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दिल्ली में मतदाताओं के 2.25 लाख फॉर्म प्राप्त, मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया जारी

-वोटर लिस्ट और कार्ड संबंधियों गलतियों में करा सकते हैं सुधार -जनवरी 2025 में जारी होगी फाइनल वोटर लिस्ट.

दिल्ली में मतदाताओं के 2.25 लाख फॉर्म प्राप्त
दिल्ली में मतदाताओं के 2.25 लाख फॉर्म प्राप्त (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: चुनाव आयोग को विशेष सारांश संशोधन 2025 के दौरान अब तक लगभग 2.25 लाख फॉर्म (6, 7 और 8) प्राप्त हुए हैं. दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आर. एलिस वाज ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्‍होंने बताया कि दावे और आपत्तियां दाखिल करने की प्रक्रिया 29 अक्टूबर, 2024 से शुरू हुई थी और 28 नवंबर, 2024 को समाप्त हो गई. हालांकि, मतदाता सूची में अधिकतम भागीदारी और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया जारी रहेगी.

आर. एलिस वाज ने बताया कि एक स्वच्छ और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे चुनाव के दिन केवल पात्र मतदाता ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें और फर्जी मतदान की संभावना समाप्त हो. इसके लिए चुनाव आयोग हर साल विशेष सारांश संशोधन करता है, जिसमें दो मुख्य गतिविधियां होती हैं.

बीएलओ ने दिल्‍ली के हर घर का दौरा किया: आर. एलिस वाज ने बताया कि संशोधन-पूर्व गतिविधियों के तहत, 20 अगस्त 2024 से दिल्ली के बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन अभियान चलाया गया. बीएलओ ने दिल्ली के प्रत्येक घर का दौरा किया और जिन नागरिकों का नाम मतदाता सूची में नहीं था, या जो 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, उनकी पहचान की. इसके अलावा, मृतक या स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की प्रविष्टियों को सूची से हटाने की प्रक्रिया भी की गई. इस सत्यापन अभियान के दौरान लगभग 1.62 लाख फॉर्म एकत्र किए गए, जिनमें मतदाता सूची में जोड़ने, हटाने और सुधारने के लिए आवेदन किए गए.

53 मतदान केंद्रों को हटाया, 123 नए जोड़े गए: मुख्‍य निवार्चन अधिकारी के अनुसार, मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की प्रक्रिया भी की गई, जो एक और प्रमुख संशोधन-पूर्व गतिविधि थी. इस प्रक्रिया का उद्देश्य भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) के दिशा-निर्देशों के तहत मतदान केंद्रों पर भीड़-भाड़ को कम करना था. कुल 53 मतदान केंद्र स्थानों को हटाया गया, जबकि 123 नए मतदान केंद्र स्थान जोड़े गए. इससे दिल्ली में कुल 70 मतदान केंद्र स्थानों में वृद्धि हुई. इससे मतदाताओं को बेहतर सुविधा और पहुंच मिलेगी.

प्राप्‍त हुए 45,000 फॉर्म: इसके बाद, 29 अक्टूबर 2024 को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की गई, जिसे दिल्ली के सभी मतदान केंद्रों, 70 मतदाता केंद्रों और सीईओ की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया. इस दौरान विशेष शिविरों का आयोजन भी किया गया. 9 और 10 नवंबर के साथ ही 23 और 24 नवंबर 2024 को आयोजित शिविरों में बीएलओ ने मतदाता सूची में सुधार, नाम जोड़ने और अन्य दावों के लिए लगभग 45,000 फॉर्म एकत्र किए.

24 दिसंबर तक होगा आपत्तियों का निपटारा: सीईओ, दिल्ली ने यह भी बताया कि दावों और आपत्तियों का निपटारा एसएसआर 2025 की अनुसूची के अनुसार 24 दिसंबर 2024 तक किया जाएगा. यदि कोई नागरिक अब तक मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं है, तो वह फॉर्म-6 के माध्यम से नामांकन के लिए आवेदन कर सकता है. इसके बाद, फॉर्म को बीएलओ द्वारा सत्यापन के लिए लिया जाएगा. यदि किसी मतदाता के विवरण में कोई बदलाव या सुधार करना हो, जैसे कि पता बदलना या विकलांगता का अनुरोध, तो फॉर्म-8 का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, यदि कोई मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गया है या उसकी मृत्यु हो गई है, तो फॉर्म-7 के माध्यम से उसकी प्रविष्टि को हटाने के लिए आपत्ति दर्ज की जा सकती है. वहीं, जनवरी 2025 में फाइनल मतदाता सूची जारी होगी.

अवैध मतदान रोकने को प्रतिबद्ध चुनाव आयोग: सीईओ ने यह भी स्पष्ट किया कि एक मतदाता का नाम किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार या अलग-अलग स्थानों पर नहीं हो सकता है. यदि ऐसा होता है, तो उसे फॉर्म-7 भरकर सुधार करवाना होगा. फॉर्म ऑनलाइन या ऑफलाइन दाखिल किए जा सकते हैं. इस पूरे प्रक्रिया का उद्देश्य एक पारदर्शी और निष्पक्ष चुनावी प्रणाली सुनिश्चित करना है, जिसमें केवल पात्र मतदाता ही मतदान का अधिकार प्रयोग करें.

