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कटनी में मावठे की बारिश से खरीदी केंद्रों पर रखा धान हुआ बर्बाद, खुले में पड़ा है लाखों क्विंटल धान - RAIN IN KATNI BETUL SHEOPUR

मध्य प्रदेश के कटनी, श्योपुर और बैतूल में मावठे की बारिश से फसलें बर्बाद होने की सूचना है. कटनी में खरीदी केंद्रों पर रखा लाखों क्विंटल धान पानी में भीग गया.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 15 hours ago

कटनी: मध्य प्रदेश के कटनी जिले में शनिवार सुबह से हो रही मावठे की बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. वहीं खुले में पड़ी किसानों की लाखों क्विंटल धान पानी में भीग कर बर्बाद हो गया. सहकारी समितियों एवं सरकारी तंत्र की अनदेखी से लाखों क्विंटल धान बर्बादी की भेंट चढ़ गया. हालांकि खेती के लिए यह पानी अमृत समान है लेकिन धान खरीदी केंद्रों के लिए जहर साबित हुआ. दूसरी तरफ किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.

मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे अधिकारी

गौरतलब है कि खरीदी केंद्रों में किसानों के माल की देखरेख की जिम्मेदारी प्रभारियों पर होती है. लेकिन कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से किसानों का धान बारिश की भेंट चढ़ गया. बताया यह भी जा रहा है कि अब इस धान को रिजेक्ट कर दिया जाएगा. वहीं इस पूरे मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहा है.

बैतूल में गराज चमक के साथ झमाझम हुई मावठा की बारिश

बैतूल: बैतूल में शनिवार को सुबह से बादल छाए रहे. दोपहर को झमाझम बारिश शुरू हो गई. बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए. बारिश से अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश से फसलों को फायदा मिलेगा. वहीं बैतूल के घोड़ाडोंगरी नगर में बारिश के चलते शनिवार की भागवत कथा को बीच में ही स्थगित कर दिया गया. भागवत कथा में बारिश से बचने लोगों ने पॉलीथिन का सहारा लिया. वहीं आगामी 29 से 30 दिसंबर तक मौसम इसी तरह बना रहने की संभावना बनी है.

श्योपुर में बारिश से फसलें बर्बाद होने की कगार पर

श्योपुर: श्योपुर में बरसात के साथ ओले गिरने किसानों की फसलें बर्बाद होने की आशंका है. श्योपुर में देर शाम बिजली की चमक दमक के साथ तेज़ आंधी तूफान बारिश होना शुरू हो गई. बारिश की वजह से सर्दी का असर बढ़ गया है और लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. अचानक हुई बेमौसम बारिश से अब लोगों की परेशानियां बढ़ गई है क्योंकि उन्हें सर्दी से बचने के साथ बारिश से बचने के इंतजाम भी करने पड़ रहे हैं.

कई किसानों के लिए फायदे तो कहीं बारिश आफत भी बनी. तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि की वजह से कराहल क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा गांव के आसपास के खेतों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. गेहूं और सरसों की फसलों की स्थिति देखकर किसानों की टेंशन बढ़ गई है. करीब 15 से 20 मिनट तक बैर के आकार के ओले गिरने से गेहूं ओर सरसों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

कटनी: मध्य प्रदेश के कटनी जिले में शनिवार सुबह से हो रही मावठे की बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. वहीं खुले में पड़ी किसानों की लाखों क्विंटल धान पानी में भीग कर बर्बाद हो गया. सहकारी समितियों एवं सरकारी तंत्र की अनदेखी से लाखों क्विंटल धान बर्बादी की भेंट चढ़ गया. हालांकि खेती के लिए यह पानी अमृत समान है लेकिन धान खरीदी केंद्रों के लिए जहर साबित हुआ. दूसरी तरफ किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.

मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे अधिकारी

गौरतलब है कि खरीदी केंद्रों में किसानों के माल की देखरेख की जिम्मेदारी प्रभारियों पर होती है. लेकिन कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से किसानों का धान बारिश की भेंट चढ़ गया. बताया यह भी जा रहा है कि अब इस धान को रिजेक्ट कर दिया जाएगा. वहीं इस पूरे मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहा है.

बैतूल में गराज चमक के साथ झमाझम हुई मावठा की बारिश

बैतूल: बैतूल में शनिवार को सुबह से बादल छाए रहे. दोपहर को झमाझम बारिश शुरू हो गई. बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए. बारिश से अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश से फसलों को फायदा मिलेगा. वहीं बैतूल के घोड़ाडोंगरी नगर में बारिश के चलते शनिवार की भागवत कथा को बीच में ही स्थगित कर दिया गया. भागवत कथा में बारिश से बचने लोगों ने पॉलीथिन का सहारा लिया. वहीं आगामी 29 से 30 दिसंबर तक मौसम इसी तरह बना रहने की संभावना बनी है.

श्योपुर में बारिश से फसलें बर्बाद होने की कगार पर

श्योपुर: श्योपुर में बरसात के साथ ओले गिरने किसानों की फसलें बर्बाद होने की आशंका है. श्योपुर में देर शाम बिजली की चमक दमक के साथ तेज़ आंधी तूफान बारिश होना शुरू हो गई. बारिश की वजह से सर्दी का असर बढ़ गया है और लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. अचानक हुई बेमौसम बारिश से अब लोगों की परेशानियां बढ़ गई है क्योंकि उन्हें सर्दी से बचने के साथ बारिश से बचने के इंतजाम भी करने पड़ रहे हैं.

कई किसानों के लिए फायदे तो कहीं बारिश आफत भी बनी. तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि की वजह से कराहल क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा गांव के आसपास के खेतों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. गेहूं और सरसों की फसलों की स्थिति देखकर किसानों की टेंशन बढ़ गई है. करीब 15 से 20 मिनट तक बैर के आकार के ओले गिरने से गेहूं ओर सरसों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

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