शिमला: भारत में क्रिकेटर को भगवान और क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई इस खेल का दीवाना है. टी-20 क्रिकेट आने से इस खेल में और तड़का लग गया है. दर्शकों को खूब चौके और छक्के देखने को मिलते हैं. महज 120 गेंदों के टी20 मुकाबले में किसी बल्लेबाज का सेंचुरी बनाना आसान नहीं है लेकिन हिमाचल प्रदेश के एक बैटर ने एक टी20 मुकाबले में डबल सेंचुरी जड़ दी.
टी-20 में लगाया दोहरा शतक
कपिल देव नाम के एक खिलाड़ी ने ये कारनामा कर दिखाया है. कपिल ने मंडी जिले में स्थानीय टूर्नामेंट के दौरान एक टी-20 मैच में दोहरा शतक लगा दिया. बीते रविवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी में आइआइटी के कमांद कैंपस में एक टी20 मुकाबला हुआ. जिसमें IIT मंडी और मंडी की टीमों का आमना-सामना हुआ. इस फ्रैंडली मैच में कपिल देव ने 78 गेंदों का सामना करते हुए 206 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली. जिसमें 22 चौके और 14 छक्के शामिल थे.
खास बात ये है कि मंडी टीम की ओर से बतौर ओपनर उतरे कपिल की टीम ने 20 ओवर्स में एक विकेट खोकर 263 रन बनाए, जिसमें से 206 अकेले उनके बल्ले से निकले थे. इस विशाल टारगेट का पीछा करते हुए आईआईटी मंडी की 5 विकेट गंवाकर 135 बना पाई. कपिल की टीम ने 128 रन से मैच जीता. भले कपिल के बल्ले से ये डबल सेंचुरी एक फ्रैंडली मैच में आई हो लेकिन ये मैच क्रिकेट के पूरे नियम कायदों के साथ खेला गया और किसी टी20 मैच में डबल सेंचुरी जड़ना किसी भी लेवल पर बड़ी उपलब्धि है. हिमाचल के कपिल देव की डबल सेंचुरी की चर्चा हर ओर हो रही है.
क्रिकेट में बनाना चाहते हैं करियर
ईटीवी भारत से बातचीत में 27 साल के कपिल देव ने बताया कि, 'मैं भारत के लिए खेलने का सपना देखता हूं. इसके लिए मैं कई घंटे मंडी के गाग्गल में एचपीसीए के सब सेंटर में रोजाना चार से पांच घंटे प्रैक्टिस करता हूं. धूप हो या बारिश वो कभी अपनी प्रैक्टिस मिस नहीं करता. 18 साल की उम्र में पेशेवर क्रिकेट खेलना शुरू किया था और इसी में करियर बनाने का फैसला किया था. आज भी क्रिकेट में ही करियर बनाने चाहता हूं.'
सुविधाओं का आभाव
कपिल देव ने बताया कि, 'वो लेफ्ट हैंड बल्लेबाज और मध्यम गति के तेज गेंदबाज हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी खेलों के लिए उतनी सुविधाएं नहीं हैं. उनके पास कोई कोच नहीं है जो उनके खेल को निखार सके.' वहीं, एचपीसीए सब सेंटर गाग्गल में प्रैक्टिस के लिए पहुंचे अन्य खिलाड़ियों ने कहा कि अगर उन्हें यहां और सुविधाएं जैसे अच्छा टर्फ, कोच मिले तो वो अपना खेल निखार सकते हैं.
चोट ने प्रभावित किया करियर
खिलाड़ी और चोट का चोली दामन का साथ है. कपिल देव ने बताया कि, 'दो साल पहले 2022 में सीके नायडू ट्रॉफी में पुदुच्चेरी के खिलाफ खेले गए मैच में उनका लिगामेंट फट गया था, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा और 45 रन की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी. उस पारी में उन्होंने चोटिल होने के बाद भी 4 छक्के जड़ दिए थे. मुंबई के खिलाफ भी उन्होंने सीके नायडू में हैट्रिक पूरी की थी. हालांकि लिगामेंट इंजरी के बाद उनकी टीम में अभी तक वापसी नहीं हो पाई है, लेकिन उनका प्रयास जारी है.'
निराश हैं हताश नहीं
कपिल देव का सपना आज भी भारत के लिए क्रिकेट खेलने का है. उन्होंने कहा कि, 'अब तक उन्हें हिमचाल के लिए अंडर 19 (कूच बिहार), अंडर 23 (सीके नायडू) और अंडर 25 स्तर पर क्रिकेट खेलने का मौका मिला है. अब तक रणजी टीम का हिस्सा न बनने का उन्हें मलाल जरूरी है, लेकिन वो इसके लिए मेहनत और अपनी फिटनेस पर काम जारी रखेंगे. हालांकि वो हिमाचल के रणजी और सैय्यद मुश्ताक अली कैंप के लिए टीम के साथ जुड़े थे.'
बता दें कि बीते रविवार को आइआइटी मंडी के कमांद कैंपस में आइआइटी मंडी और मंडी की टीम के बीच खेले गए एक मैच में कपिल देव ने दोहरा शतक ठोक डाला था. कपिल ने अपनी पारी से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था. मंडी टीम की तरफ से बतौर ओपनर बल्लेबाज क्रीज पर उतरे कपिल देव ने विपक्षी गेंदबाजों की खूब धुनाई करते हुए 206 रन बनाए. उनकी टीम ने मात्र एक विकेट खोकर निर्धारित 20 ओवरों में 263 रन बनाए. लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरी आईआईटी मंडी की टीम 20 ओवरों में 5 विकेट गंवाकर 135 रन ही बना पाई.
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