अजमेर. भू-राजस्व अधिनियम 1956 और इसके तहत बने नियमों में व्यवहारिक प्रवधानों के संशोधन करने के लिए एक कमेटी का गठन राज्य सरकार ने किया है. राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ ने बनाई गई कमेटी को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है. इसके लिए अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कमेटी में अनुभवी वकीलों को शामिल करने की मांग की है.
राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि कमेटी गठित करने से पहले पूर्व राजस्थान राजस्व अभिभाषक संघ अजमेर से कोई वार्तालाप नहीं की गई है. फलस्वरुप यह कमेटी प्रभावपूर्ण एवं विद्वता पूर्ण प्रस्ताव देने में सक्षम नहीं हो सकती है. कमेटी में सेवानिवृत्त राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं विधि सेवा के सेवानिवृत्त विधि परामर्शियों को सम्मिलित किए जाने का प्रावधान है. प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को विधि एवं नियमों की बिल्कुल जानकारी नहीं होती है.
यह भी पढ़ें- सरकार के दो साल : दावा कुछ और हकीकत कुछ और...'ऊंट' जैसे बेरोजगारों के मुंह में 'जीरा' जैसी भर्तियां
विधि सेवा के अधिकारियों को नए कानून बनाने का कार्य दिया जाता है. उन्होंने कहा कि संशोधन का तात्पर्य यह है कि व्यावहारिक रूप से आ रही कठिनाइयों को दूर किया जाए, इसके लिए राजस्व अदालतों में कार्यरत अधिवक्ता गण एवं संशोधन संबंधी कानून और नियमों की पूर्ण जानकारी रखने वाले व्यक्तियों को कमेटी में शामिल किया जा सकता है. इस कमेटी में राजस्व मंडल के सदस्य जो एडवोकेट कोठी से चयनित हो तथा राजस्थान राजस्व अभिभाषक संघ अजमेर के वरिष्ठ सदस्यों को सम्मिलित किए जाने की मांग की गई है, ताकि भू राजस्व अधिनियम 1956 तथा इसके नियमों में सारभूत एवं व्यवहारिक संशोधन मूर्त रूप ले सके.