अलवर. जिला सहित पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. वहीं सरकार की ओर से भी लगातार लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इस दौरान अभिभावकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने आगामी 3 माह तक निजी स्कूल संचालकों को फीस नहीं वसूलने के निर्देश दिए हैं.
इस पर अलवर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थिति में प्रदेश के सभी स्कूल संचालक को अभिभावकों से 15 मार्च के बाद बकाया कोई भी शुल्क वर्तमान में लागू फीस और अग्रिम फीस का भुगतान 3 माह तक स्थगित रखने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में जिला कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को आदेशों की पालना कराने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल फीस वसूलता हुआ पाया जाए, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
यह भी पढ़ें- कोविड-19 : विभिन्न राज्यों में बढ़ी निगरानी, 5,218 संक्रमित, मरने वालों का आंकड़ा 169 तक पहुंचा
बताया जा रहा है कि अलवर में अब तक 930 लोगों के सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे गए हैं. इनमें 829 की रिपोर्ट आ चुकी है. इसमें पांच पॉजिटिव और अन्य नेगेटिव है. 96 की रिपोर्ट आना अभी बाकी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से जिले में अब तक 2 लाख 98 हजार 410 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जिले में लगातार प्रशासन की तरफ से जमातियों पर नजर रखी जा रही है. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन में सभी लोगों को रखा गया है.
सीएचसी, पीएचसी सहित सभी हॉस्पिटल में ओपीडी शुरू करने के निर्देश
प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अन्य बीमारी के मरीजों को इलाज के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने जिले की सभी सीएचसी, पीएचसी, अलवर शहर के सेटेलाइट अस्पताल जगन्नाथ डिस्पेंसरी सहित शहर के सभी निजी अस्पतालों में ओपीडी व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
अलवर जिले में 122 पीएचसी और 36 सीएचसी हैं. सेटेलाइट अस्पताल और जगन्नाथ डिस्पेंसरी में दो-दो डॉक्टरों को लगाया गया है. जिला कलेक्टर ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए सभी जगहों पर ओपीडी व्यवस्था शुरू की जाए. साथ ही निजी अस्पतालों में कोई संदिग्ध मरीज मिलता है, तो उसको इलाज के लिए राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में रेफर किया जाए. प्रशासन के इस फैसले से अन्य बीमारियों के अलावा बुजुर्गों को भी काफी राहत मिलेगी.
यह भी पढ़ें- कोरोना वॉरियर डॉक्टर्स को मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भेंट की 100 PPE किट
इसके अलावा भिवाड़ी के ईएसआईसी अस्पताल को प्रशासन की ओर से आपातकालीन परिस्थितियों की दृष्टि से अधिग्रहित कर लिया गया है. वहां केवल कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा रहा है. ऐसे में अन्य श्रमिकों और लोगों को इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए प्रशासन की तरफ से भिवाड़ी में सीएससी और अन्य जगहों पर ओपीडी व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इससे लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.