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अवैध बजरी मंथली प्रकरण में निलंबित पीपलू थानाधिकारी एसीबी कोर्ट में पेश, 1 अक्टूबर तक सौंपा रिमांड पर

अवैध बजरी मंथली प्रकरण में सरेंडर करने के बाद निलंबित पीपलू थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह को एसीबी ने रिमांड पर लिया है. विजेन्द्र सिंह ने शुक्रवार के दिन सरेंडर किया था.

illegal gravel monthly case, अजमेर पीपलू थाना
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Published : Sep 28, 2019, 9:10 PM IST

अजमेर. अवैध बजरी से भरे ट्रकों को निकालने के मासिक बंधी मामले में फरार चल रहे पीपलू के निलंबित थानाधिकारी विजेंद्र सिंह गिल को शनिवार के दिन एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने गिल को 1 अक्टूबर तक रिमांड पर सौंप दिया है.

बता दें कि एसओजी की जांच में सामने आया था कि तत्कालीन थानाधिकारी गिल कांस्टेबल कैलाश के जरिए रात के समय अवैध बजरी के ट्रक निकालने की एवज में प्रति ट्रक 3 हजार रुपये लेता था. एसीबी ने ट्रैप कर कांस्टेबल कैलाश को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. तब कैलाश ने एसीबी को बताया था कि थानाधिकारी गिल ने 16 मई की रात को उसे अवैध वसूले गए 70 हजार लेकर थाने बुलाया था.

एसीबी कोर्ट ने तत्कालीन पीपलू थानाधिकारी को भेजा एसीबी की रिमांड पर...

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी ने जानकारी देते हुए बताया कि विजेंदर गिल इस मामले में फरार हो गया था और 5 महीने के बाद अजमेर एसीबी कोर्ट में शुक्रवार को सरेंडर किया था. लेकिन पूछताछ के दौरान उसने जांच में किसी तरह का सपोर्ट नहीं किया. ऐसे में कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. अब आरोपी से मंथली प्रकरण में पूछताछ की जाएगी.

सीबी शर्मा ने बताया कि ट्रैप के दौरान बरामद किए गए मोबाइल की कॉल डिटेल को लेकर भी आरोपी थानाधिकारी से पूछताछ की जा रही है. कार्रवाई के दौरान जप्त हुए 1 लाख 46 हजार की नगदी किस-किस को देनी थी. इस विषय पर भी जांच की जा रही है. एसीबी 3 दिन तक गिल से गहन पूछताछ करेगी जिससे इस मामले में और भी नए खुलासे हो सके.

पढ़ेंः सीएम गहलोत का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- गांधी को याद नहीं बल्कि उनके आदर्शों पर चलें

पूरे थाने पर लगे थे आरोप

सीबी शर्मा ने बताया कि पीड़ित रामप्रसाद गुर्जर ने शिकायत में पीपलू थाने के प्रत्येख सिपाही पर बजरी के अवैध परिवहन में रिश्वत की राशि वसूलने का आरोप लगाया था. इस पर एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद 16 व 17 मई की रात को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया था.

अजमेर में भी रह चुके हैं गिल

निलंबित निरीक्षक गिल अजमेर के क्रिश्चियन गंज थाने में भी थाना अधिकारी के पद पर रह चुके हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी की टीम क्रिश्चियनगंज थाने पहुंची थी. एसीबी टीम ने वहां भी तलाशी ली थी.

अजमेर. अवैध बजरी से भरे ट्रकों को निकालने के मासिक बंधी मामले में फरार चल रहे पीपलू के निलंबित थानाधिकारी विजेंद्र सिंह गिल को शनिवार के दिन एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने गिल को 1 अक्टूबर तक रिमांड पर सौंप दिया है.

बता दें कि एसओजी की जांच में सामने आया था कि तत्कालीन थानाधिकारी गिल कांस्टेबल कैलाश के जरिए रात के समय अवैध बजरी के ट्रक निकालने की एवज में प्रति ट्रक 3 हजार रुपये लेता था. एसीबी ने ट्रैप कर कांस्टेबल कैलाश को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. तब कैलाश ने एसीबी को बताया था कि थानाधिकारी गिल ने 16 मई की रात को उसे अवैध वसूले गए 70 हजार लेकर थाने बुलाया था.

