भरतपुर. प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से अपने पैर पसार चुका है. अगर बात भरतपुर जिले की करे तो, यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 2181 तक पहुंच चुका है. लेकिन इसमें से 1920 कोरोना के मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, और 48 लोग अभी तक इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं.
जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सही होने की रिकवरी रेट 87 फीसदी है. रोजाना करीब 800 सैंपल लिए जाते हैं. लेकिन अब सैंपलिंग में थोड़ी कमी आई है. पहले की अपेक्षा में अब करीब 700 सैंपल लिए जा रहे हैं.
![भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8114842_1.jpg)
पढ़ेंः Special Report : भरतपुर संभाग में बीते 3 साल में सड़क हादसों में जान गंवा चुके ढाई हजार लोग
इस बारे में जब सीएमएचओ से बात की तो उनका कहना है कि चिकित्सा विभाग ने सैंपलिंग में कोई भी कमी नहीं की है. चिकित्सा विभाग का टारगेट है की रोजाना 700 से 900 के बीच सैंपलिंग होनी चाहिए, लेकिन जिला आरबीएम अस्पताल में अब सैंपलिंग देने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. उसका एक ये भी कारण है कि पहले सिर्फ जिला आरबीएम अस्पताल पर ही सैंपलिंग ली जाती थी. लेकिन ज्यादा भीड़ को देखते हुए कुछ नर्सिंगकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है और उसके बाद हर ब्लॉक पर टीम को भेज कर वहीं से सैंपलिंग की जा रही है.
![भरतपुर जिला अस्पताल, Bharatpur District Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8114842_2.png)
जिसके बाद सैंपल को मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा जा रहा है. बाकी अगर मामलों की बात है तो एक सघन सर्वे चल रहा है. यही कारण है कि राज्य में भरतपुर की सैंपलिंग का आंकड़ा बाकी जगह की तुलना में कम है. मगर पॉजिटिव मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. इसमें पॉजिटिव मरीजों की हिस्ट्री को देखते हुए ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है. जो मरीज सही होकर अपने घर जा चुके हैं उस सभी लोगो मे एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है.
पढ़ेंः एक शाही मर्डर, जिसकी वजह से छोड़नी पड़ी थी मुख्यमंत्री को गद्दी
भरतपुर जिले में कोरोना मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा अभी 87 प्रतिशत के आसपास है. साथ ही कोशिश की जा रही है की ये रिकवरी रेट और ज्यादा बढ़े.