अजमेर. पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर असामाजिक तत्वों की ओर से किया गया पथराव और गुरुद्वारा का नाम बदलने की धमकी के विरोध में अजमेर में सिख समुदाय का सोमवार को गुस्सा फूट पड़ा. जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर सिख समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
कलेक्ट्रेट के बाहर सिख समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में मांग की गई है कि भारत सरकार यूएन में मामले को उठाए. सिख समाज का कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने ननकाना साहिब गुरुद्वारा में दर्शन के लिए कोरिडोर बनवाया और दूसरी ओर सिखों के साथ धोखा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिनों से ननकाना साहिब गुरुद्वारा में पाठ और सेवा का कार्य नहीं हो रहा है. राजस्थान पंजाबी महासभा के पदाधिकारी राजेश टंडन ने कहा कि पाकिस्तान के पेशावर में पंजाबी युवक की हत्या की गई, जिससे वहां रहने वाले अल्पसंख्यक आतंकित हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार वहां रह रहे अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करे और उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करे. पुष्कर चित्रकूट धाम के महंत गिरीश पाठक का कहना है कि पाकिस्तान के खिलाफ जो भी सख्त कदम प्रधानमंत्री उठाना चाहते हैं, वह उठाएं. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई पारसी सभी उनके साथ हैं.
पढ़ें- धौलपुरः आम रास्ते पर ग्रामीणों को नहीं जाने दे रहे दबंग, कलेक्टर को ज्ञापन सौंप लगाई गुहार
श्री गुरु सिंह सभा अजमेर के पदाधिकारी कुलदीप सिंह दुआ ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए. उन्हें सिखों के इतिहास को देख लेना चाहिए. दुआ ने कहा कि पाकिस्तान ने कोरिडोर बना कर सिखों के साथ धोखा किया है.
वहीं अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मामले को लेकर संवेदनशील है. चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पाकिस्तान के लिए आतंकवाद का अड्डा था. इसलिए वहां धारा 370, 35(a) को खत्म किया गया. पाकिस्तान में सिख युवक की जो हत्या हुई है, उसके लिए पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.