शिवपुरी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक भूमाफिया को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके कब्जे से फर्जी शासकीय दस्तावेज और फर्जी सील जब्त की गई है. दरअसल 16 सितंबर 2020 को आवेदक तोमर सिंह धाकड़ ने लिखित आवेदन एसडीओपी के समक्ष पेश किया था, जहां जांच के दौरान सरकारी कागजों में हेराफेरी कर शासकीय जमीन की बंदरबांट का मामला पाया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने एसडीओपी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय एसआईटी गठित की. एसआईटी द्वारा आरोपी सोनू राठौर को हिरासत में लिया गया, जिसने पूछताछ में सत्यम श्रीवास्तव का नाम लेकर सैकड़ों हेक्टेयर शासकीय जमीन के फर्जी पट्टे की बात कबूल की.
इन पट्टों के लिए रिकॉर्ड तहसील कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 प्रीतम और कैलाश उपलब्ध कराते थे, जबकि बंदोबस्त के समय का अधिकार मूल खसरे कलेक्ट्रेट कार्यालय के रिकॉर्ड शाखा में पदस्थ बाबू प्रताप पुरी और जीतू उपलब्ध कराते थे. इन रिपोर्ट के माध्यम से फर्जी आदेश और फर्जी पट्टे तैयार किए जाते थे. वहीं सील सिक्के लगाकर फर्जी हस्ताक्षर किया जाता था. फिर इन आदेशों को बाबू के माध्यम से बैक डेट में दायरा रजिस्टर में इंद्राज कराकर खसरों की मूल प्रतियों में दर्ज करते थे, जिन्हें रिकॉर्ड रूम में जमा कराया जाता था. इन आदेशों को कंप्यूटर पर पटवारी देवेंद्र द्वारा दर्ज करवाया जाता था.
इस पूरे फर्जीवाड़े में कई अन्य पटवारी और शासकीय कर्मचारियों के संलिप्त होने की आशंका है, आरोपी बीनू श्रीवास्तव के गिरफ्तार होने पर पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा. फिलहाल आरोपी सोनू राठौर की निशानदेही पर बड़ी मात्रा में फर्जी शासकीय दस्तावेज और फर्जी सील जब्त की गई है. अब तक की जांच में 147 लोगों को लगभग 250 हेक्टेयर शासकीय जमीन फर्जी पट्टे वितरित कर दी गई है, जिसमें लगभग 1.5 से 2 करोड़ रुपये की राशि ठगी गई है.
इस मामले में एसडीओपी निरंजन सिंह राजपूत, थाना प्रभारी सतीश सिंह चौहान, उप निरीक्षक अरविंद चौहान, उप निरीक्षक योगेंद्र सिंह सेंगर, उप निरीक्षक पूर्णिमा लांबे, महिला आरक्षक, आरक्षक राम अवतार रावत, की सराहनीय भूमिका रही.