ETV Bharat / state

किसानों ने कंपनी के कर्मचारियों को एसडीएम कार्यालय में बनाया बंधक

शिवपुरी के किसानों से एक कंपनी ने अनुबंध कर मटर की फसल तो तैयार करवा ली. इसके बाद भाव गिरा तो खरीदने से इंकार कर दिया. अब जह किसानों ने कंपनी के कर्मचारियों को देखा तो उन्हें एसडीएम कार्यालय में बंधक बना लिया.

Shivpuri News Hindi
शिवपुरी न्यूज हिंदी
author img

By

Published : Apr 16, 2023, 7:18 PM IST

शिवपुरी किसानों ने कंपनी के कर्मचारियों को बनाया बंधक

शिवपुरी। जिले में उत्तर प्रदेश की एक कंपनी ने कोलारस क्षेत्र के एक सैंकड़ा से अधिक किसानों से अनुबंध के आधार पर खेती करवाई. जब फसल तैयार हो गई तो न कंपनी के जिम्मेदार खरीदने के लिए किसान के पास पहुंचे और न ही वह एजेंट जिन्होंने किसानों से संपर्क कर किसानों से अनुबंध के आधार पर यह खेती करवाई थी. किसानों ने 2 माह बाद एजेंट और कंपनी के कर्ताधर्ता को शिवपुरी से पकड़ लिया. इसके बाद वह उन्हें एसडीएम कार्यालय ले गए लेकन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ये है मामला: जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की मुकेश कुमार ने ओम साईं नाम से एक एग्री कंपनी बनाई. इस कंपनी के माध्यम से वह किसानों से अनुबंध के आधार पर खेती करवाते हैं. इसी क्रम में उन्हाेंने अक्टूबर माह में क्षेत्रीय किसानों को एजेंट बनाकर एक सैंकड़ा से अधिक किसानों से संपर्क किया और उन्हें एक-एक क्विंटल मटर का बीज बिना कोई दाम लिए वितरित किया. कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने किसानों के साथ हुए मौखिक अनुबंध के अनुसार यह तय किया कि उन्हें कंपनी द्वारा आज दिए गए बीज का दोगुना बीज फसल आने के उपरांत कंपनी को वापिस करना होगा. इसके अलावा जितनी भी फसल उनके खेत में निकलेगी. वह उस फसल को 5 हजार रुपये क्विंटल के भाव से खरीदेंगे. फिर चाहे बाजार में मटर का कोई भी भाव चल रहा हो.

एसडीएम आफिस में बनाया बंधक: मटर की फसल फरवरी में पक कर तैयार हो गई. इसके बाद किसानों ने कंपनी के लोगों को तलाशना शुरू कर दिया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. उनका फोन भी स्विच आफ हो गया. इस पर किसानों ने अनंतपुर निवासी टीटू रघुवंशी नामक उस एजेंट से संपर्क किया जिसने उन्हें यह बीज दिलवाया था. टीटू ने कपराना निवासी सचिन नाम के एजेंट से ग्रामीणों का संपर्क करवाया और गुरूवार को किसान सचिन सहित जालौन निवासी कंपनी के कर्ताधर्ता मुकेश कुमार को शिवपुरी में देवेंद्र जैन के गोदाम पर से पकड़कर कोलारस एसडीएम कार्यालय ले गए. यहां से उन्होंने एसडीएम को फोन लगाकर मामले में कार्रवाई की मांग की. हालांकि वह एसडीएम आफिस में लंबे समय तक बैठे रहे, लेकिन वहां कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा.

फसल खरीदने के लिए तैयार व्यापारी: कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने किसानों से कहा कि वह 3500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से उन्हें फसल बेच दें, लेकिन किसान नहीं माने. उनका कहना था कि हमारा आपका 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल में सौदा तय हुआ था. ऐसे में हम 3500 के भाव में फसल कैसे बेच दें. घंटों तक हुई बैठक के बाद व्यापारी किसानों से 4500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में फसल खरीदने के लिए तैयार हो गया.

इस खबर से मिलती-जुलती इन खबरों को जरूर पढ़ें...

मौखिक हुआ था अनुबंध: कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने ग्राम देहरदा सड़क, रिजौदा, इंदार, झूर, ढोंढयाई, लुकवासा, अनंतपुर, विनेका, बहगवां, उकावल, टपरन, अटरूनी सहित कई अन्य गांवों में सैंकड़ों बीघा जमीन में मटर की फसल करवाई थी और जिन किसानों से उक्त लोगों ने मौखिक अनुबंध किया था उनमें उमेश रघुवंशी, सरवन रघुवंशी, अन्नू रघुवंशी, सीटू रघुवंशी, भारत सिंह परमार, दीपक रघुवंशी, देवेंद्र रघुवंशी सहित एक सैंकड़ा किसान शामिल हैं. नीतेश रघुवंशी किसान ग्राम देहरदा का कहना है कि कंपनी के एजेंटों ने हमसे फसल करवा ली. इसके बाद हमारी फसल खरीदने में आनाकानी करने लगे. जब उन्होंने जबरदस्ती की तो 3500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में फसल खरीदने तैयार हुआ. अब जब हम इन्हें एसडीएम कार्यालय ले आए तो यह 4500 रुपये का भाव देने के लिए तैयार हो गया है.

