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बच्चों के लिए खेल मैदान वर्तमान और भविष्य की जरूरत, तैयार किए जा रहे मैदान

राजस्थान सरकार की नई खेल नीति के तहत बच्चों के लिए खेल के मैदान तैयार किए जा रहे हैं. बच्चों के स्वास्थ्य और उनके शारीरिक विकास को दृष्टिगत रखते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों (Sports Policy Of The State Government In Ajmer) में खेल मैदान बनाने का कार्य शुरू भी किया गया है.

Sports Policy Of Gehlot Government
बच्चों के लिए खेल मैदान वर्तमान और भविष्य की जरूरत
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Published : Feb 18, 2022, 7:17 AM IST

अजमेर. जिला विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है लेकिन भविष्य की जरूरत को गंभीरता से कम ही आंका जा रहा है. वर्तमान शहर कंक्रीट का जंगल बन रहा है और पीछे छूटता जा रहा है बच्चों के खेलने के लिए गली, मोहल्ला और खेल का मैदान. शहर की आबादी छह लाख से अधिक है. शहर बढ़ता जा रहा है लेकिन शहर में क्षेत्रवार बच्चों के खेलने के मैदान भी गायब होते जा रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर विकास की दौड़ में बच्चों के बचपन को खत्म किया जा रहा है.

शिक्षा के साथ साथ बच्चों के लिए खेलना भी जरूरी है. शिक्षा से बौद्धिक विकास होता है. जबकि खेल से शारारिक विकास बच्चों में होता है. लेकिन विकास की दौड़ में जिम्मेदारों के अलावा लोगों को बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. गली, मोहल्ले, वाहनों से अटे रहते हैं. इस कारण बच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं और खेल के नाम पर हाथ में मोबाइल और वीडियो गेम आ गया है. इसका असर बच्चों के बौद्धिक और शारारिक विकास पर पड़ रहा है.

बच्चों के लिए खेल मैदान वर्तमान और भविष्य की जरूरत

अजमेर शहर में 60 फीसदी क्षेत्र ऐसा है जहां बच्चों के खेलने (Sports Policy Of The State Government In Ajmer) के लिए कोई जगह नहीं है. 4 से 12 आयु वर्ष के बच्चे दूर खेल मैदान में खेलने नहीं जा सकते हैं. अभिभावकों को हादसे की चिंता रहती है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी अभिभावक बच्चो को नहीं भेज पाते हैं. ऐसे में आवश्यक है कि घर के नजदीक ही खेल मैदान हो. इस दिशा में अजमेर विकास प्राधिकरण ने पहल की भी है. अजमेर में चार स्थानों को चिन्हित कर खेल मैदान बनाए जा रहे हैं. राज्य सरकार की खेलों को बढ़ावा देने की नई नीति के तहत खेल मैदान तैयार किए जा रहे हैं.

पढ़ें : कृषि बजट से अन्नदाता को उम्मीदें... MSP पर खरीद और किसान को कर्ज मुक्त बनाने को लेकर हों घोषणाएं

नई नीति का अनुसरण करते हुए खेल की सुविधाओं को विकसित करने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है. बास्केट बॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रेक ग्राउंड, व्यायाम के लिए खुला क्षेत्र, पेड़ पौधे लगाने और लाइट लगाने का कार्य किया (Playgrounds Being Built In Ajmer) जा रहा है. माकड़वाली रोड पर विवेकानंद स्कूल के समीप, चंद्रवरदाई नगर में पृथ्वीराज चौहान नगर, मदार स्थित जेपी नगर और गुलाब बाड़ी में राजा कोठी स्कूल के खेल मैदान में विकसित किए जा रहे हैं. अगले छह माह में यह खेल मैदान बच्चों के खेलने के लिए तैयार हो जाएंगे.

पढ़ें : Supreme Court Order: केन्द्रीय सेवाओं में राज्य सरकार को सेवाएं देने वालों को ही मिलेंगे बोनस अंक

वर्तमान समय में खेल मैदान शहर की जरूरत है ताकि बच्चों को उनके हक से वंचित नहीं किया जाए. बच्चे शिक्षा के साथ खेलेंगे तभी उनका सम्पूर्ण विकास संभव है. यह जरूरत जिला, प्रदेश और देश के भविष्य से जुड़ी है. यही वजह है कि बच्चों के स्वास्थ्य और उनके शारीरिक विकास को दृष्टिगत रखते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान बनने चाहिए. राज्य सरकार ने नई खेल नीति के तहत इस कार्य की शुरुआत की है.

