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अजमेर: आनासागर में मरी मछलियों से उठ रही दुर्गंध का मामला पहुंचा विधान सभा, विधायक देवनानी ने उठाया मामला - विधान सभा

अजमेर के आनासागर झील में मछलियों के मरने से उठ रही दुर्गंध और उससे लोगों को हो रही परेशानी का मामला विधान सभा तक पहुंच गया है. जिसमें कहा गया कि गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही आनासागर झील के पानी में घुले प्रदूषण और आक्सीजन की कमी के चलते रोजाना हजारों की संख्या में मछलियां मर रही हैं. जिसके दुर्गंध से झील के किनारे बसें आवासीय क्षेत्रों के निवासियों का जीना मुश्किल हो रहा है.

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आनासागर में मरी मछलियों से उठ रही दुर्गंध का मामला पहुंचा विधान सभा
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Published : Mar 15, 2021, 10:45 PM IST

अजमेर. शहर में आनासागर झील में मछलियों के मरने से उठ रही भंयकर दुर्गंध और उससे लोगों को हो रही परेशानी का मामला विधान सभा तक पहुंच गया है. विधायक वासुदेव देवनानी ने सोमवार को विधान सभा में स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि गर्मी का मौसम प्रारंभ होने के साथ ही आनासागर झील के पानी में घुले प्रदूषण व आक्सीजन की कमी के चलते रोजाना हजारों की संख्या में मछलियां मर रही है.

देवनानी ने कहा कि मरी हुई मछलियों के कारण फैल रही भयंकर दुर्गन्ध से झील के किनारे बसें आवासीय क्षेत्रों के निवासियों का जीना मुश्किल हो रहा है. साथ ही राहगीरों का सड़कों पर गुजरना मुश्किल हो गया है. इसके अतिरिक्त एस्केप चैनल में छोड़े जा रही पानी को बन्द किए जाने पर पानी की कमी से चैनल के कुण्ड में एकत्रित मछलियों के मरने से उनकी दुर्गन्ध सर्किट हाउस और जेएलएन अस्पताल तक पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि आनासागर झील में बरसाती पानी के अलावा कई नालों का पानी भी पहुंच रहा है.

वहीं, नालों का पानी मिलने से झील का पानी प्रदूषित होता रहता है जो कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगता है. साथ ही प्रदूषण व पानी में आक्सीजन की कमी के कारण मछलियां मरने लगती हैं. पूर्व में झील के पानी में मछलियां मरने से बचाने के लिए पानी में आक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए एरिएटर सिस्टम लगाया गया था. जिससे मछलियों के मरने का क्रम घटा था. जिसमें प्रशासनिक लापरवाही के चलते देखरेख के अभाव में एरिएटर सिस्टम के फव्वारें खराब होकर पिछले लम्बे समय से बंद पड़े हैं. जिन्हें वापिस सुधरवाने या उनकी जगह नए लगाने के कोई प्रयास नहीं किए गए.

पढ़ें: Rajasthan Corona Update: कोरोना के 251 नए मामले आए सामने, कुल आंकड़ा पहुंचा 3,23,220

देवनानी ने विधान सभा में सरकार के समक्ष मांग रखी कि आनासागर झील में मछलियों के मरने व उससे उठने वाली दुर्गन्ध से निजात दिलाने के लिए झील में तत्काल एरिएटर सिस्टम के फव्वारें चालू कराए जाए व झील के किनारे मरी पड़ी मछलियों को तत्काल उठाने की व्यवस्था कराई जाए. साथ ही केमिकल का छिड़काव कराकर झील के पानी से प्रदूषण को समाप्त किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्मार्ट सिटी योजना के तहत आनासागर के चारों ओर पाथ-वे का निर्माण कराया जा रहा है. इससे पहले झील के पानी के शुद्धिकरण और प्रदूषणमुक्त करने के लिए कोई पुख्ता व स्थाई समाधान निकालकर जरूरी बंदोबस्त किए जाने की आवश्यकता है. जिससे भविष्य में मछलियों के मरने से होने वाले प्रदूषण व उससे क्षेत्रवासियों को होने वाली परेशानी से छुटकारा मिल सके

अजमेर. शहर में आनासागर झील में मछलियों के मरने से उठ रही भंयकर दुर्गंध और उससे लोगों को हो रही परेशानी का मामला विधान सभा तक पहुंच गया है. विधायक वासुदेव देवनानी ने सोमवार को विधान सभा में स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि गर्मी का मौसम प्रारंभ होने के साथ ही आनासागर झील के पानी में घुले प्रदूषण व आक्सीजन की कमी के चलते रोजाना हजारों की संख्या में मछलियां मर रही है.

देवनानी ने कहा कि मरी हुई मछलियों के कारण फैल रही भयंकर दुर्गन्ध से झील के किनारे बसें आवासीय क्षेत्रों के निवासियों का जीना मुश्किल हो रहा है. साथ ही राहगीरों का सड़कों पर गुजरना मुश्किल हो गया है. इसके अतिरिक्त एस्केप चैनल में छोड़े जा रही पानी को बन्द किए जाने पर पानी की कमी से चैनल के कुण्ड में एकत्रित मछलियों के मरने से उनकी दुर्गन्ध सर्किट हाउस और जेएलएन अस्पताल तक पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि आनासागर झील में बरसाती पानी के अलावा कई नालों का पानी भी पहुंच रहा है.

वहीं, नालों का पानी मिलने से झील का पानी प्रदूषित होता रहता है जो कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगता है. साथ ही प्रदूषण व पानी में आक्सीजन की कमी के कारण मछलियां मरने लगती हैं. पूर्व में झील के पानी में मछलियां मरने से बचाने के लिए पानी में आक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए एरिएटर सिस्टम लगाया गया था. जिससे मछलियों के मरने का क्रम घटा था. जिसमें प्रशासनिक लापरवाही के चलते देखरेख के अभाव में एरिएटर सिस्टम के फव्वारें खराब होकर पिछले लम्बे समय से बंद पड़े हैं. जिन्हें वापिस सुधरवाने या उनकी जगह नए लगाने के कोई प्रयास नहीं किए गए.

पढ़ें: Rajasthan Corona Update: कोरोना के 251 नए मामले आए सामने, कुल आंकड़ा पहुंचा 3,23,220

देवनानी ने विधान सभा में सरकार के समक्ष मांग रखी कि आनासागर झील में मछलियों के मरने व उससे उठने वाली दुर्गन्ध से निजात दिलाने के लिए झील में तत्काल एरिएटर सिस्टम के फव्वारें चालू कराए जाए व झील के किनारे मरी पड़ी मछलियों को तत्काल उठाने की व्यवस्था कराई जाए. साथ ही केमिकल का छिड़काव कराकर झील के पानी से प्रदूषण को समाप्त किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्मार्ट सिटी योजना के तहत आनासागर के चारों ओर पाथ-वे का निर्माण कराया जा रहा है. इससे पहले झील के पानी के शुद्धिकरण और प्रदूषणमुक्त करने के लिए कोई पुख्ता व स्थाई समाधान निकालकर जरूरी बंदोबस्त किए जाने की आवश्यकता है. जिससे भविष्य में मछलियों के मरने से होने वाले प्रदूषण व उससे क्षेत्रवासियों को होने वाली परेशानी से छुटकारा मिल सके

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