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रावण गांव में नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं, दलदल से आगनवाड़ी जाते हैं बच्चे

विदिशा जिले की नटेरन तहसील में आने वाला रावण गांव आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है.

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Published : Sep 29, 2019, 5:27 PM IST

रावण गांव में नहीं हैं मूलभूत सुबिधाएं

विदिशा। जब देश में ग्राम पंचायतों को डिजटल किया जा रहा है, दावा किया जाता है कि गांव सुविधा संपन्न हो गए हैं, ऐसे में विदिशा जिले की नटेरन तहसील का एक गांव है, जहां पंचायत भवन के लिए ही रोड नहीं है, ग्राम प्रधान और सचिव भी दलदल भरे रास्ते से होकर पंचायत भवन जाते हैं.

रावण गांव में नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं

महज दो हजार की आबादी वाला रावण गांव आजादी के सात दशक बाद भी सड़क नाली जैसी मूल भूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है. सालों पुरानी सड़कें पगडंडियों में तब्दील हो गई हैं और जिन्हें हाल ही में बनाया गया वो गढ्ढो में नजर आ रही हैं. ऐसा भी नहीं है कि यह अकेला ऐसा गांव है, जिले में कई गांवों के हालात ऐसे ही हैं.

गांव वाले बताते हैं कि गांव का आगनवाड़ी केंद्र भी पूरी तरह कीचड़ की गिरफ्त में आ गया है, जिससे होकर ही नन्हें बच्चों को जाना पड़ता है. सरपंच से लेकर जिला मुख्यालय तक कई बार शिकायत की गई पर समस्या का निदान नहीं हो सका. बता दें ये वही पंचायत है जहां कुछ दिन पहले पानी भर जाने से कुछ बच्चे स्कूल में कैद हो गए थे.

विदिशा। जब देश में ग्राम पंचायतों को डिजटल किया जा रहा है, दावा किया जाता है कि गांव सुविधा संपन्न हो गए हैं, ऐसे में विदिशा जिले की नटेरन तहसील का एक गांव है, जहां पंचायत भवन के लिए ही रोड नहीं है, ग्राम प्रधान और सचिव भी दलदल भरे रास्ते से होकर पंचायत भवन जाते हैं.

रावण गांव में नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं

महज दो हजार की आबादी वाला रावण गांव आजादी के सात दशक बाद भी सड़क नाली जैसी मूल भूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है. सालों पुरानी सड़कें पगडंडियों में तब्दील हो गई हैं और जिन्हें हाल ही में बनाया गया वो गढ्ढो में नजर आ रही हैं. ऐसा भी नहीं है कि यह अकेला ऐसा गांव है, जिले में कई गांवों के हालात ऐसे ही हैं.

गांव वाले बताते हैं कि गांव का आगनवाड़ी केंद्र भी पूरी तरह कीचड़ की गिरफ्त में आ गया है, जिससे होकर ही नन्हें बच्चों को जाना पड़ता है. सरपंच से लेकर जिला मुख्यालय तक कई बार शिकायत की गई पर समस्या का निदान नहीं हो सका. बता दें ये वही पंचायत है जहां कुछ दिन पहले पानी भर जाने से कुछ बच्चे स्कूल में कैद हो गए थे.

Intro:विदिशा :- भले ही हिंदुस्तान को डिजिटल भारत का दाबा क्या जा रहा हो पर असल भारत के गांव आज भी छोटी छोटी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं सदियों बाद भी जिलों के कई ग्राम रोड जेंसी सुविधाओं से आज भी वंछित हैं
Body:जिले की तहसील नटेरन की ग्राम पंचायत रावण जो आज भी सड़क नाली जेंसी सुविधाओं के लिए तरस रहा है 2 से तीन हजार की आबादी का ग्राम पंचायत भबन के आगे कीचड़ दलदल में तब्दील हो गई तमाम ग्राम पंचायत बासियों को इस ही दल के सहारे निकलना होता है ग्राम की सड़कें पखडण्डी बन गई ग्राम के लोगो की माने तो एक आंगनवाड़ी केंद्र है जो पूरी तरह कीचड़ की गिरफ्त में है इस कीचड़ से होकर आंगनवाड़ी केंद्र तक पहुंचना होता है Conclusion:बीते दिनों इसी ही ग्राम पंचायत में पानी भरने से कुछ बच्चे स्कूल में कैद हो गए थे
ग्राम के लोगो का कहना है सरपंच से लेकर जिला मुख्यालय तक शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन समस्या का निदान आज तक नही हो सका
ग्राम पंचायत ग्रामो के विकास का दफ्तर कहा जाता है आप अंदाजा लगा सकते हैं जब ग्रामपंचायत तक ही पहुंच माँर्ग नही है तो ग्राम का कैंसे विकास हो रहा होगा या हम यूँ कह सकते हैं दिया तले अंधेरे
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