ETV Bharat / state

Ujjain News: मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर साधु-संतों ने कराया 5 हजार से अधिक मृत गायों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 4:05 PM IST

उज्जैन की मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर साधु-संतों ने 5 हजार से अधिक मृत गायों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण कराया. इस मौके पर बड़ी संख्या में उज्जैन के साधु-संत शामिल हुए.

saints performed tarpan for peace souls of cows
5 हजार से अधिक मृत गायों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण

उज्जैन। पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उज्जैन की मां मोक्षदायिनी क्षिप्रा के तट पर आकर तर्पण करते हैं. माना जाता है कि मां शिप्रा के तट पर जो भी श्रद्धालु अपने पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति मिलती है. वहीं साधु संतों द्वारा और श्री कुबेर राज संगठन मध्य प्रदेश न सड़क हादसों में या अन्य प्रकार से मृत हुई गौमाता की आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम रखा. इसमें गायों का तर्पण कराया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में साधु संत और पंडित पुजारी शामिल हुए.

ये है मान्यता : मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर जो भी श्रद्धालु स्नान करने आता है या किसी मृत व्यक्ति की अस्थियां यहां ठंडी करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति मिलता है. माना जाता है कि मां मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर यदि तर्पण या पितृ दोष की पूजा कराई जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति मिलती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है क्योंकि वनवास के दौरान राम जी ने अपने पिता दशरथ का तर्पण उज्जैन के रामघाट पर कराया था. वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण, सीता उज्जैन आए थे. इसलिए यहां का महत्व और बढ़ जाता.

ये खबरें भी पढ़ें...

श्री कुबेर राज संगठन : शिप्रा के रामघाट पर श्री कुबेर राज संगठन मध्य प्रदेश की ओर से बड़ी संख्या में साधु संत और पंडित पुजारी सम्मिलित हुए. सड़क हादसों में या अन्य कर्म से गौ माता की मृत्यु हो जाती है उनकी आत्मा की शांति के लिए गौ माता का तर्पण कराया गया. संतों ने बताया कि इस मौके पर प्रार्थना की गई कि जिस गाय माता का दूध हम जिंदगी भर पीते हैं और वह हमें पालती है, उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण कराया गया है.

उज्जैन। पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उज्जैन की मां मोक्षदायिनी क्षिप्रा के तट पर आकर तर्पण करते हैं. माना जाता है कि मां शिप्रा के तट पर जो भी श्रद्धालु अपने पूर्वजों की शांति के लिए तर्पण करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति मिलती है. वहीं साधु संतों द्वारा और श्री कुबेर राज संगठन मध्य प्रदेश न सड़क हादसों में या अन्य प्रकार से मृत हुई गौमाता की आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम रखा. इसमें गायों का तर्पण कराया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में साधु संत और पंडित पुजारी शामिल हुए.

ये है मान्यता : मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर जो भी श्रद्धालु स्नान करने आता है या किसी मृत व्यक्ति की अस्थियां यहां ठंडी करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति मिलता है. माना जाता है कि मां मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर यदि तर्पण या पितृ दोष की पूजा कराई जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति मिलती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है क्योंकि वनवास के दौरान राम जी ने अपने पिता दशरथ का तर्पण उज्जैन के रामघाट पर कराया था. वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण, सीता उज्जैन आए थे. इसलिए यहां का महत्व और बढ़ जाता.

ये खबरें भी पढ़ें...

श्री कुबेर राज संगठन : शिप्रा के रामघाट पर श्री कुबेर राज संगठन मध्य प्रदेश की ओर से बड़ी संख्या में साधु संत और पंडित पुजारी सम्मिलित हुए. सड़क हादसों में या अन्य कर्म से गौ माता की मृत्यु हो जाती है उनकी आत्मा की शांति के लिए गौ माता का तर्पण कराया गया. संतों ने बताया कि इस मौके पर प्रार्थना की गई कि जिस गाय माता का दूध हम जिंदगी भर पीते हैं और वह हमें पालती है, उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण कराया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.