अजमेर. अवैध बजरी से भरे ट्रकों को निकालने के मासिक बंधी मामले में फरार चल रहे पीपलू के निलंबित थानाधिकारी विजेंद्र सिंह गिल को शनिवार के दिन एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने गिल को 1 अक्टूबर तक रिमांड पर सौंप दिया है.
बता दें कि एसओजी की जांच में सामने आया था कि तत्कालीन थानाधिकारी गिल कांस्टेबल कैलाश के जरिए रात के समय अवैध बजरी के ट्रक निकालने की एवज में प्रति ट्रक 3 हजार रुपये लेता था. एसीबी ने ट्रैप कर कांस्टेबल कैलाश को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. तब कैलाश ने एसीबी को बताया था कि थानाधिकारी गिल ने 16 मई की रात को उसे अवैध वसूले गए 70 हजार लेकर थाने बुलाया था.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी ने जानकारी देते हुए बताया कि विजेंदर गिल इस मामले में फरार हो गया था और 5 महीने के बाद अजमेर एसीबी कोर्ट में शुक्रवार को सरेंडर किया था. लेकिन पूछताछ के दौरान उसने जांच में किसी तरह का सपोर्ट नहीं किया. ऐसे में कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. अब आरोपी से मंथली प्रकरण में पूछताछ की जाएगी.
सीबी शर्मा ने बताया कि ट्रैप के दौरान बरामद किए गए मोबाइल की कॉल डिटेल को लेकर भी आरोपी थानाधिकारी से पूछताछ की जा रही है. कार्रवाई के दौरान जप्त हुए 1 लाख 46 हजार की नगदी किस-किस को देनी थी. इस विषय पर भी जांच की जा रही है. एसीबी 3 दिन तक गिल से गहन पूछताछ करेगी जिससे इस मामले में और भी नए खुलासे हो सके.
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पूरे थाने पर लगे थे आरोप
सीबी शर्मा ने बताया कि पीड़ित रामप्रसाद गुर्जर ने शिकायत में पीपलू थाने के प्रत्येख सिपाही पर बजरी के अवैध परिवहन में रिश्वत की राशि वसूलने का आरोप लगाया था. इस पर एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद 16 व 17 मई की रात को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया था.
अजमेर में भी रह चुके हैं गिल
निलंबित निरीक्षक गिल अजमेर के क्रिश्चियन गंज थाने में भी थाना अधिकारी के पद पर रह चुके हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी की टीम क्रिश्चियनगंज थाने पहुंची थी. एसीबी टीम ने वहां भी तलाशी ली थी.