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1.15 करोड़ की धोखाधड़ी: डिजिटल अरेस्ट गैंग के 5 सदस्य गिरफ्तार, बीकॉम-एलएलबी पास हैं आरोपी - DIGITAL ARREST FRAUD CASE

अहमदाबाद साइबर क्राइम ने डिजिटल अरेस्ट गैंग चलाने वाले पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

Ahmedabad cyber crime arrested gang in Digital Arrest Fraud case
डिजिटल अरेस्ट गैंग के 5 सदस्य गिरफ्तार, बीकॉम-एलएलबी पास हैं आरोपी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2024, 8:53 PM IST

अहमदाबाद: साइबर अपराधी दिल्ली पुलिस, सीबीआई जैसी एजेंसियों के उच्च अधिकारियों के नाम पर लोगों से ठगी कर रही हैं. हाल ही में गुजरात में डिजिटल अरेस्ट के जरिये एक बिल्डर से 1 करोड़ 15 लाख रुपये हड़पने वाले पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है.

पुलिस के मुताबिक, अपराधियों ने पीड़ित को फोन कर बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल आया है, जिसमें एक बैंक एटीएम, पासपोर्ट, एमडी ड्रग पाया गया और पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है. जिसके बाद बिल्डर को डराया गया और बताया गया कि उसके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और वीडियो कॉल करके उसे डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने की धमकी दी गई और बिल्डर से पैसे ऐंठ लिए गए.

डिजिटल अरेस्ट के इस मामले में अहमदाबाद की साइबर क्राइम टीम ने गैंग के सदस्य, बैंक खाताधारक और बैंक खाते खोलने में मदद करने वाले यस बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है.

क्या है पूरी घटना
पुलिस के मुताबिक, 16 नवंबर 2024 को अहमदाबाद शहर क्षेत्र में रहने वाले बिल्डर ने पुलिस शिकायत में कहा कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें व्हॉट्सएप पर कॉल किया और खुद को दिल्ली पुलिस से बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग करके उसे एक पार्सल भेजा गया. जिसमें 16 पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड, 140 ग्राम एमडीएमए ड्रग मिला है और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है और कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आरोपियों ने उन्हें धमकाया और कहा कि अगर वो जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.

इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित के बैंक बैलेंस की जानकारी हासिल कर ली गई. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित में विश्वास जगाने के लिए दिल्ली कोर्ट के नाम पर सीबीआई के लोगो और आरबीआई के हस्ताक्षर वाले फर्जी पत्रों की तस्वीरें भी भेजी गईं और इस तरह इस पीड़ित से कुल 1 करोड़ 15 लाख रुपये हड़प लिए.

इस पूरी घटना के संबंध में शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले में जांच की और आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई गई. क्राइम ब्रांच ने यस बैंक की डिसा शाखा और राजस्थान की मेरखा शाखा के कर्मचारियों और इस आपराधिक गतिविधि से जुड़े गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें जिगर जोशी, जतिन चोकावाला, दीपक सोनी, मावजी पटेल और अनिल भूटा शामिल हैं.

बीकॉम और एलएलबी पास हैं आरोपी
पुलिस ने बताया कि जिगर जोशी, जतिन चोकावाला और दीपक सोनी तीनों आरोपी बीकॉम तक पढ़े हैं. जबकि मावजी पटेल ने बीए, एलएलबी और अनिल भूटा ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. सभी आरोपी 29 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में हैं.

एसपी (साइबर क्राइम) हार्दिक मकाड़िया ने लोगों को सावधान करते हुए कहा, "डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई बात नहीं है, तुरंत पुलिस से संपर्क करें और पैसे कभी न दें."

साइबर क्राइम ब्रांच का क्या कहना है...
अहमदाबाद सिटी साइबर क्राइम ने भी जनता से अपील की है कि आजकल ऐसी डिजिटल गिरफ्तारी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं, जिसमें अपराधी ज्यादातर वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. ये अपराधी लोगों को फोन करते हैं और खुद को सीबीआई और पुलिस अधिकारी बताते हैं और उन्हें ड्रग्स और अन्य संदिग्ध वस्तुओं के नाम पर डराते-धमकाते हैं और उनके खिलाफ अपराध दर्ज होने की जानकारी देते हैं.

कॉल आने पर बातचीत न करने की अपील
साइबर क्राइम ने लोगों से इस तरह की कॉल आने पर बातचीत में शामिल न होने की अपील की है. साथ ही, किसी भी खाते में पैसे ट्रांसफर न करने की सलाह दी गई है. साइबर क्राइम की ओर से कहा गया है कि कोई भी राज्य पुलिस, सीबीआई या ईडी जैसी भारत सरकार की कोई भी एजेंसी कभी भी किसी व्यक्ति को फोन पर इस तरह से गिरफ्तार करने के लिए नहीं बुलाती है या उसका डिजिटल स्टेटमेंट नहीं मांगती है या किसी भी व्यक्ति को डिजिटल रूप से गिरफ्तार नहीं करती है.