शिवपुरी किसानों ने कंपनी के कर्मचारियों को बनाया बंधक

शिवपुरी। जिले में उत्तर प्रदेश की एक कंपनी ने कोलारस क्षेत्र के एक सैंकड़ा से अधिक किसानों से अनुबंध के आधार पर खेती करवाई. जब फसल तैयार हो गई तो न कंपनी के जिम्मेदार खरीदने के लिए किसान के पास पहुंचे और न ही वह एजेंट जिन्होंने किसानों से संपर्क कर किसानों से अनुबंध के आधार पर यह खेती करवाई थी. किसानों ने 2 माह बाद एजेंट और कंपनी के कर्ताधर्ता को शिवपुरी से पकड़ लिया. इसके बाद वह उन्हें एसडीएम कार्यालय ले गए लेकन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ये है मामला: जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की मुकेश कुमार ने ओम साईं नाम से एक एग्री कंपनी बनाई. इस कंपनी के माध्यम से वह किसानों से अनुबंध के आधार पर खेती करवाते हैं. इसी क्रम में उन्हाेंने अक्टूबर माह में क्षेत्रीय किसानों को एजेंट बनाकर एक सैंकड़ा से अधिक किसानों से संपर्क किया और उन्हें एक-एक क्विंटल मटर का बीज बिना कोई दाम लिए वितरित किया. कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने किसानों के साथ हुए मौखिक अनुबंध के अनुसार यह तय किया कि उन्हें कंपनी द्वारा आज दिए गए बीज का दोगुना बीज फसल आने के उपरांत कंपनी को वापिस करना होगा. इसके अलावा जितनी भी फसल उनके खेत में निकलेगी. वह उस फसल को 5 हजार रुपये क्विंटल के भाव से खरीदेंगे. फिर चाहे बाजार में मटर का कोई भी भाव चल रहा हो.

एसडीएम आफिस में बनाया बंधक: मटर की फसल फरवरी में पक कर तैयार हो गई. इसके बाद किसानों ने कंपनी के लोगों को तलाशना शुरू कर दिया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. उनका फोन भी स्विच आफ हो गया. इस पर किसानों ने अनंतपुर निवासी टीटू रघुवंशी नामक उस एजेंट से संपर्क किया जिसने उन्हें यह बीज दिलवाया था. टीटू ने कपराना निवासी सचिन नाम के एजेंट से ग्रामीणों का संपर्क करवाया और गुरूवार को किसान सचिन सहित जालौन निवासी कंपनी के कर्ताधर्ता मुकेश कुमार को शिवपुरी में देवेंद्र जैन के गोदाम पर से पकड़कर कोलारस एसडीएम कार्यालय ले गए. यहां से उन्होंने एसडीएम को फोन लगाकर मामले में कार्रवाई की मांग की. हालांकि वह एसडीएम आफिस में लंबे समय तक बैठे रहे, लेकिन वहां कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा.

फसल खरीदने के लिए तैयार व्यापारी: कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने किसानों से कहा कि वह 3500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से उन्हें फसल बेच दें, लेकिन किसान नहीं माने. उनका कहना था कि हमारा आपका 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल में सौदा तय हुआ था. ऐसे में हम 3500 के भाव में फसल कैसे बेच दें. घंटों तक हुई बैठक के बाद व्यापारी किसानों से 4500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में फसल खरीदने के लिए तैयार हो गया.

इस खबर से मिलती-जुलती इन खबरों को जरूर पढ़ें...

मौखिक हुआ था अनुबंध: कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने ग्राम देहरदा सड़क, रिजौदा, इंदार, झूर, ढोंढयाई, लुकवासा, अनंतपुर, विनेका, बहगवां, उकावल, टपरन, अटरूनी सहित कई अन्य गांवों में सैंकड़ों बीघा जमीन में मटर की फसल करवाई थी और जिन किसानों से उक्त लोगों ने मौखिक अनुबंध किया था उनमें उमेश रघुवंशी, सरवन रघुवंशी, अन्नू रघुवंशी, सीटू रघुवंशी, भारत सिंह परमार, दीपक रघुवंशी, देवेंद्र रघुवंशी सहित एक सैंकड़ा किसान शामिल हैं. नीतेश रघुवंशी किसान ग्राम देहरदा का कहना है कि कंपनी के एजेंटों ने हमसे फसल करवा ली. इसके बाद हमारी फसल खरीदने में आनाकानी करने लगे. जब उन्होंने जबरदस्ती की तो 3500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में फसल खरीदने तैयार हुआ. अब जब हम इन्हें एसडीएम कार्यालय ले आए तो यह 4500 रुपये का भाव देने के लिए तैयार हो गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.