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बेबसी: लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं लोग - hundreds of kilometers

देश में चल रहे लॉडाउन का सबसे ज्यादा असर मजदूरी करके जीवन यापन करने वाले लोगों पर पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते मजदूरों का काम बंद हो गया है. मजबूरी में ये लोग सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं. अलवर से एक रिपोर्ट.

alwar news, कोरोना वायरस, लॉक डाउन
अलवर में लॉकडाउन के दौरान पैदल चलकर घर जा रहे लोग
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Published : Mar 28, 2020, 10:16 AM IST

अलवर. कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 15 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव देश के मजदूरों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते मजदूरों का काम बंद हो गया है. ऐसे में लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है और जीवन-यापन के लिए उनके पास पैसे भी नहीं है. इसलिए ये लोग मजबूरी में सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं.

अलवर में लॉकडाउन के दौरान पैदल चलकर घर जा रहे लोग

गौरतलब है कि मजदूरी के लिए लोग बड़े शहरों और दूसरे राज्यों में जाते हैं. लॉकडाउन के चलते सभी का काम छिन गया है. ट्रेन और बस सेवा पूरी तरीके से बंद है. ऐसे में लोग अपने घर भी नहीं लौट पा रहे हैं. मजबूरी में घर लौटने के लिए लोगों को सैकड़ों किलोमीटर दूर पैदल चलना पड़ रहा है. अलवर से प्रतिदिन सैकड़ों लोग पैदल हाई-वे से गुजरते हैं. ये लोग दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और फरीदाबाद सहित विभिन्न शहरों में रोजी रोटी की तलाश में गए थे. लेकिन, लॉकडाउन के चलते उनको वापस अपने घर लौटना पड़ रहा है. दरसअल, लॉकडाउन के चलते लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है. काम नहीं होने के कारण पैसे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. ऐसे में मजबूरी में लोग पैदल अपने घर का सफर तय कर रहे हैं. अलवर से प्रतिदिन दौसा, बांदीकुई, जयपुर, करौली और सवाई माधोपुर सहित आस-पास के क्षेत्रों के लोग पैदल आ रहे हैं.

पढ़ें: डूंगरपुर से बड़ी खबर: इंदौर से लौटे पिता-पुत्र कोरोना पॉजिटिव, राजस्थान-गुजरात की सीमा सील

ईटीवी भारत की टीम ने इसी तरह के एक ग्रुप से बातचीत की. करौली के कैला देवी क्षेत्र के रहने वाले करीब 11 लोग दिल्ली के महरौली में मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं. देश में लॉकडाउन होने के कारण उनका काम छिन गया है. खाने के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण मजबूरी में उनको घर लौटना पड़ा. बस और ट्रेन बंद होने के कारण तीन दिन में ये लोग पैदल चलकर अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि रास्ते में लोगों ने उनको खाना खिलाया है. अलवर से वो पैदल करौली जाएंगे. सरकार और प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उनको मजबूरी में पैदल आना पड़ा है. सरकार और प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए यातायात व्यवस्था करनी चाहिए. जिससे लोग आसानी से घर पहुंच सके.

अलवर. कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 15 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव देश के मजदूरों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते मजदूरों का काम बंद हो गया है. ऐसे में लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है और जीवन-यापन के लिए उनके पास पैसे भी नहीं है. इसलिए ये लोग मजबूरी में सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं.

अलवर में लॉकडाउन के दौरान पैदल चलकर घर जा रहे लोग

गौरतलब है कि मजदूरी के लिए लोग बड़े शहरों और दूसरे राज्यों में जाते हैं. लॉकडाउन के चलते सभी का काम छिन गया है. ट्रेन और बस सेवा पूरी तरीके से बंद है. ऐसे में लोग अपने घर भी नहीं लौट पा रहे हैं. मजबूरी में घर लौटने के लिए लोगों को सैकड़ों किलोमीटर दूर पैदल चलना पड़ रहा है. अलवर से प्रतिदिन सैकड़ों लोग पैदल हाई-वे से गुजरते हैं. ये लोग दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और फरीदाबाद सहित विभिन्न शहरों में रोजी रोटी की तलाश में गए थे. लेकिन, लॉकडाउन के चलते उनको वापस अपने घर लौटना पड़ रहा है. दरसअल, लॉकडाउन के चलते लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है. काम नहीं होने के कारण पैसे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. ऐसे में मजबूरी में लोग पैदल अपने घर का सफर तय कर रहे हैं. अलवर से प्रतिदिन दौसा, बांदीकुई, जयपुर, करौली और सवाई माधोपुर सहित आस-पास के क्षेत्रों के लोग पैदल आ रहे हैं.

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ईटीवी भारत की टीम ने इसी तरह के एक ग्रुप से बातचीत की. करौली के कैला देवी क्षेत्र के रहने वाले करीब 11 लोग दिल्ली के महरौली में मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं. देश में लॉकडाउन होने के कारण उनका काम छिन गया है. खाने के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण मजबूरी में उनको घर लौटना पड़ा. बस और ट्रेन बंद होने के कारण तीन दिन में ये लोग पैदल चलकर अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि रास्ते में लोगों ने उनको खाना खिलाया है. अलवर से वो पैदल करौली जाएंगे. सरकार और प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उनको मजबूरी में पैदल आना पड़ा है. सरकार और प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए यातायात व्यवस्था करनी चाहिए. जिससे लोग आसानी से घर पहुंच सके.

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