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हुगली जिला कोर्ट ने 7 दोषियों को सुनाई मौत की सजा, हत्या के बाद शव के कई टुकड़े किए थे - HOOGHLY DISTRICT COURT

Hooghly District Court, पश्चिम बंगाल के हुगली जिला कोर्ट ने हत्या के मामले में सात लोगों को मौत की सजा सुनाई है.

Crowd gathered outside the court demanding death penalty, inset shows the dead youth Vishnu Mal in white T-shirt
फांसी की मांग को लेकर कोर्ट के बाहर जुटी भीड़, इनसेट में सफेद टी-शर्ट में मृत युवक विष्णु मल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2024, 9:09 PM IST

चिनसुराह (पश्चिम बंगाल) : हुगली जिला न्यायालय ने प्रेम प्रसंग के चलते युवक की बेरहमी से हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए आठ लोगों में से सात को मौत की सजा सुनाई है. एक दोषी को सात साल कैद की सजा सुनाई गई है. हुगली जिला न्यायालय के प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश शिवशंकर घोष ने गुरुवार को सजा का ऐलान किया.

चिनसुराह कोर्ट ने 25 नवंबर को हत्या की घटना में आठ आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि सजा का ऐलान गुरुवार को किया गया. चार साल पहले कुख्यात अपराधी बिशाल दास और उसके सात साथियों पर चिनसुरा के एक युवक बिष्णु मल की बेरहमी से हत्या करने का आरोप था.

घटना में शव को छह टुकड़ों में काटा गया था. वहीं घटना के बाद चंदननगर कमिश्नरेट की पुलिस ने बिशाल और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया थी. लंबी सुनवाई के बाद हुगली जिला न्यायालय के प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने सोमवार को आरोपियों को दोषी करार दिया था.

वहीं कई लोग बिष्णु की हत्या के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए अदालत के सामने पोस्टर पकड़े देखे गए. यह हत्या 11 अक्टूबर, 2020 को प्रेम प्रसंग के कारण हुई थी. चिनसुराह शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके से 23 वर्षीय युवक बिष्णु माल को हुगली के कुख्यात अपराधी बिशाल दास और उसके साथियों ने बाइक पर अगवा कर लिया था. बताया जाता है कि बिष्णु की प्रेमिका बिशाल को पसंद करती थी. इसीलिए बिशाल ने बिष्णु को धमकाया था.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस रात बिशाल ने बिष्णु का अपहरण किया था, उसी रात चापदानी इलाके के एक घर में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं धड़ और सिर को अलग कर दिया गया था और फिर शरीर को छह टुकड़ों में काट दिया गया था. हत्यारों ने हत्या और शव को क्षत-विक्षत करने की तस्वीरें अपने मोबाइल फोन पर ले ली थीं. बाद में, शरीर के अंगों को पैकेट में पैक करके श्योराफुली और बैद्यबाटी के अलग-अलग स्थानों पर जल निकायों में फेंक दिया. हालांकि बाद में 3 नवंबर को कैनिंग के जिबंतला थाना क्षेत्र में कुछ लोगों पर गोली चलाने के बाद स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया था.

वहीं चंदननगर पुलिस उसे चुंचुरा थाने ले आई थी. बिशाल से पूछताछ के बाद पुलिस ने हत्या में शामिल अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया था. बिशाल के बयान के मुताबिक पुलिस ने बैद्यबाटी नहर के किनारे से प्लास्टिक में लिपटा सिर बरामद किया था. उस समय बिष्णु के हाथ का एक टुकड़ा भी मिला था, जिस पर उसकी प्रेमिका का नाम गोदा हुआ था. सरकारी वकील बिभास चटर्जी ने बताया कि पुलिस ने उसे देखकर बिष्णु की पहचान की. वहीं शेख मिंटू हत्याकांड में सरकारी गवाह बन गया, जिससे अदालत ने उसे बरी कर दिया.

न्यायाधीश शिब शंकर घोष ने सात दोषियों - बिशाल दास, रामकृष्ण मंडल, रथिन सिंह, राजकुमार प्रमाणिक, रतन बापारी, बिनोद दास और बिप्लब विश्वास को मौत की सजा सुनाई. एक अन्य दोषी मंटू घोष को सात साल कैद की सजा सुनाई गई. सरकारी वकील बिभास चटर्जी ने कहा, "यह करीब साढ़े तीन साल का संघर्ष था. फर्स्ट फास्ट ट्रैक कोर्ट में हत्या के सबसे दुर्लभ मामला था. हम अदालत को इस मामले की क्रूरता के बारे में समझाने में सफल रहे. इसलिए जज ने सातों को मौत की सजा सुनाई."

