सिंगरौली। आंगनबाड़ी योजना के तहत घर से भोजन लेने निकली सात वर्षीय बालिका जंगल में रास्ता भटक गई. बच्ची की गुमशुदगी की सूचना पाकर जब पुलिस ने सर्च आपरेशन चलाया तो वह बच्ची जंगल में बेहोश हालत में मिली. तीन दिन से भूखे प्यासे रहने के कारण वह बालिका बेहाेश हो गई थी. पुलिस तीन दिन के बाद बालिका की तलाश कर पायी. (Singrauli police found her in forest unconscious)
जाने पूरा मामलाः मिली जानकारी के अनुसार पौष्टिक भोजन के लिए जमगड़ी आंगनबाडी केंद्र पर गई सात साल की मासूम पुष्पा रास्ता भटक गई और लौटते समय जंगल में चली गई. जहां वह तीन दिन तक जंगल में भूखे-प्यासे वहीं पड़ी रही. स्थानीय लोगों, सराय पुलिस व ग्राम रक्षा समिति की मदद से लापता बच्ची को ढूंढने के लिए सघन अभियान चलाया गया. तीन दिन बाद बच्ची अचेत अवस्था में जंगल मिली. पहले ऐसी अफवाहें थीं कि पुष्पा यौन शोषण का शिकार हुई होगी. यह खबर सुनकर पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे थे. अर्जुन सिंह ने 6 सितंबर को साझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत अपनी सात वर्षीय बेटी पुष्पा को आंगनवाड़ी केंद्र भेजा था. जब वह देर रात्रि तक घर नहीं लौटी तो सरई पुलिस को लापता होने की सूचना दी गई. यह आशंका जतायी गई कि शायद पुष्पा यौन शोषण का शिकार हो गई. यह खबर सुनकर टीआई नेहरू सिंह ने तत्काल खंडा में पुलिस दल गठित किया. ग्राम रक्षा समिति व ग्रामीणों के माध्यम से तलाशी शुरू की. तीसरे दिन पुष्पा ओबरी के जंगल में अचेत मिली. बालिका के मिलने पर पुलिस उसे तुरंत सरई अस्पताल ले आयी. अस्पताल में उसका इलाज शुरू किया गया. बीती शाम से उसकी हालत में काफी सुधार हो रहा है. पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि पुष्पा का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. (Singrauli she lost her way in forest)