जयपुर: प्रदेश के सातों संभागों में बालिका सैनिक स्कूल खोले जाएंगे. इस दिशा में शिक्षा विभाग ने काम शुरू कर दिया है. बीते दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर और भरतपुर के जिला कलेक्टरों को पत्र भेजकर जमीन चिह्नीकरण करने को कहा था. अब इन स्कूलों के लिए फंड जुटाने की कवायद की जा रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इन स्कूलों के लिए इन्वेस्टमेंट समिट में शिक्षा विभाग के साथ हुए एमओयू, भामाशाह और राज्य सरकार से फंड विकसित करने की बात कही है.
भारतीय सेना में शामिल होने की इच्छा रखने वाली राजस्थान की बेटियों के लिए प्रदेश के सभी संभागों में एक सैनिक स्कूल खोला जाएगा. जिनकी फीस भी कम होगी और सैनिक स्कूल के नियमानुसार मेरिट के आधार पर स्कॉलरशिप और आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बालिकाओं के लिए कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा है. सभी क्षेत्र में पुरुषों की तरह ही महिलाएं काम कर रही हैं. सेना में भी अपना परचम फहरा रही हैं. इसलिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि बालिकाओं को सैनिक शिक्षा मिल सके. इन स्कूलों के लिए जमीन तलाशी जा रही है. स्कूल के निर्माण के लिए शिक्षा विभाग में 12 हजार करोड़ के एमओयू हुए हैं. साथ ही जो दानदाता या भामाशाह इसमें रुचि दिखाएंगे. उनमें से भी बालिका शिक्षा के लिए फंड लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा बालिका सैनिक शिक्षा के लिए सरकार का भी निर्धारित बजट है.
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दरअसल, सेना के प्रति लड़कियों में बढ़ते रुझान को देखते हुए राज्य सरकार ने बालिका सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया था. इन सैनिक स्कूलों के खुलने से लड़कियां सीधे पुलिस, फौज या अन्य सुरक्षा एजेंसियों में भर्ती के लिए ऐप्लिकेबल हो सकेंगी. बीते दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर सैनिक स्कूलों के लिए जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए थे. सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों को नोडल अधिकारी बनाया था. अब इन स्कूलों के लिए सरकार और भामाशाहों की मदद से फंड रेज करने की बात कही जा रही है.