बिष्णु की मां कुंती मल ने कहा, "यह मेरे बेटे के जन्म का महीना है. और इसी महीने अदालत ने हत्या के लिए दोषी को सजा सुनाई है. इससे हमें कानून पर भरोसा मिला है." चंदननगर के पुलिस कमिश्नर अमित पी. ​​जवालगी ने कहा, "इस मामले के प्रभारी अधिकारी तमाल मोहंती थे. उन्होंने इस मामले में अच्छा काम किया. सबसे पहले बिष्णु की प्रेमिका ने परिवार को बताया कि बिशाल ने बिष्णु का अपहरण कर लिया है. फिर परिवार की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका पर यासीन मलिक और दूसरे आरोपियों से जवाब मांगा

चिनसुराह (पश्चिम बंगाल) : हुगली जिला न्यायालय ने प्रेम प्रसंग के चलते युवक की बेरहमी से हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए आठ लोगों में से सात को मौत की सजा सुनाई है. एक दोषी को सात साल कैद की सजा सुनाई गई है. हुगली जिला न्यायालय के प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश शिवशंकर घोष ने गुरुवार को सजा का ऐलान किया.

चिनसुराह कोर्ट ने 25 नवंबर को हत्या की घटना में आठ आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि सजा का ऐलान गुरुवार को किया गया. चार साल पहले कुख्यात अपराधी बिशाल दास और उसके सात साथियों पर चिनसुरा के एक युवक बिष्णु मल की बेरहमी से हत्या करने का आरोप था.

घटना में शव को छह टुकड़ों में काटा गया था. वहीं घटना के बाद चंदननगर कमिश्नरेट की पुलिस ने बिशाल और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया थी. लंबी सुनवाई के बाद हुगली जिला न्यायालय के प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने सोमवार को आरोपियों को दोषी करार दिया था.

वहीं कई लोग बिष्णु की हत्या के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए अदालत के सामने पोस्टर पकड़े देखे गए. यह हत्या 11 अक्टूबर, 2020 को प्रेम प्रसंग के कारण हुई थी. चिनसुराह शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके से 23 वर्षीय युवक बिष्णु माल को हुगली के कुख्यात अपराधी बिशाल दास और उसके साथियों ने बाइक पर अगवा कर लिया था. बताया जाता है कि बिष्णु की प्रेमिका बिशाल को पसंद करती थी. इसीलिए बिशाल ने बिष्णु को धमकाया था.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस रात बिशाल ने बिष्णु का अपहरण किया था, उसी रात चापदानी इलाके के एक घर में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इतना ही नहीं धड़ और सिर को अलग कर दिया गया था और फिर शरीर को छह टुकड़ों में काट दिया गया था. हत्यारों ने हत्या और शव को क्षत-विक्षत करने की तस्वीरें अपने मोबाइल फोन पर ले ली थीं. बाद में, शरीर के अंगों को पैकेट में पैक करके श्योराफुली और बैद्यबाटी के अलग-अलग स्थानों पर जल निकायों में फेंक दिया. हालांकि बाद में 3 नवंबर को कैनिंग के जिबंतला थाना क्षेत्र में कुछ लोगों पर गोली चलाने के बाद स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया था.

वहीं चंदननगर पुलिस उसे चुंचुरा थाने ले आई थी. बिशाल से पूछताछ के बाद पुलिस ने हत्या में शामिल अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया था. बिशाल के बयान के मुताबिक पुलिस ने बैद्यबाटी नहर के किनारे से प्लास्टिक में लिपटा सिर बरामद किया था. उस समय बिष्णु के हाथ का एक टुकड़ा भी मिला था, जिस पर उसकी प्रेमिका का नाम गोदा हुआ था. सरकारी वकील बिभास चटर्जी ने बताया कि पुलिस ने उसे देखकर बिष्णु की पहचान की. वहीं शेख मिंटू हत्याकांड में सरकारी गवाह बन गया, जिससे अदालत ने उसे बरी कर दिया.

न्यायाधीश शिब शंकर घोष ने सात दोषियों - बिशाल दास, रामकृष्ण मंडल, रथिन सिंह, राजकुमार प्रमाणिक, रतन बापारी, बिनोद दास और बिप्लब विश्वास को मौत की सजा सुनाई. एक अन्य दोषी मंटू घोष को सात साल कैद की सजा सुनाई गई. सरकारी वकील बिभास चटर्जी ने कहा, "यह करीब साढ़े तीन साल का संघर्ष था. फर्स्ट फास्ट ट्रैक कोर्ट में हत्या के सबसे दुर्लभ मामला था. हम अदालत को इस मामले की क्रूरता के बारे में समझाने में सफल रहे. इसलिए जज ने सातों को मौत की सजा सुनाई."

बिष्णु की मां कुंती मल ने कहा, "यह मेरे बेटे के जन्म का महीना है. और इसी महीने अदालत ने हत्या के लिए दोषी को सजा सुनाई है. इससे हमें कानून पर भरोसा मिला है." चंदननगर के पुलिस कमिश्नर अमित पी. ​​जवालगी ने कहा, "इस मामले के प्रभारी अधिकारी तमाल मोहंती थे. उन्होंने इस मामले में अच्छा काम किया. सबसे पहले बिष्णु की प्रेमिका ने परिवार को बताया कि बिशाल ने बिष्णु का अपहरण कर लिया है. फिर परिवार की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया.

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