पथानामथिट्टा: सबरीमला आए तीन तीर्थयात्रियों की पवित्र सीढ़ियां चढ़ते समय गिरने से मौत हो गई. मरने वाले श्रद्धालुओं की पहचान आंध्र प्रदेश के गुंटूर के पोन्नुरु उप्पारापालम निवासी वेलपुरी वेंकैया (65), बेंगलुरु के साउथ होसुर के मेन डेयरी क्वार्टर निवासी सीपी कुमार (44) और आंध्र प्रदेश के गोदावरी के वीरसाला मंडल के नीलम चंद्रशेखर (55) के रूप में हुई है.
सबरीमला की पवित्र सीढ़ियां चढ़ते समय ध्यान रखने योग्य बातें
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि, सबरीमला पहुंचने से पहले तीर्थयात्रियों के लिए पैदल चलना समेत हल्का व्यायाम करना अच्छा रहता है. ऐसा करने से सबरीमाला की सीढ़ियां चढ़ते समय होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है. साथ ही श्रद्धालुओं को कई सुझाव भी दिए गए हैं.
अगर सबरीमला की पवित्र सीढ़ियां चढ़ते समय थकान महसूस हो, तो आराम करने के बाद ही आगे बढ़ें. साथ ही अगर जरूरत हो, तो रास्ते में लगाए गए चिकित्सा इकाइयों में ऑक्सीजन सिलेंडर सेवा का लाभ उठाया जा सकता है. सुझाव में अयप्पा भक्तों को सबरीमाला की सीढ़ियां चढ़ने से पहले हल्का भोजन ही करना चाहिए.डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सोडा ड्रिंक से बचें और सिर्फ गर्म पानी का सेवन करें. अगर सबरीमाला चढ़ने से पहले आपको कोई शारीरिक परेशानी महसूस हो, तो आपको पंबा से ही उपचार लेना चाहिए.
भक्तों को उपवास के दौरान नियमित दवाएं लेना बंद नहीं करना चाहिए. भक्तों को यात्रा के दौरान नुस्खे भी साथ रखने चाहिए. खुद से उपचार करने से पूरी तरह बचना चाहिए. मांसपेशियों में ऐंठन से बचने का तरीका है खूब पानी पीना चाहिए.
यात्रा के दौरान अगर किसी व्यक्ति को सांप काट ले, तो उसे अपने शरीर को ज्यादा हिलाए बिना आराम से बैठना चाहिए. इन परिस्थितियों में चाकू या ब्लेड से घाव को बड़ा नहीं करना चाहिए. सांप ने जिस शरीर के जिस भी किसी स्थान पर काटा हो तो, घाव को कसकर न बांधना चाहिए. विष निकालने की कोशिश भी खतरनाक होता है. सांप के काटने वाले अंग को ऊपर न उठाएं. साथ ही, जितनी जल्दी हो सके आपातकालीन चिकित्सा नियंत्रण कक्ष (नंबर 04735- 203232) पर कॉल करें.
सन्निधानम सहित सभी चिकित्सा केंद्रों में एंटीवेनम तैयार किया गया है. स्वास्थ्य विभाग का नियंत्रण कक्ष पंपा में स्थित है. यदि आप आपातकालीन स्थिति, स्थान और शामिल लोगों की संख्या के बारे में विवरण सूचित करते हैं, तो निकटतम चिकित्सा केंद्र से स्टाफ नर्स और अन्य की सेवाएं तुरंत प्रदान की जाएंगी. आपात स्थिति में मरीज के लिए स्ट्रेचर और एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की जाती है.
इसके अलावा, रोगियों को उचित सेवा मुहैया कराने के लिए निकटतम अस्पताल को सूचना भेजी जाएगी. नोडल अधिकारी डॉ. केके. श्यामकुमार ने बताया कि हॉटलाइन प्रणाली के प्रभावी उपयोग के माध्यम से गतिविधियों का समन्वय लागू किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न विभागों ने इस बार सबरीमला तीर्थयात्रा के लिए व्यापक सुविधाएं तैयार की हैं. उपचार के अलावा, संक्रामक रोगों के नियंत्रण और रोकथाम पर काम केंद्रित है.
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