अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल जिला अस्पतालों में सबसे बड़ा अस्पताल है. सामान्य अस्पताल में आमतौर पर 3 से 4 हजार मरीजों की ओपीडी रहती है. कोरोना काल के दौरान भी लगातार अस्पताल में मरीजों का भार पड़ रहा है. जिले में कोरोना के बिगड़ते हालात को देखते हुए लॉट्स अस्पताल और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में कोविड केयर सेंटर के रूप में चलाया जा रहा है. लॉट्स अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों का इलाज होता है और मेडिकल कॉलेज भवन में संदिग्ध मरीजों को रखा जाता है.
इसके अलावा सामान्य अस्पताल मैं आईसीयू मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है. जिले में 1 हजार से अधिक लोग एक्टिव है. राजस्थान में अलवर मरीजों के मामले में तीसरे स्थान पर है. बिगड़ते हालात को कंट्रोल में लाने के लिए आवश्यकता बढ़ रही है. अलवर में मरीजों के इलाज के लिए सामान्य अस्पताल, जनाना अस्पताल और शिशु अस्पताल में 700 से अधिक बेड लगाए गए हैं. ऐसे में लगातार डॉक्टरों की कमी कई वार्ड बिना डॉक्टर मंजूरी मिले चल रहे हैं. वहीं डॉक्टरों की कमी के चलते खासी परेशानी उठानी पड़ती है. अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में 30 सितंबर को 5 डॉक्टर और 9 नर्सिंग स्टाफ सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
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यह वो लोग हैं जो लगातार फ्रंट लाइन में रहकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं और अस्पताल की व्यवस्था संभाल रहे हैं. डॉक्टरों के सेवानिवृत्त होने के बाद अस्पताल में परेशानी हो सकती है. इलाज के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ सकता है. वहीं बिगड़ते हालातों को देखते हुए अस्पताल प्रशासन से डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ को आगे एक्सटेंशन देने की मांग की गई है. हालांकि अभी तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले है. लेकिन अगर एक्सटेंशन नहीं मिला तो अस्पताल प्रशासन को परेशानी हो सकती है. क्योंकि अलवर में बड़ी संख्या में मरीजों का दबाव बढ़ रहा है. आए दिन नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.