उज्जैन/भोपाल: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार को एक निजी होटल में उद्योगपतियों के साथ इन्वेस्टर समिट को लेकर चर्चा की गई. इस समिट के जरिए प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने और निवेशकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश की राजधानी भोपाल में आगामी 24 और 25 फरवरी को आयोजित होने वाली 'मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट' का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
उद्योग पर हुई चर्चा
एमपीआईडीसी के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सोमवार को एक निजी होटल में 'उद्यमी संवाद कार्यक्रम' आयोजित हुआ. उज्जैन समिट से पहले इस कार्यक्रम का लक्ष्य निवेशकों को इसकी जानकारी देना और संवाद स्थापित करने के लिए किया गया. आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय कार्यालय के संचालक राजेश राठौर ने प्रदेश में उद्योगों की संभावनाओं और सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी.
भारी मात्रा में है खनिज और संसाधन
एमपीआईडीसी के क्षेत्रीय कार्यालय संचालक राजेश राठौर ने कहा, " मध्य प्रदेश औद्योगीकरण के लिए एक अनुकूल राज्य है. जहां भारी मात्रा में खनिज और संसाधन उपलब्ध हैं. जिनमें कॉपर, मैंगनीज और चूना पत्थर समेत हीरे प्रमुख हैं. इसके अलावा किसानी के क्षेत्र में गेहूं, सोयाबीन, चावल, मिर्च, लहसुन, धनिया और प्याज समेत कपास जैसी फसलों का व्यापक उत्पादन होता है. जो कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाता है."
उद्योगपतियों की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर समाधान
मध्य प्रदेश सरकार के औद्योगिकीकरण अभियान के अंतर्गत उज्जैन संभाग को भी व्यापक रूप से विकसित किया जा रहा है. उज्जैन, देवास, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, रतलाम और आगर-मालवा जिलों के लिए उज्जैन में एमपीआईडीसी का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया गया है. इससे उद्योगपतियों की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर समाधान करने में मदद मिलेगी.
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मध्य प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों और सरल प्रक्रियाओं के साथ निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं के कारण राज्य में उद्योग स्थापित करने की संभावनाएं लगातार बढ़ रही है. आगामी मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के जरिए प्रदेश में अधिक निवेश होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी.