नई दिल्ली: राज्य सभा में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि कुल 1,02,359.14 करोड़ रुपये पिछले पांच वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की इकाइयों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु और अन्य सरकार से उत्पन्न अधिकतम राशि के साथ कुल खर्च हुए हैं. डीएमके सांसद आर. गिरिराजन के एक सवाल के जवाब में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक लिखित उत्तर के माध्यम से दिया, जिसमें सीएसआर पर पीएसयू और निजी क्षेत्र की इकाइयों द्वारा पिछले पांच वर्षों में कुल खर्च के बारे में पूछा गया था.
मंत्री ने अपने जवाब में डेटा प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 से 2020-21 के दौरान पीएसयू और गैर-पीएसयू द्वारा खर्च किया गया. कुल सीएसआर 1,02,359.14 करोड़ रुपये था, जिसमें पीएसयू से 20,959.94 करोड़ रुपये और गैर-पीएसयू से 81,399.20 रुपये शामिल हैं.
MoS ने इस खर्च का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण भी प्रदान किया, जिसके अनुसार इन पांच वर्षों में महाराष्ट्र द्वारा किया गया CSR खर्च 15,135.12 करोड़ रुपये था, इसलिए सूची में सबसे ऊपर कर्नाटक में 5,986.19 करोड़ रुपये, गुजरात में 5,343.22 करोड़ रुपये, तमिलनाडु और अन्य में 4,312.36 करोड़ रुपये थे.
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 के लिए, कुल सीएसआर व्यय 14,394.55 करोड़ रुपये, 2017 में 17,098.20 करोड़ रुपये, 2018 में 20,196.95 करोड़ रुपये, 2019 में 24,954.78 करोड़ रुपये और 2020 में 25,714.65 करोड़ रुपये था.
इन पांच वर्षों में 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों में सीएसआर पर सामूहिक खर्च 1443.64 करोड़ रुपये रहा, जिसमें असम 1,131.03 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 89.12 करोड़ रुपये, मेघालय में 67.58 करोड़ रुपये, 49.48 करोड़ रुपये रहा मणिपुर में, 45.73 करोड़ रुपये सिक्किम में, 44.88 करोड़ रुपये त्रिपुरा में, 13.13 करोड़ रुपये नागालैंड में और मिजोरम में सबसे कम सिर्फ 2.69 करोड़ रुपये.
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