यह भी पढ़ें- मुंबई में 2024 की दूसरी सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी, फेक शेयर ट्रेडिंग ऐप से 11 करोड़ ठगे

अहमदाबाद: साइबर अपराधी दिल्ली पुलिस, सीबीआई जैसी एजेंसियों के उच्च अधिकारियों के नाम पर लोगों से ठगी कर रही हैं. हाल ही में गुजरात में डिजिटल अरेस्ट के जरिये एक बिल्डर से 1 करोड़ 15 लाख रुपये हड़पने वाले पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है.

पुलिस के मुताबिक, अपराधियों ने पीड़ित को फोन कर बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल आया है, जिसमें एक बैंक एटीएम, पासपोर्ट, एमडी ड्रग पाया गया और पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है. जिसके बाद बिल्डर को डराया गया और बताया गया कि उसके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और वीडियो कॉल करके उसे डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने की धमकी दी गई और बिल्डर से पैसे ऐंठ लिए गए.

डिजिटल अरेस्ट के इस मामले में अहमदाबाद की साइबर क्राइम टीम ने गैंग के सदस्य, बैंक खाताधारक और बैंक खाते खोलने में मदद करने वाले यस बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है.

क्या है पूरी घटना
पुलिस के मुताबिक, 16 नवंबर 2024 को अहमदाबाद शहर क्षेत्र में रहने वाले बिल्डर ने पुलिस शिकायत में कहा कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें व्हॉट्सएप पर कॉल किया और खुद को दिल्ली पुलिस से बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग करके उसे एक पार्सल भेजा गया. जिसमें 16 पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड, 140 ग्राम एमडीएमए ड्रग मिला है और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है और कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आरोपियों ने उन्हें धमकाया और कहा कि अगर वो जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.

इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित के बैंक बैलेंस की जानकारी हासिल कर ली गई. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित में विश्वास जगाने के लिए दिल्ली कोर्ट के नाम पर सीबीआई के लोगो और आरबीआई के हस्ताक्षर वाले फर्जी पत्रों की तस्वीरें भी भेजी गईं और इस तरह इस पीड़ित से कुल 1 करोड़ 15 लाख रुपये हड़प लिए.

इस पूरी घटना के संबंध में शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले में जांच की और आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई गई. क्राइम ब्रांच ने यस बैंक की डिसा शाखा और राजस्थान की मेरखा शाखा के कर्मचारियों और इस आपराधिक गतिविधि से जुड़े गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इनमें जिगर जोशी, जतिन चोकावाला, दीपक सोनी, मावजी पटेल और अनिल भूटा शामिल हैं.

बीकॉम और एलएलबी पास हैं आरोपी
पुलिस ने बताया कि जिगर जोशी, जतिन चोकावाला और दीपक सोनी तीनों आरोपी बीकॉम तक पढ़े हैं. जबकि मावजी पटेल ने बीए, एलएलबी और अनिल भूटा ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. सभी आरोपी 29 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में हैं.

एसपी (साइबर क्राइम) हार्दिक मकाड़िया ने लोगों को सावधान करते हुए कहा, "डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई बात नहीं है, तुरंत पुलिस से संपर्क करें और पैसे कभी न दें."

साइबर क्राइम ब्रांच का क्या कहना है...
अहमदाबाद सिटी साइबर क्राइम ने भी जनता से अपील की है कि आजकल ऐसी डिजिटल गिरफ्तारी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं, जिसमें अपराधी ज्यादातर वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. ये अपराधी लोगों को फोन करते हैं और खुद को सीबीआई और पुलिस अधिकारी बताते हैं और उन्हें ड्रग्स और अन्य संदिग्ध वस्तुओं के नाम पर डराते-धमकाते हैं और उनके खिलाफ अपराध दर्ज होने की जानकारी देते हैं.

कॉल आने पर बातचीत न करने की अपील
साइबर क्राइम ने लोगों से इस तरह की कॉल आने पर बातचीत में शामिल न होने की अपील की है. साथ ही, किसी भी खाते में पैसे ट्रांसफर न करने की सलाह दी गई है. साइबर क्राइम की ओर से कहा गया है कि कोई भी राज्य पुलिस, सीबीआई या ईडी जैसी भारत सरकार की कोई भी एजेंसी कभी भी किसी व्यक्ति को फोन पर इस तरह से गिरफ्तार करने के लिए नहीं बुलाती है या उसका डिजिटल स्टेटमेंट नहीं मांगती है या किसी भी व्यक्ति को डिजिटल रूप से गिरफ्तार नहीं करती है.

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