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अजमेर की बेटी को मिला कलेक्टर 'पापा' का प्यार....

अजमेर के लोहागल रोड स्थित शिशु ग्रह में पल रही 7 साल की बच्ची को साढ़े 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने गोद लिया था. ऐसे में मई 2018 में गोयल का तबादला हो गया था, जिसके बाद गुरुवार को वर्तमान जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा इस बच्ची के पास पहुंचे और उसे दुलार कर कई सारी सामग्री भेंट की.

collector took lap 3 years ago, बेटी को मिला पापा कलेक्टर का प्यार
अजमेर की बेटी को मिला पापा 'कलेक्टर' का प्यार
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Published : Dec 13, 2019, 11:10 AM IST

अजमेर. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारों के बीच कुछ बेटियां ऐसी भी हैं, जो पापा का लंबे समय से इंतजार कर रही हैं. ऐसे में अजमेर में भी एक ऐसी बच्ची है, जिसे अपने कलेक्टर 'पापा' का इंतजार था. 7 साल की यह बच्ची दयानंद बाल सदन में रह रही थी. वहीं इस बच्ची की पढ़ाई का जिम्मा आज से साढ़े 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल द्वारा उठाया गया था.

अजमेर की बेटी को मिला पापा 'कलेक्टर' का प्यार

दरअसल, यह पूरा मामला साल 2016 का है. जब पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बतौर कलेक्टर लोहागल रोड स्थित शिशु ग्रह में पल रही 4 साल की बच्ची रोशनी की पढ़ाई का जिम्मा उठाया था. इस पर उसका पास के ही निजी स्कूल विजडम वैली में भी दाखिला करवा दिया गया. इसके बाद मई 2018 में गोयल का तबादला हो गया, तब से इस बेटी की पढ़ाई का खर्चा स्कूल वालों और दयानंद बाल सदन के भरोसे चल रहा था.

पढ़ेंः वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया ने की प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग

बेटी का इंतजार हुआ पूरा मिले कलेक्टर पापा...

जानकारी मिलते ही वर्तमान जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा इस बच्ची के पास पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि साढ़े 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर ने जिस बच्ची को गोद लिया था. उसे आज लंबे इंतजार के बाद कलेक्टर पापा का दुलार फिर से नसीब हुआ है.

जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने दयानंद बाल सदन में जाकर बच्ची के रहने खाने पढ़ने आदि की व्यवस्था भी देखी. जहां शर्मा ने बच्ची को दुलार किया और उसको स्कूल बैग, ट्रैक सूट, स्वेटर अध्ययन सामग्री भी दी.

पढ़ेंः ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर: मिलने लगी हर्ष को मदद, इलाज के लिए जुटे साढ़े नौ लाख रुपए

सदन में रह रहे निराश्रित बच्चों से उनके नाम भी पूछे और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में प्रबंधक राजेंद्र कुमार आर्य से जानकारी ली. जहां वआर्य ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गोद ली गई बच्ची काफी चंचल है और गणित विषय में अधिक रुचि रखती है. वह बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती है. वहीं जिला कलेक्टर के साथ अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा भी बाल सदन पहुंची.

अजमेर. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारों के बीच कुछ बेटियां ऐसी भी हैं, जो पापा का लंबे समय से इंतजार कर रही हैं. ऐसे में अजमेर में भी एक ऐसी बच्ची है, जिसे अपने कलेक्टर 'पापा' का इंतजार था. 7 साल की यह बच्ची दयानंद बाल सदन में रह रही थी. वहीं इस बच्ची की पढ़ाई का जिम्मा आज से साढ़े 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल द्वारा उठाया गया था.

अजमेर की बेटी को मिला पापा 'कलेक्टर' का प्यार

दरअसल, यह पूरा मामला साल 2016 का है. जब पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बतौर कलेक्टर लोहागल रोड स्थित शिशु ग्रह में पल रही 4 साल की बच्ची रोशनी की पढ़ाई का जिम्मा उठाया था. इस पर उसका पास के ही निजी स्कूल विजडम वैली में भी दाखिला करवा दिया गया. इसके बाद मई 2018 में गोयल का तबादला हो गया, तब से इस बेटी की पढ़ाई का खर्चा स्कूल वालों और दयानंद बाल सदन के भरोसे चल रहा था.

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बेटी का इंतजार हुआ पूरा मिले कलेक्टर पापा...

जानकारी मिलते ही वर्तमान जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा इस बच्ची के पास पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि साढ़े 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर ने जिस बच्ची को गोद लिया था. उसे आज लंबे इंतजार के बाद कलेक्टर पापा का दुलार फिर से नसीब हुआ है.

जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने दयानंद बाल सदन में जाकर बच्ची के रहने खाने पढ़ने आदि की व्यवस्था भी देखी. जहां शर्मा ने बच्ची को दुलार किया और उसको स्कूल बैग, ट्रैक सूट, स्वेटर अध्ययन सामग्री भी दी.

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सदन में रह रहे निराश्रित बच्चों से उनके नाम भी पूछे और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में प्रबंधक राजेंद्र कुमार आर्य से जानकारी ली. जहां वआर्य ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गोद ली गई बच्ची काफी चंचल है और गणित विषय में अधिक रुचि रखती है. वह बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती है. वहीं जिला कलेक्टर के साथ अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा भी बाल सदन पहुंची.

Intro:नॉट बच्ची का चेहरा ब्लर होगा



अजमेर/ बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ नारे के बीच कुछ बेटियां ऐसी भी है जिन्हें पापा का लंबे समय से इंतजार कर रही है जी हाँ अजमेर में भी एक ऐसी बच्ची है जिसे अपने कलेक्टर "पापा "का इंतजार था यह बच्ची दयानंद बाल सदन में रह रही थी 7 साल की इस बच्ची की पढ़ाई का जिम्मा आज से साढे 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल द्वारा उठाया गया था

दरअसल यह पूरा मामला 2016 का है पूर्व जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बतौर कलेक्टर लोहागल रोड स्थित शिशु ग्रह में पल रही 4 साल की बच्ची रोशनी की पढ़ाई का जिम्मा उठाया था इस पर उसका पास के ही निजी स्कूल विजडम वैली में भी दाखिला करवा दिया गया इसके बाद मई 2018 में गोयल का तबादला हो गया तब से इस बेटी की पढ़ाई का खर्चा स्कूल वालों और दयानंद बाल सदन के भरोसे चल रहा था



बेटी का इंतजार हुआ पूरा मिले कलेक्टर "पापा"


जानकारी मिलते ही वर्तमान जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा इस बच्ची के पास पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि साढे 3 साल पहले पूर्व जिला कलेक्टर ने जिस बच्ची को गोद लिया था उसे आज लंबे इंतजार के बाद कलेक्टर " पापा ",का दुलार फिर से नसीब हुआ है



जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने दयानंद बाल सदन में जाकर बच्ची के रहने खाने पढ़ने आदि की व्यवस्था भी देखी जहाँ शर्मा ने बच्ची को दुलार किया और उसको स्कूल बैग, ट्रैक सूट ,स्वेटर अध्ययन सामग्री भी दी


सदन में रह रहे निराश्रित बच्चों से उनके नाम भी पूछे और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में प्रबंधक राजेंद्र कुमार आर्य से जानकारी ली जहाँ वआर्य ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गोद ली गई बच्ची काफी चंचल है और गणित विषय में अधिक रुचि रखती है वह बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती है वहीं जिला कलेक्टर के साथ अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा भी बाल सदन पहुँची



बाईट-विश्व मोहन शर्मा जिला कलेक्टर


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