अजमेर. भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी है. गहलोत सरकार के कार्यकाल को विफल बताते हुए भाजपा ने मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. इसके जवाब में कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कांग्रेस के पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि बीजेपी इस बात को लेकर काफी कुंठित है कि भ्रष्टाचार के मामले में बीजेपी की निलंबित मेयर के पति सीबीआई के रडार पर हैं.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के प्रमाण मिले हैं उससे साफ लगता है कि उनकी लिप्तता है. पूर्व विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि केवल वही नहीं बल्कि आरएसएस के प्रचारक भी उसमें लिप्त पाए गए हैं. बीजेपी इस मामले को सहन नहीं कर पा रही है. बीजेपी इतना बौखला गई है कि बेबुनियाद आरोप लगाते हुए प्रेस वार्ता कर रही है. डॉ बाहेती ने कहा कि देवनानी ने सरकार के तीन मंत्रियों की गिरफ्तारी और उनके इस्तीफे की मांग की है. 'मैं देवनानी से पूछना चाहता हूं कि उनके पास कोई प्रमाण है तो वह कोर्ट में जाएं और भ्रष्टाचार के प्रमाण पेश करें'. भाजपा विधायकों ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद के मामले में जांच की मांग की थी उसकी जांच की जा रही है.
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डॉ. बाहेती ने कहा कि बिना जांच के किसी को चोर नही कहा जा सकता. यह महज बीजेपी की बौखलाहट है. जिस प्रकार राजस्थान में गहलोत सरकार कोरोना के बावजूद तेज गति से कार्य कर रही है, सरकार नौकरियां दे रही है, प्रशासन व्यवस्था दुरुस्त हो गई है. यह भाजपा के लोगों को सहन नहीं हो रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ी संख्या में केंद्र मंत्रियों को हटाया. इससे सिद्ध होता है कि केंद्र की सरकार नकारा थी. जो आरोप केंद्र सरकार पर राहुल गांधी लगाते थे वह सिद्ध हो गए.
केंद्रीय चिकित्सा मंत्री एवं केंद्रीय राज्य मंत्री दोनों को हटाए जाने से स्पष्ट है कि कोरोना प्रबंधन सही नहीं हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों की जिम्मेदार केंद्र सरकार है. केंद्र सरकार की वजह से महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है. डॉ बाहेती ने पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी पर आरोप लगाया कि विधायक फंड से 25 लाख रुपए की राशि से जरूरतमंदों को जो राशन सामग्री वितरित की गई उन राशन सामग्रियों पर विधायक ने अपना नाम अंकित करवाए.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव महेंद्र सिंह रलावता ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी के लोग अपने ही प्रधानमंत्री का विश्वास नहीं करते. पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना प्रबंधन को लेकर एक बार नहीं 4 बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा की थी. वहीं भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्य और प्रबंधन से प्रेरणा लेने के लिए कह रहे हैं. गहलोत सरकार ने जिन बच्चों के माता-पिता की कोरोना से मृत्यु हो गई है ऐसे बच्चों को तत्काल सहायता देने के लिए 1 लाख रुपए दिए हैं. जो महिलाएं विधवा हो गई उन्हें 1500 रुपए की पेंशन दी है.
बच्चों को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने एवं 2 हजार रुपए उनकी ड्रेस के लिए देने की बात कही है. साथ ही बच्चे के 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर उसे पांच लाख रुपए देने की गहलोत सरकार ने बात कही है. पूर्व प्रदेश सचिव ने कहा कि अजमेर के सांसद और दोनों विधायकों से कहना चाहूंगा कि वह गहलोत सरकार के बेहतरीन कोरोना प्रबंधन की सराहना करें ना कि दलगत भावनाओं में रहकर सरकार के अच्छे कार्यों पर पानी फेरने का काम करें. वासुदेव देवनानी और अनीता भदेल 18 वर्ष से अजमेर में विधायक हैं, इनके कार्यकाल में 50 लोगों को भी रोजगार मिला है तो वह बताएं. दोनों विधायकों का कार्यकाल अजमेर के लिए अंधकारमय है. दोनों विधायकों को राजस्थान सरकार पर आरोप लगाने के बजाए अजमेर के विकास की ओर देखना चाहिए.