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सुप्रीम कोर्ट का GRAP IV के तहत इमरजेंसी उपायों में ढील देने से इनकार - SUPREME COURT

जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अधिकारी GRAP IV के प्रतिबंधों को लागू करने में नाकाम रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
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By Sumit Saxena

Published : Nov 28, 2024, 5:56 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत इमरजेंसी उपायों में ढील देने से इनकार कर दिया और इसे 2 दिसंबर तक जारी रखने का आदेश दिया है.

जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि कोर्ट कमिश्नरों की ओर से प्रस्तुत दूसरी रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी GRAP IV के प्रतिबंधों को लागू करने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं.

बेंच ने कहा, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि स्कूलों के संबंध में संशोधित उपायों को छोड़कर GRAP IV के सभी उपाय सोमवार तक लागू रहेंगे. इस बीच एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन एक बैठक करेगा और ग्रैप IV से GRAP III या ग्रैप II में जाने को लेकर सुझाव देगा. हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि ग्रैप IV में दिए गए सभी उपायों को खत्म कर दिया जाए."

चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ हो एक्शन
कोर्ट ने आगे कहा कि ग्रैप-IV के प्रावधानों को लागू करने में चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए. इस दौरान पीठ ने पंजाब से संबंधित एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान भी लिया, जिसमें एक भूमि रिकॉर्ड अधिकारी और संगरूर ब्लॉक पटवारी यूनियन के अध्यक्ष ने खुले तौर पर किसानों को सैटेलाइट से बचने के लिए शाम 4 बजे के बाद पराली जलाने की सलाह दी थी.

पंजाब सरकार को अधिकारियों को निर्देश जारी करने चाहिए
बेंच ने कहा, "हम इस खबर की सच्चाई के बारे में नहीं जानते लेकिन अगर यह सही है तो यह बहुत गंभीर मामला है. (पंजाब) राज्य के अधिकारी किसी भी किसान को इसका फायदा उठाने की इजाजत नहीं दे सकते. पंजाब सरकार को तुरंत सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करना चाहिए कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों."

बता दें कि GRAP-4 प्रतिबंध विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से संबंधित हैं. 2017 में पहली बार लागू किया गया GRAP वायु प्रदूषण विरोधी उपायों का एक सेट था, जिसका पालन स्थिति की गंभीरता के अनुसार राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में किया जाता था.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका पर यासीन मलिक और दूसरे आरोपियों से जवाब मांगा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के तहत इमरजेंसी उपायों में ढील देने से इनकार कर दिया और इसे 2 दिसंबर तक जारी रखने का आदेश दिया है.

जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि कोर्ट कमिश्नरों की ओर से प्रस्तुत दूसरी रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी GRAP IV के प्रतिबंधों को लागू करने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं.

बेंच ने कहा, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि स्कूलों के संबंध में संशोधित उपायों को छोड़कर GRAP IV के सभी उपाय सोमवार तक लागू रहेंगे. इस बीच एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन एक बैठक करेगा और ग्रैप IV से GRAP III या ग्रैप II में जाने को लेकर सुझाव देगा. हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि ग्रैप IV में दिए गए सभी उपायों को खत्म कर दिया जाए."

चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ हो एक्शन
कोर्ट ने आगे कहा कि ग्रैप-IV के प्रावधानों को लागू करने में चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए. इस दौरान पीठ ने पंजाब से संबंधित एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान भी लिया, जिसमें एक भूमि रिकॉर्ड अधिकारी और संगरूर ब्लॉक पटवारी यूनियन के अध्यक्ष ने खुले तौर पर किसानों को सैटेलाइट से बचने के लिए शाम 4 बजे के बाद पराली जलाने की सलाह दी थी.

पंजाब सरकार को अधिकारियों को निर्देश जारी करने चाहिए
बेंच ने कहा, "हम इस खबर की सच्चाई के बारे में नहीं जानते लेकिन अगर यह सही है तो यह बहुत गंभीर मामला है. (पंजाब) राज्य के अधिकारी किसी भी किसान को इसका फायदा उठाने की इजाजत नहीं दे सकते. पंजाब सरकार को तुरंत सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करना चाहिए कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों."

बता दें कि GRAP-4 प्रतिबंध विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से संबंधित हैं. 2017 में पहली बार लागू किया गया GRAP वायु प्रदूषण विरोधी उपायों का एक सेट था, जिसका पालन स्थिति की गंभीरता के अनुसार राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में किया जाता था.

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