उज्जैन। बडनगर तहसील से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. रेप केस में बेल मिलने के बाद पीड़िता ने आरोप लगाया है कि करण को फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमानत मिली है, ऐसे में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज होना चाहिए. इसे लेकर पीड़िता ने पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा है. पीड़िता ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि अगर 2 दिनों में आरोपी करण मोरवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है, तो वो सीएम हाउस के बाहर सुसाइड कर लेगी.
पीड़िता की मांग-दर्ज हो केस
पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने आवेदन में कहा है कि रेप आरोपी करण मोरवाल (karan morwal rape case) को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रेप केस में जमानत दी गई है. उसके खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज होना चाहिए. रेप पीड़िता ने दावा किया है कि बड़नगर के सिविल अस्पताल में दर्ज फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर करण को बेल दी गई. पीड़ित युवती का दावा सच इसलिए साबित हो रहा है क्योंकि करीब 2 माह पूर्व ही सिविल अस्पताल के एक डॉ व कर्मचारियों को फर्जी डॉक्युमेंट बनाने के मामले में जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने निलंबित किया था.
फर्जी दस्तावेज में मिली जमानत (bail on fake documents)
पीड़िता ने बताया कि घटना 14 फरवरी की है लेकिन करण ने अपनी सफाई में बडनगर के सिविल अस्पताल के डॉक्युमेंट दिखाए और साबित किया कि वो 13-15 फरवरी तक हॉस्पीटल में भर्ती था, जिसके आधार पर करण को जमानत मिली. पीड़िता का सवाल ये है कि जब 14 फरवरी को करण इंदौर में था, तो अस्पताल में वो कैसे भर्ती हो गया. पीड़िता का आरोप है कि 14 फरवरी 2021 को करण उसे एक होटल में ले गया था, जहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर युवती को पिलाने के बाद वह उसे एक फ्लैट पर ले गया और उसके साथ रेप किया. पीड़िता का दावा है कि जिला कलेक्टर ने जांच में सिविल हॉस्पिटल में फर्जी एंट्री पाई थी, जिसपर कलेक्टर ने डॉ व कर्मचारी को निलंबित किया है. पीड़िता का कहना है कि वो 2 महीने से फर्जीवाड़े को लेकर आवदेन दे रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
…तो मैं सीएम हाउस के सामने सुसाइड करूंगी (threats to commit suicide in front of cm house)
पीड़िता ने पुलिस- प्रशासन को धमकी भरे लहजे में कहा है कि अगर 2 दिनों में करण मोरवाल के विरुद्ध FIR नहीं होती है तो में सीएम हाउस के बाहर जाकर सुसाइड करूंगी, मैं टूट चुकी हूं. हालांकि, कलेक्टर मामले में जांच की बात कर रहे हैं. वहीं पूरे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फ़िरोजिया, आईजी सन्तोष कुमार व कमिश्नर ने पीड़िता को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है. बता दें कि 18 जनवरी को कोर्ट में इस मामले की सुनवाई है.