समलैंगिकता के विरोध में उतरे शंकराचार्य सदानंद सरस्वती, कहा- ऐसी परंपराओं से धर्म और संस्कृति का होगा नाश
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नरसिंहपुर। शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने समलैंगिकता का विरोध करते हुए केंद्र सरकार का समर्थन किया है. नरसिंहपुर के झोतेश्वर में स्थित अपने आश्रम पहुंचे द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने समलैंगिकता का विरोध करते हुए कहा कि "इसे न्यायालय से मान्यता नहीं मिलनी चाहिए, धर्म ऐसी परंपरा को मान्यता नहीं देता है". उनका कहना है कि "इससे देश में कई तरह की बीमारियां फैलने लगेंगी, हमारे यहां 8 प्रकार की विवाह पद्धति है जिसमें स्त्री पत्नी होती है और पुरुष पति होता है. लेकिन, समलैंगिकता में कौन पति होगा कौन पत्नी होगा यह कैसे तय होगा. सनातन हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता को पाप की श्रेणी में रखा गया है. हमारी संस्कृति में यह दोष पूर्ण माना गया है, ऐसी परंपराओं से धर्म और संस्कृति का नाश होगा."