अजमेर. जिले में कोरोना वायरस का एक पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है. खास बात यह है कि भीलवाड़ा में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज आने के बात से ही अजमेर जिला परिषद ने जिले में सर्वे किया था. उस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही अजमेर में पहला करोना पॉजिटिव मरीज आईडेंटिफाई किया गया है.
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ईटीवी भारत से जिला परिषद सीईओ गजेंद्र सिंह ने विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि जिले में 50 हजार मकानों का सर्वे हो चुका है. इस सर्वे में सबसे ज्यादा ख्याल भीलवाड़ा से आने वाले लोगों को चिन्हित करने में रखा गया है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में जिला परिषद सीईओ गजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे जारी है. सर्वे के माध्यम से किस घर में कौन व्यक्ति बाहर से मसलन अन्य राज्य से पड़ोसी जिले भीलवाड़ा से या विदेश से आया है, उसका सभी डाटा सर्वे के माध्यम से तैयार किया गया है. जिसमें नाम पते और मोबाइल नंबर भी शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि जिले में पड़ोसी जिले भीलवाड़ा से सबसे अधिक लोग केकड़ी क्षेत्र में आए हुए हैं. अजमेर शहरी क्षेत्र में भी यह सर्वे किया गया था. सिंह ने बताया कि पहला कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का सर्वे भी हो चुका था और उसी सर्वे के माध्यम से उसकी स्क्रीनिंग की गई थी, इसके बाद ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने उसकी जांच की और अजमेर में यह पहला मामला सामने आया.
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बता दें कि अजमेर जिला परिषद के सर्वे की रिपोर्ट सीएमओ भेजी जाती है. उसके बाद यह रिपोर्ट चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास आती है, जिसके आधार पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग होती है. इसके आधार पर ही जिले में करीब 3000 से ज्यादा लोगों को होम आइसोलेशन पर रखा गया है. सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों ने 2 दिन में ही सर्वे कर लिया था. वहीं शहरी क्षेत्र में भी सर्वे करीबन पूरा हो चुका है.
अजमेर जिला परिषद की ओर से किया गया सर्वे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए कारगर साबित हो रहा है. सर्वे से बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करने में मदद मिल रही है. वहीं लोगों का पूरा डाटा भी विभाग के पास उपलब्ध है. अजमेर जिला परिषद के सर्वे के बाद कई जिलों में भी इसी तर्ज पर सर्वे शुरू किया गया था.