अलवर. जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र सोनी ने अधिकारियों के साथ शनिवार को जिले के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया. इस दौरान जिला कलेक्टर ने जनाना अस्पताल में प्रसूताओं से बातचीत की. एक प्रसूता से उन्होंने पूछा कि आपके क्षेत्र की एएनएम ने आयरन की गोलियां नहीं दी क्या. प्रसूता ने मना किया, तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मामले की जांच के निर्देश (Collector orders for investigation of ANMs) दिए.
जिले में पहली बार सभी सरकारी जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों ने सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया. मरीजों से बातचीत की. अस्पताल में साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाली दवा, इलाज सुविधा सहित अन्य जरूरी चीजों की जांच पड़ताल की गई. जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र सोनी ने गीतानंद शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने मरीजों से बातचीत में पूछा कि क्या बाहर से दवाई लानी पड़ती है. इस पर मरीजों ने कहा कि अस्पताल से ही सभी दवाइयां मिली हैं.
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जनाना अस्पताल में मालाखेड़ा की रहने वाली एक प्रसूता से जिला कलेक्टर ने हालचाल पूछे. कहा बेटा आप कैसे हो. प्रसूता को आयरन की कमी थी. इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि आपके क्षेत्र की एएनएम ने आयरन की गोलियां नहीं दी क्या. इस पर प्रसूता व उसके परिजनों ने मना किया. जिला कलेक्टर ने तुरंत मामले की जांच के निर्देश दिए. उन्होंने प्रसूता के भर्ती टिकट की फोटो खींची व स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों से तुरंत सभी एएनएम की जांच करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहां कि एएनएम सबसे पहली सीढ़ी होती है. अगर पहले स्तर पर गड़बड़ी होगी, तो आगे भी मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी.
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चिरंजीवी योजना में नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन: जिला कलेक्टर ने अस्पताल स्टाफ के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों का चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित अन्य सरकारी योजनाओं में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. अस्पताल स्टाफ की तरफ से मरीज के भर्ती होने के दौरान उसका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है. कई मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं मिला. ऐसे में मरीज के इलाज का पैसा अस्पताल को नहीं मिलेगा. जिला कलेक्टर ने कहा भर्ती करने के समय सभी मरीजों से चिरंजीवी योजना के बारे में पूछना है, उसके बाद मरीज का रजिस्ट्रेशन करना है.