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग को विशेष सारांश संशोधन 2025 के दौरान अब तक लगभग 2.25 लाख फॉर्म (6, 7 और 8) प्राप्त हुए हैं. दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आर. एलिस वाज ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्‍होंने बताया कि दावे और आपत्तियां दाखिल करने की प्रक्रिया 29 अक्टूबर, 2024 से शुरू हुई थी और 28 नवंबर, 2024 को समाप्त हो गई. हालांकि, मतदाता सूची में अधिकतम भागीदारी और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया जारी रहेगी.

आर. एलिस वाज ने बताया कि एक स्वच्छ और शुद्ध मतदाता सूची तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे चुनाव के दिन केवल पात्र मतदाता ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें और फर्जी मतदान की संभावना समाप्त हो. इसके लिए चुनाव आयोग हर साल विशेष सारांश संशोधन करता है, जिसमें दो मुख्य गतिविधियां होती हैं.

बीएलओ ने दिल्‍ली के हर घर का दौरा किया: आर. एलिस वाज ने बताया कि संशोधन-पूर्व गतिविधियों के तहत, 20 अगस्त 2024 से दिल्ली के बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन अभियान चलाया गया. बीएलओ ने दिल्ली के प्रत्येक घर का दौरा किया और जिन नागरिकों का नाम मतदाता सूची में नहीं था, या जो 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष के हो जाएंगे, उनकी पहचान की. इसके अलावा, मृतक या स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की प्रविष्टियों को सूची से हटाने की प्रक्रिया भी की गई. इस सत्यापन अभियान के दौरान लगभग 1.62 लाख फॉर्म एकत्र किए गए, जिनमें मतदाता सूची में जोड़ने, हटाने और सुधारने के लिए आवेदन किए गए.

53 मतदान केंद्रों को हटाया, 123 नए जोड़े गए: मुख्‍य निवार्चन अधिकारी के अनुसार, मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की प्रक्रिया भी की गई, जो एक और प्रमुख संशोधन-पूर्व गतिविधि थी. इस प्रक्रिया का उद्देश्य भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) के दिशा-निर्देशों के तहत मतदान केंद्रों पर भीड़-भाड़ को कम करना था. कुल 53 मतदान केंद्र स्थानों को हटाया गया, जबकि 123 नए मतदान केंद्र स्थान जोड़े गए. इससे दिल्ली में कुल 70 मतदान केंद्र स्थानों में वृद्धि हुई. इससे मतदाताओं को बेहतर सुविधा और पहुंच मिलेगी.

प्राप्‍त हुए 45,000 फॉर्म: इसके बाद, 29 अक्टूबर 2024 को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की गई, जिसे दिल्ली के सभी मतदान केंद्रों, 70 मतदाता केंद्रों और सीईओ की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया. इस दौरान विशेष शिविरों का आयोजन भी किया गया. 9 और 10 नवंबर के साथ ही 23 और 24 नवंबर 2024 को आयोजित शिविरों में बीएलओ ने मतदाता सूची में सुधार, नाम जोड़ने और अन्य दावों के लिए लगभग 45,000 फॉर्म एकत्र किए.

24 दिसंबर तक होगा आपत्तियों का निपटारा: सीईओ, दिल्ली ने यह भी बताया कि दावों और आपत्तियों का निपटारा एसएसआर 2025 की अनुसूची के अनुसार 24 दिसंबर 2024 तक किया जाएगा. यदि कोई नागरिक अब तक मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं है, तो वह फॉर्म-6 के माध्यम से नामांकन के लिए आवेदन कर सकता है. इसके बाद, फॉर्म को बीएलओ द्वारा सत्यापन के लिए लिया जाएगा. यदि किसी मतदाता के विवरण में कोई बदलाव या सुधार करना हो, जैसे कि पता बदलना या विकलांगता का अनुरोध, तो फॉर्म-8 का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, यदि कोई मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गया है या उसकी मृत्यु हो गई है, तो फॉर्म-7 के माध्यम से उसकी प्रविष्टि को हटाने के लिए आपत्ति दर्ज की जा सकती है. वहीं, जनवरी 2025 में फाइनल मतदाता सूची जारी होगी.

अवैध मतदान रोकने को प्रतिबद्ध चुनाव आयोग: सीईओ ने यह भी स्पष्ट किया कि एक मतदाता का नाम किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार या अलग-अलग स्थानों पर नहीं हो सकता है. यदि ऐसा होता है, तो उसे फॉर्म-7 भरकर सुधार करवाना होगा. फॉर्म ऑनलाइन या ऑफलाइन दाखिल किए जा सकते हैं. इस पूरे प्रक्रिया का उद्देश्य एक पारदर्शी और निष्पक्ष चुनावी प्रणाली सुनिश्चित करना है, जिसमें केवल पात्र मतदाता ही मतदान का अधिकार प्रयोग करें.

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