं. जिसके बाद अब जिला अस्पताल लोगों की सैंपलिंग के भी आंकड़े बढ़ाने में लगा हुआ है. चिकित्सा विभाग ने रोजाना 700 से 900 के बीच सैंपलिंग होने का टारगेट रखा है.

भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital
चिकित्सा विभाग का 900 कोरोना जांच का टारगेट
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Published : Jul 25, 2020, 3:28 PM IST

भरतपुर. प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से अपने पैर पसार चुका है. अगर बात भरतपुर जिले की करे तो, यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 2181 तक पहुंच चुका है. लेकिन इसमें से 1920 कोरोना के मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, और 48 लोग अभी तक इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं.

जिले में 87 फीसदी हुआ मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सही होने की रिकवरी रेट 87 फीसदी है. रोजाना करीब 800 सैंपल लिए जाते हैं. लेकिन अब सैंपलिंग में थोड़ी कमी आई है. पहले की अपेक्षा में अब करीब 700 सैंपल लिए जा रहे हैं.

भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital
सैंपलिंग की गाइडलाइन

पढ़ेंः Special Report : भरतपुर संभाग में बीते 3 साल में सड़क हादसों में जान गंवा चुके ढाई हजार लोग

इस बारे में जब सीएमएचओ से बात की तो उनका कहना है कि चिकित्सा विभाग ने सैंपलिंग में कोई भी कमी नहीं की है. चिकित्सा विभाग का टारगेट है की रोजाना 700 से 900 के बीच सैंपलिंग होनी चाहिए, लेकिन जिला आरबीएम अस्पताल में अब सैंपलिंग देने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. उसका एक ये भी कारण है कि पहले सिर्फ जिला आरबीएम अस्पताल पर ही सैंपलिंग ली जाती थी. लेकिन ज्यादा भीड़ को देखते हुए कुछ नर्सिंगकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है और उसके बाद हर ब्लॉक पर टीम को भेज कर वहीं से सैंपलिंग की जा रही है.

भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital
चिकित्सक कर रहे मरीज की कोरोना जांच

जिसके बाद सैंपल को मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा जा रहा है. बाकी अगर मामलों की बात है तो एक सघन सर्वे चल रहा है. यही कारण है कि राज्य में भरतपुर की सैंपलिंग का आंकड़ा बाकी जगह की तुलना में कम है. मगर पॉजिटिव मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. इसमें पॉजिटिव मरीजों की हिस्ट्री को देखते हुए ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है. जो मरीज सही होकर अपने घर जा चुके हैं उस सभी लोगो मे एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है.

पढ़ेंः एक शाही मर्डर, जिसकी वजह से छोड़नी पड़ी थी मुख्यमंत्री को गद्दी

भरतपुर जिले में कोरोना मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा अभी 87 प्रतिशत के आसपास है. साथ ही कोशिश की जा रही है की ये रिकवरी रेट और ज्यादा बढ़े.

भरतपुर. प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से अपने पैर पसार चुका है. अगर बात भरतपुर जिले की करे तो, यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 2181 तक पहुंच चुका है. लेकिन इसमें से 1920 कोरोना के मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, और 48 लोग अभी तक इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं.

जिले में 87 फीसदी हुआ मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सही होने की रिकवरी रेट 87 फीसदी है. रोजाना करीब 800 सैंपल लिए जाते हैं. लेकिन अब सैंपलिंग में थोड़ी कमी आई है. पहले की अपेक्षा में अब करीब 700 सैंपल लिए जा रहे हैं.

भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital
सैंपलिंग की गाइडलाइन

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इस बारे में जब सीएमएचओ से बात की तो उनका कहना है कि चिकित्सा विभाग ने सैंपलिंग में कोई भी कमी नहीं की है. चिकित्सा विभाग का टारगेट है की रोजाना 700 से 900 के बीच सैंपलिंग होनी चाहिए, लेकिन जिला आरबीएम अस्पताल में अब सैंपलिंग देने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. उसका एक ये भी कारण है कि पहले सिर्फ जिला आरबीएम अस्पताल पर ही सैंपलिंग ली जाती थी. लेकिन ज्यादा भीड़ को देखते हुए कुछ नर्सिंगकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है और उसके बाद हर ब्लॉक पर टीम को भेज कर वहीं से सैंपलिंग की जा रही है.

भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital
चिकित्सक कर रहे मरीज की कोरोना जांच

जिसके बाद सैंपल को मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा जा रहा है. बाकी अगर मामलों की बात है तो एक सघन सर्वे चल रहा है. यही कारण है कि राज्य में भरतपुर की सैंपलिंग का आंकड़ा बाकी जगह की तुलना में कम है. मगर पॉजिटिव मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. इसमें पॉजिटिव मरीजों की हिस्ट्री को देखते हुए ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है. जो मरीज सही होकर अपने घर जा चुके हैं उस सभी लोगो मे एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है.

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भरतपुर जिले में कोरोना मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा अभी 87 प्रतिशत के आसपास है. साथ ही कोशिश की जा रही है की ये रिकवरी रेट और ज्यादा बढ़े.

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