अजमेर. जिला विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है लेकिन भविष्य की जरूरत को गंभीरता से कम ही आंका जा रहा है. वर्तमान शहर कंक्रीट का जंगल बन रहा है और पीछे छूटता जा रहा है बच्चों के खेलने के लिए गली, मोहल्ला और खेल का मैदान. शहर की आबादी छह लाख से अधिक है. शहर बढ़ता जा रहा है लेकिन शहर में क्षेत्रवार बच्चों के खेलने के मैदान भी गायब होते जा रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर विकास की दौड़ में बच्चों के बचपन को खत्म किया जा रहा है.

शिक्षा के साथ साथ बच्चों के लिए खेलना भी जरूरी है. शिक्षा से बौद्धिक विकास होता है. जबकि खेल से शारारिक विकास बच्चों में होता है. लेकिन विकास की दौड़ में जिम्मेदारों के अलावा लोगों को बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. गली, मोहल्ले, वाहनों से अटे रहते हैं. इस कारण बच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं और खेल के नाम पर हाथ में मोबाइल और वीडियो गेम आ गया है. इसका असर बच्चों के बौद्धिक और शारारिक विकास पर पड़ रहा है.

बच्चों के लिए खेल मैदान वर्तमान और भविष्य की जरूरत

अजमेर शहर में 60 फीसदी क्षेत्र ऐसा है जहां बच्चों के खेलने (Sports Policy Of The State Government In Ajmer) के लिए कोई जगह नहीं है. 4 से 12 आयु वर्ष के बच्चे दूर खेल मैदान में खेलने नहीं जा सकते हैं. अभिभावकों को हादसे की चिंता रहती है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी अभिभावक बच्चो को नहीं भेज पाते हैं. ऐसे में आवश्यक है कि घर के नजदीक ही खेल मैदान हो. इस दिशा में अजमेर विकास प्राधिकरण ने पहल की भी है. अजमेर में चार स्थानों को चिन्हित कर खेल मैदान बनाए जा रहे हैं. राज्य सरकार की खेलों को बढ़ावा देने की नई नीति के तहत खेल मैदान तैयार किए जा रहे हैं.

पढ़ें : कृषि बजट से अन्नदाता को उम्मीदें... MSP पर खरीद और किसान को कर्ज मुक्त बनाने को लेकर हों घोषणाएं

नई नीति का अनुसरण करते हुए खेल की सुविधाओं को विकसित करने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है. बास्केट बॉल, वॉलीबॉल, रनिंग ट्रेक ग्राउंड, व्यायाम के लिए खुला क्षेत्र, पेड़ पौधे लगाने और लाइट लगाने का कार्य किया (Playgrounds Being Built In Ajmer) जा रहा है. माकड़वाली रोड पर विवेकानंद स्कूल के समीप, चंद्रवरदाई नगर में पृथ्वीराज चौहान नगर, मदार स्थित जेपी नगर और गुलाब बाड़ी में राजा कोठी स्कूल के खेल मैदान में विकसित किए जा रहे हैं. अगले छह माह में यह खेल मैदान बच्चों के खेलने के लिए तैयार हो जाएंगे.

पढ़ें : Supreme Court Order: केन्द्रीय सेवाओं में राज्य सरकार को सेवाएं देने वालों को ही मिलेंगे बोनस अंक

वर्तमान समय में खेल मैदान शहर की जरूरत है ताकि बच्चों को उनके हक से वंचित नहीं किया जाए. बच्चे शिक्षा के साथ खेलेंगे तभी उनका सम्पूर्ण विकास संभव है. यह जरूरत जिला, प्रदेश और देश के भविष्य से जुड़ी है. यही वजह है कि बच्चों के स्वास्थ्य और उनके शारीरिक विकास को दृष्टिगत रखते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान बनने चाहिए. राज्य सरकार ने नई खेल नीति के तहत इस कार्य की शुरुआत की है.

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