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी ने जानकारी देते हुए बताया कि विजेंदर गिल इस मामले में फरार हो गया था और 5 महीने के बाद अजमेर एसीबी कोर्ट में शुक्रवार को सरेंडर किया था. लेकिन पूछताछ के दौरान उसने जांच में किसी तरह का सपोर्ट नहीं किया. ऐसे में कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. अब आरोपी से मंथली प्रकरण में पूछताछ की जाएगी.

सीबी शर्मा ने बताया कि ट्रैप के दौरान बरामद किए गए मोबाइल की कॉल डिटेल को लेकर भी आरोपी थानाधिकारी से पूछताछ की जा रही है. कार्रवाई के दौरान जप्त हुए 1 लाख 46 हजार की नगदी किस-किस को देनी थी. इस विषय पर भी जांच की जा रही है. एसीबी 3 दिन तक गिल से गहन पूछताछ करेगी जिससे इस मामले में और भी नए खुलासे हो सके.

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पूरे थाने पर लगे थे आरोप

सीबी शर्मा ने बताया कि पीड़ित रामप्रसाद गुर्जर ने शिकायत में पीपलू थाने के प्रत्येख सिपाही पर बजरी के अवैध परिवहन में रिश्वत की राशि वसूलने का आरोप लगाया था. इस पर एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद 16 व 17 मई की रात को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया था.

अजमेर में भी रह चुके हैं गिल

निलंबित निरीक्षक गिल अजमेर के क्रिश्चियन गंज थाने में भी थाना अधिकारी के पद पर रह चुके हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी की टीम क्रिश्चियनगंज थाने पहुंची थी. एसीबी टीम ने वहां भी तलाशी ली थी.

Intro:अजमेर/बजरी से भरे ट्रकों को निकालने के मामले में रिश्वत लेने के आरोपी फरार निलंबित विधायक विजेंद्र सिंह गिल को आज ऐसी भी न्यायालय में पेश किया गया जहां से ऐसी भी न्यायालय ने गिल को 1 अक्टूबर तक रिमांड पर सौंप दिया है


हम आपको बता दें कि एसओजी की जांच में सामने आया था कि गिल कॉस्टेबल कैलाश के जरिए रात को बजरी के ट्रक निकलवाने के बाद में प्रति ट्रक 3 हजार रुपये लिया करते थे जहां एसीबी ने कांस्टेबल कैलाश को 6 हजार लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था और गिल ने 16 मई की रात को कैलाश को बजरी के ट्रकों के उगाई के 70 हजार लेकर थाने बुलाया था


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीबी ने जानकारी देते हुए बताया कि विजेंदर गेल ने 5 महीने के बाद अजमेर एसीबी कोर्ट में सरेंडर किया था लेकिन उनसे पूछताछ के दौरान उन्होंने जांच में किसी तरह का सपोर्ट नहीं किया जिसके चलते उन्हें रिमांड पर लिया गया है अब उनसे मंत्री प्रकरण को लेकर पूछताछ की जा रही है इसके साथ घटना के दौरान बरामद किए गए मोबाइल की कॉल डिटेल को लेकर भी पूछताछ की जा रही है


कार्रवाई के दौरान जप्त हुए 1लाख 46 हजार की नगदी किस-किस को देनी थी इस विषय पर भी जांच की जा रही है एसीबी 3 दिन तक गिल से गहन पूछताछ करेगी जिससे इस मामले में और भी नए खुलासे हो सके


पूरे थाने पर लगे थे आरोप


वही शर्मा ने बताया कि पीड़ित रामप्रसाद गुर्जर ने शिकायत में पीपलू थाने के प्रतिक सिपाई पर बजरी के अवैध परिवहन में रिश्वत की राशि वसूलने का आरोप लगाया था जहां एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद 16 व 17 मई की रात को ट्रैक की कार्रवाई को अंजाम दिया था



अजमेर में भी रह चुके हैं गिल

निलंबित निरीक्षक गिल अजमेर के क्रिश्चियन गंज थाने में भी थाना अधिकारी के पद पर रह चुके हैं उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी की टीम क्वेश्चन का थाने भी पहुंची थी लेकिन गिल के तैनाती के दौरान थाने का ऊपर का एक कमरा उनके लिए सुरक्षित रखा गया था



बाईट-सीबी शर्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी


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Conclusion:अजमेर/
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